टैनिस की नई पोस्टर गर्ल बनी इगा स्विटेक

20 20 में जब इगा स्विटेक गैर वरीयता प्राप्त खिलाड़ी थीं तो उन्होंने चौथी वरीयता प्राप्त अमरीका की सोफिया केनिन को सीधे सेटों 6-4, 6-1 में हराकर अपना पहला फ्रैंच ओपन खिताब जीता था और इस तरह ग्रैंडस्लैम खिताब हासिल करने वाली वह पोलैंड की पहली खिलाड़ी बनीं थीं। 2020 फ्रैंच ओपन के बाद से 21 वर्षीय इगा स्विटेक ने अपने सभी नौ डब्ल्यूटीए फाइनल्स जीते हैं और वह भी सीधे सेटों में। गौफ्फ पर जीत उनकी लगातार 35वीं जीत थी, जिससे उन्होंने इस शताब्दी में वीनस विलियम्स की सबसे लम्बी जीते के सिलसिले की बराबरी की। इस तरह इगा स्विटेक टैनिस की नई पोस्टर गर्ल बन गई हैं। लेकिन यह निरन्तरता व दबदबा पिछले 7-9 वर्षों से महिला टेनिस में देखने को नहीं मिल रहा है, इसलिए इतनी सारी नई ग्रैंडस्लैम विजेता हो गई हैं। इगा स्विटेक शायद इस सिलसिले को तोड़ने के कगार पर हैं, लेकिन उनका भी मानना है कि महिला टेनिस निरन्तरता से संघर्ष कर रहा है। इसलिए वह कहती हैं, ‘मुझे अगले कुछ वर्षों तक निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना होगा, तभी मैं बेस्ट प्लेयर की श्रेणी में आ सकूंगी।’ गौरतलब है कि महिला टेनिस में इस समय केवल 10 ही खिलाड़ी हैं जिनके पास एक से अधिक ग्रैंडस्लैम ख़िताब है। अगर सेरेना विलियम्स को अपवाद के तौर पर छोड़ दें तो पिछले दस वर्षों के दौरान महिला टैनिस में हुआ यह है कि कोई खिलाड़ी एकदम से उभरती है, एक या दो ग्रैंडस्लैम जीतती है और फिर उसका नाम सुनने को नहीं मिलता। इसलिए कोई भी यह उम्मीद नहीं जगाती कि सेरेना विलियम्स के 23 ग्रैंडस्लैम खिताबों के आस पास भी पहुंच सकेगी। क्या इगा स्विटेक लम्बे समय तक टैनिस सर्किट पर अपनी छाप छोड़ने में सक्षम हैं? अगर इगा स्विटेक के खेल व व्यक्तित्व की समीक्षा की जाये तो वह पुरानी व नई शैली का मिश्रण प्रतीत होती हैं। वह अपनी सर्व के पीछे आने से नहीं डरती हैं, कोर्ट का प्रयोग ऐसे करती हैं जैसे वह उनका बैडरूम हो, हर कोना, कोण व लाइन अपना बना लेती हैं। दोनों फ्लेंक्स में न सिर्फ  मज़बूत हैं बल्कि प्रभावी हैं। उनका तेज़ तर्रार फोरहैंड बहुत डिसेप्टिव है।31 मई 2001 को वॉरसॉ, पोलैंड में पैदा हुईं इगा स्विटेक के पिता टोमास्ज़ पूर्व ओलम्पिक रोवर हैं। उन्होंने 1988 के सियोल ओलम्पिक्स के पुरुष क्वैडरुप्ल स्कल्स में हिस्सा लिया था। इगा स्विटेक की बदौलत पोलैंड ने 2016 में जूनियर फेड कप जीता। उन्होंने 2018 में जूनियर विम्बलडन जीता। उनका प्रोफेशनल करियर 2016 में आईटीएफ  सर्किट से शुरू हुआ और उन्होंने जिन सात प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया उन सभी में विजय हासिल की। उसने कहा, ‘यह क्रेज़ी है। चार वर्ष पहले मैंने जूनियर ग्रैंडस्लैम जीता था और अब मैं यहां हूं। समय कितनी जल्दी गुज़र जाता है। मैं हर साल राफेल नडाल को ट्राफी उठाते हुए देखती थी और अब मैं उसी जगह पर खड़ी हूं।’ 

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर