शतरंज ओलम्पियाड : क्या हरिका भारत को मैडल दिला पायेंगी ?

भारत की 31 वर्षीय ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणावल्ली गर्भावस्था  में शतरंज ओलम्पियाड में हिस्सा लेने के लिए खुद से निर्णय ले चुकी हैं। इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे मुख्य आकर्षण यह है कि शतरंज ओलम्पियाड पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है। यह ओलम्पियाड जुलाई में महाबलीपुरम में खेला जायेगा। हरिका भारतीय महिला टीम का हिस्सा हैं।हरिका इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए मानसिक रूप से तैयार है। शतरंज ओलम्पियाड में भाग न लेना भी उनकी मूल योजना में शामिल था क्योंकि इसका आयोजन रूस में होना था, लेकिन यूक्रेन पर हमला करने की वजह से रूस से मेज़बानी के अधिकार छीन लिए गये। प्रतियोगिता को पहले चेन्नई और बाद में  महाबलीपुरम शिफ्ट कर दिया गया, जोकि हरिका का पसंदीदा वेन्यू है। भारत में शतरंज ओलम्पियाड का पहली बार आयोजन हरिका के लिए अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने हेतु पर्याप्त प्रेरणा थी। महाबलीपुरम में हरिका के पति व दादी उनके साथ होंगे और आल इंडिया चैस फैडरेशन की ओर से होटल में एक एम्बुलैंस स्टैंडबाई पर रहेगी।गुंटूर, आंध्र प्रदेश की हरिका फिलहाल हैदराबाद में रहती हैं। वह 2011 में ग्रैंडमास्टर बनी थीं। महिला वर्ग में उनकी विश्व रैंकिंग 10 है और फि डे में उनकी वर्तमान रेटिंग 2517 है। महिला विश्व शतरंज प्रतियोगिता में वह तीन (2012, 2015 व 2017 में) कांस्य पदक जीत चुकी हैं । उन्हें 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। भारत की सम्भावनाएं हरिका व कोनेरू हम्पी के खेल पर निर्भर करती हैं। गौरतलब है कि पिछले साल की वर्ल्ड टीम चैंपियनशिप में हरिका ने सात दिन में 11 मैच खेले, जिसकी बदौलत भारत को ऐतिहासिक रजत पदक मिला। गर्भवती महिलाओं ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बहुत कम ही भाग लिया है। 2012 लंदन ओलम्पिक में मलेशिया की शूटर, नूर सुरयानी मुहम्मद ताईबी ने हिस्सा लिया था। 2014 की यूएस ट्रैक एंड फील्ड चैम्पियनशिप में एलिसिया मोंटानो ने 800 मी. की दौड़ दौड़ी। सात ओलम्पिक पदक जीतने वाली डाना वोल्मेर ने 2017 में अमरीका की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 50 मी. फ्रीस्टाइल तैराकी में हिस्सा लिया। इन खिलाड़ियों को मैडल भले ही न मिले हों, लेकिन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना व थकान को पराजित करना अपने आप में दुनियाभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा व रूढ़िवादी परम्पराओं को तोड़ना है। ऐसा भी नहीं है कि गर्भधारण के दौरान महिला एथलीट्स ने पदक जीते ही न हों। 2017 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान सेरेना विलियम्स ने इस प्रतियोगिता का अपना सातवां एकल ख़िताब जीता था। 

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