सेरेना विलियम्स एक लीजेंड को अलविदा...!

बचपन में ही जिन सेरेना विलियम्स का महिला टेनिस में सर्वकालिक लीजेंड बनना तय हो गया था,वह 40 वर्षीय दिग्गज इस वर्ष के यूएस ओपन के बीच में ही ‘टेनिस से दूर जा रही हैं’। जी,हां आपने बिल्कुल सही सुना है, सेरेना विलियम्स ने प्रोफेशनल टेनिस को अलविदा कह दिया है। 2 सितम्बर 2022 की रात उन्होंने अपना अंतिम एकल मैच खेला। तीसरे चक्र के मैच में कड़ा मुकाबला करते हुए वह अजला टोमलजानोविच से 5-7,7-6(4),1-6 हार गईं। इस प्रकार टेनिस इतिहास में सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शामिल सेरेना के करियर पर पर्दा गिर गया। अपने शानदार करियर के दौरान उन्होंने 23 ग्रैंड स्लैम एकल ख़िताब, 16 ग्रैंड स्लैम युगल व चार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने के अतिरिक्त संसार को ऐसे प्रेरक पल दिए जो हमेशा याद रखे जायेंगे। अपने अंतिम ग्रैंडस्लैम में भी वह जिस प्रकार का जुझारूपन का प्रदर्शन करते हुए शानदार कर रही थीं, उससे यही प्रतीत हो रहा था कि उनमें 2-3 साल का टेनिस अभी शेष है। लेकिन टॉप पर बने रहने के लिए बहुत कुर्बानियां देनी पड़ती हैं और उम्र के 40वें बसंत में वह इसके लिए तैयार न थीं, क्योंकि वह मां की भूमिका और सेरेना के दूसरे रूप को एक्सप्लोर करने की इच्छुक हैं। सात ग्रैंडस्लैम एकल ख़िताब जीतने वाली अपनी बड़ी बहन वीनस का सम्मान करते हुए उन्होंने अपने अंतिम मैच के बाद कहा, ‘अगर वीनस न होती तो सेरेना भी न होती, इसलिए शुक्रिया वीनस।’ अपना बचपना अपराध-ग्रस्त कॉम्पटन, केलिफोर्निया में गुज़ारने के बाद सेरेना व वीनस ने विश्व के टेनिस कोर्ट्स पर राज किया और उस खेल में महारत हासिल की जिसमें श्वेतों का वर्चस्व था। दरअसल, सेरेना व वीनस को नंबर 1 बनाने के लिए उन्हें एक तरह से ‘ब्रेनवाश’ किया गया था। जब दोनों बहनें बच्ची थीं तो उनके बचपन के कोच रिक मैकी और उनके पिता रिचर्ड दूसरे बच्चों की बातें नहीं करते थे बल्कि मार्टिना नवरातिलोवा, स्टेफी ग्राफ की ही चर्चा करते थे और यह भी कि सेरेना व वीनस किस तरह उन जैसी बनेंगीं। दोनों बहनों के शुरआती वर्षों को मैकी ने ही फंड किया था। जब वीनस 10 वर्ष की और सेरेना 9 साल की थीं तब रिचर्ड ने मैकी से उन्हें कोच करने का आग्रह किया था।
मैकी के अनुसार, ‘मैं कॉम्पटन के बारे में कुछ नहीं जानता था। यह 90 के दशक के शुरू की बात है। मैंने वहां दंगों व इस किस्म के अपराधों के बारे में ही सुन रखा था और रिचर्ड ने मुझसे कहा- हे रिक, मैं वायदा करता हूं कि तुम्हें कोई गोली नहीं मारेगा।’ मैकी विख्यात कोच हैं। उन्होंने जेनिफर कैप्रियाती, एंडी रोडडिक व मारिया शारापोवा को भी कोच किया है। जिस रात मैकी कॉम्पटन पहुंचे तो रिचर्ड ने एक काग़ज़ निकालकर उनसे सवाल करने शुरू कर दिए। मैकी को यह अच्छा लगा कि रिचर्ड बिना सोचे समझे किसी को अपने सर्किल में शामिल नहीं करना चाहते थे। रिचर्ड को एक अनुभवी व्यक्ति की ज़रुरत थी, जो यह काम पहले कर चुका हो और साथ ही पिता तुल्य व रोल मॉडल भी हो। अगले दिन सुबह 7 बजे बस आयी। मैकी, सेरेना व वीनस पब्लिक पार्क गये, जहां दोनों बहनों ने ट्रेनिंग शुरू की। मैकी से कहा गया था कि वह ईस्ट कॉम्पटन कंट्री क्लब जा रहे हैं। वह पब्लिक पार्क पहुंचे, जहां लोग बास्केटबॉल खेल रहे थे, कुछ सिगरेट व शराब पी रहे थे और कुछ घास पर सो रहे थे। जब वह इन लोगों के पास से निकले तो किसी ने कहा, ‘हे किंग रिचर्ड!’ मैकी को यह पागलपन लगा। वहां कुछ लोग विलियम्स परिवार को लेकर बहुत प्रोटेक्टिव थे। बहनों को कोर्ट पर देखकर मैकी तुरंत प्रभावित नहीं हुए थे। उनके अनुसार, ‘वीनस व सेरेना की टांगें, हाथ, बाल, पैर इधर-उधर को जा रहे थे, उनके बालों में लगी चीज़ें गिर रही थीं और मैं सोच रहा था कि मैं कॉम्पटन में क्या कर रहा हूं ? मुझे गाड़ी पटरी से उतरी हुई दिखायी दी। दोनों बहनें दौड़ सकती थीं, एथलेटिक्स के अतिरिक्त मुझे उनमें कुछ भी विशेष दिखायी नहीं दिया।’ लेकिन जब मैकी ने दोनों बहनों से कहा कि वह पॉइंट्स के लिए खेलें तो पूरा नक्शा ही बदल गया। मैकी के अनुसार, ‘मैं और सेरेना वीनस के विरुद्ध खेले, जो अधिक परिपक्व खिलाड़ी थी। फुटवर्क गजब का था, तैयारी बेहतर थी और मैं उनमें सफल होने का जोश बल्कि आग देख सकता था। मैंने देखा कि दो बच्चियां गेंद हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही थीं। मैंने कैप्रियाती व शारापोवा को देखा है, लेकिन यह तो कुछ अलग ही था। वह इतना दौड़ रही थीं कि लगभग गिरने की स्थिति में आ जातीं और उनकी नाक कोर्ट को स्पर्श कर जाती। मैकी को युवा बहनों में अगली महिला माइकल जोर्डन दिखायी देने लगी । सेरेना का जीवनपथ इतना सुनियोजित मैप किया गया था कि 9-10 साल की आयु में भी वह खुद को विश्व नंबर 1 समझती थीं। सेरेना के रिटायरमेंट पर मैकी को आश्चर्य नहीं हुआ है। उन्हें लगता है कि दोनों बहनें अब युगल टेनिस खेलेंगी। लेकिन इससे भी बढ़कर यह कि सेरेना अगली पीढ़ी को प्रेरित करेंगी। मैकी का कहना है, ‘ऐसी बहनें फिर कभी देखने को नहीं मिलेंगी। जब वह बच्चियां थीं तो एक दूसरे का हाथ पकड़कर स्किप करती थीं, अब 40 से ऊपर का होकर भी एक-दूसरे का हाथ पकड़कर स्किप करती हैं। यह विशेष हैं, इनका आपस में प्रेम अविश्वसनीय है, जिसमें ईर्ष्या नाममात्र भी नहीं है।’ रिचर्ड आज भी मैकी के शुक्त्रगुज़ार हैं।
    -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर