मिताली राज की क्रिकेट को अलविदा

भारतीय महिला क्रिकेट की महान खिलाड़ी मिताली राज ने 8 जून, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उन्होंने अपने क्रिकेट के 23 वर्ष के करियर में बहुत बड़ी उपलब्धियां प्राप्त कीं हैं। महिला क्रिकेट में डाले उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मिताली का जन्म 3 दिसम्बर, 1982 में राजस्थान के जोधपुर शहर में हुआ था। मिताली राज के माता-पिता आंध्र प्रदेश के रहने वाले थे। उनके पिता धीरज राज डोराई का भारतीय वायुसेना, जोधपुर में तबादला होने के कारण वह अपने परिवार सहित जोधपुर में ही बस गये। उनकी माता लीला राज और भाई मिथुन राज हैं। मिथाली राज बचपन में भरतनाट्यम की क्लासिक कंदबमत थी। इसके लिए मिताली नित्य प्रशिक्षण केंद्र जाया करती थीं। उन्होंने कई कार्यक्रमों में स्टेज पर प्रस्तुति भी दी। साथ ही सचिन तेंदुलकर को खेलते देखने के बाद इनकी रुचि क्रिकेट में बढ़ने लगी। तभी उनकी डांस ट्रेनर ने सफल होने के लिए एक विषय को चुनने को कहा। मिताली ने क्रिकेट को ही अपना भविष्य चुना। आज मिताली जो कुछ भी हैं इसका श्रेय माता-पिता और भाई मिथुन राज को जाता है। आज की शीर्ष क्रिकेट खिलाड़ी मिताली राज के पहले कोच उनके भाई मिथुन राज ही थे। उन्होंने बहन को खेलना सिखाया। मिताली राज ने अपने क्रिकेट करियर का पहला एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच 1999 में आयरलैंड के खिलाफ  खेला था। उस समय यह मात्र 17 वर्ष की थी। उस मैच में राज ने 114 रनों की नाबाद पारी खेलकर खुद को साबित कर दिया था। मिताली राज ने वर्ष 2001-02 में इंग्लैंड के खिलाफ  अपना पहला मैच खेला था। अपने पहले ही मैच में वह खाता नहीं खोल पाई थी। यह मैच कानपुर के ग्रीन पार्क क्रिकेट ग्राऊंड में खेला गया था। राज ने इंग्लैंड के खिलाफ  ही खेलते हुए अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के सर्वाधिक व्यक्तिगत 214 रनों की पारी खेली। इसके बाद मिताली राज को भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनाया गया। 2006 के दौरे के दौरान इंग्लैंड को उसी के घर में सीरीज़ हराई। इसके बाद राज ने महिला क्रिकेट विश्व कप 2005, 2010, 2011 और 2012 में भारतीय टीम की कप्तानी की। मिताली दाहिने हाथ की आक्रामक शैली की बल्लेबाज और साथ ही दाएं हाथ से लेग ब्रेक गेदबाज़ भी रही हैं। इन्होंने ज्यादा गेंदबाज़ी नहीं की, फिर भी इनकी की गेंदबाज़ी में 8 विकेट तथा 53 कैच विकेट की उपलब्धि है। मिताली ने 232 अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैच खेले हैं जिनमें  उन्होंने 50 से अधिक की औसत से 7805 रन बनाए हैं, जिनमें 7 शतकीय तथा 64 अर्धशतकीय परियां शामिल हैं। टैस्ट में दोहरा शतक लगाने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने साल 2019 में ही टी-20 एकदिवसीय से संन्यास की घोषणा कर दी थी। अपने टी-20 एकदिवसीय करियर में मिताली ने 89 मैच में 2,364 रन बनाएं। यह किसी भारतीय महिला क्रिकेटर का इस फार्मेट में सर्वाधिक रन हैं। उन्होंने 12 टैस्ट, 232 एकदिवसीय और 89 टी-20 मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया। मिताली राज को उसकी शानदार खेल उपलब्धियों के लिए वर्ष 2003 में अर्जुन पुरस्कार तथा वर्ष 2017 में ‘विजडन लीडिंग वुमैन क्रिकेटर इन द वर्ल्ड’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें वर्ष 2015 में पद्म श्री अवार्ड भी मिल चुका है तथा वर्ष 2021 में खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया था।