सविता श्री एवं कोनोरु हम्पी  का शतरंज की बिसात पर शानदार प्रदर्शन

 

वर्ष 2022 के अंतिम दिनों में भारत की दो महिला शतरंज खिलाड़ियों ने अपनी शानदार उपलब्धियों से खेल प्रेमियों का दिल बाग बाग कर दिया। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में अलमाटी (कजाखस्थान) में खेली गई फीडे वर्ल्ड रैपिड एंड ब्लिट्ज चेस चैंपियनशिप में भारत की स्थापित खिलाड़ी 35-वर्षीय कोनोरु हम्पी ने महिला वर्ग के वर्ल्ड ब्लिट्ज में रजत पदक जीता और 15-वर्षीय बी सविता श्री ने महिला वर्ग के वर्ल्ड रैपिड में कांस्य पदक जीता। विश्व पदक जीतने वाली सविता सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं, इसलिए उन्होंने अपनी इस उपलब्धि से इतिहास रच दिया है। इस प्रतियोगिता के ओपन वर्ग में दोनों रैपिड व ब्लिट्ज के खिताब विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नॉर्वे के मैगनस कार्लसन ने जीते। इस प्रकार 2014 व 2019 के बाद उन्होंने एक बार फिर 2022 में विश्व शतरंज के तीनों मुख्य खिताब (क्लासिक, ब्लिट्ज व रैपिड) अपने नाम कर लिए हैं, हालांकि 2023 में वह अपने क्लासिक खिताब की रक्षा नहीं करेंगे। भारत के तेजी से उभरते पुरुष शतरंज खिलाड़ियों ने हाल के वर्षों के दौरान विश्व रैंकिंग में जबरदस्त तरक्की की है, लेकिन अलमाटी के ओपन वर्ग में उनमें से कोई भी टॉप-10 में अपना नाम दर्ज नहीं करा सका।
बहरहाल, ब्लिट्ज सेक्शन में हम्पी की शुरुआत बहुत धीमी हुई थी, लेकिन फिर 30 दिसंबर को उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और 17वें व अंतिम चक्त्र में वर्ल्ड रैपिड खिताब की विजेता जहोंग्यी तान को पराजित किया और इस प्रकार वर्ल्ड ब्लिट्ज का रजत पदक अपने नाम करने में सफल रहीं। पहले नौ चक्त्र में हम्पी केवल चार जीत ही दर्ज कर सकीं थीं और 40वें पायदान पर थीं, लेकिन इसके बाद उन्होंने सात प्रभावी जीत दर्ज कीं और 14वें चक्त्र में भारत की ही ड्रोनावाली हरिका से अपना मैच ड्रा किया। हम्पी का कुल स्कोर 12.5 अंक रहा। वह वर्ल्ड ब्लिट्ज की विजेता कजाखस्थान की बीबीसारा बालाबायेवा से मात्र आधा अंक पीछे रहीं। 
हम्पी के प्रदर्शन की एक हाईलाइट 17वें चक्त्र में चीन की जहोंग्यी तान को पराजित करना रहा। इस वजह से जहोंग्यी तान अपने वर्ल्ड रैपिड के गोल्ड मैडल में वर्ल्ड ब्लिट्ज का पदक न जोड़ सकीं। ब्लिट्ज प्रतियोगिता से पहले हुई रैपिड प्रतियोगिता में हम्पी छठे स्थान पर रहीं थीं, हालांकि वह पूर्व वर्ल्ड रैपिड विजेता हैं। अपने ब्लिट्ज प्रदर्शन के बारे में हम्पी ने ट्वीट किया, ‘आठ गेम्स में 7.5 अर्जित करने की वजह से मेरे लिए दिन परफेक्ट रहा, जिससे मुझे महिला वर्ल्ड ब्लिट्ज चैंपियनशिप में अपना पहला रजत पदक मिला।’ वर्ल्ड ब्लिट्ज में 10.5 अंक के साथ हरिका 13वें स्थान पर रहीं, जबकि पद्मिनी रावत को 17वां स्थान मिला। तानिया सचदेव 21वें स्थान पर रहीं और वर्ल्ड रैपिड में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली बी सविता श्री ब्लिट्ज में 9.5 अंक के साथ 33वें पायदान पर रहीं।
पहली बार विश्व मंच पर खेलते हुए रैपिड शतरंज में 2311 की रैंकिंग वाली 15 साल की बी सविता श्री ने वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप में 2478 स्तर पर प्रदर्शन करते हुए विश्व की कुछ श्रेष्ठ महिलाओं को पराजित करते हुए रिकॉर्ड कांस्य पदक हासिल किया। चेन्नै की इस किशोरी ने चार खिलाड़ियों के बीच हुए अंक टाई (जिसमें छटा स्थान पाने वाली हम्पी भी शामिल थीं) में पहला स्थान प्राप्त करके कांस्य पदक हासिल किया। सविता ने 11 में से प्रभावी 8 अंक अर्जित किये और अपने प्रदर्शन से उनकी इलो रेटिंग में 53 पॉइंट्स का इजाफा हुआ। स्वर्ण पदक चीन की जहोंग्यी तान को मिला और रजत पदक कजाखस्थान की दिनारा सदुआ कसोवा ने हासिल किया। सविता का निश्चितरूप से शानदार डेब्यू था, जिस पर पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने ट्वीट किया, ऽक्या गजब का डेब्यू था! वह महत्वकांक्षा व साहस से भरी हुई है। मुझे वास्तव में उसकी उपलब्धि पर गर्व है! इस पल को शेयर करके भी मुझे खुशी हो रही है। सविता श्री को संवारने के लिए कोच आरबी रमेश को मुबारकबाद। हम उम्मीद करते हैं कि यह महान करियर की शुरुआत है।
गौरतलब है कि सविता पिछले पांच वर्ष से रमेश की निगरानी में ट्रेनिंग कर रही हैं और वह वेस्टब्रिज आनंद चेस अकादमी (डब्लूएसीए) के इलीट ग्रुप की सदस्य भी हैं, जिसे आनंद व कुछ चुने हुए कोच ट्रेन करते हैं। रमेश ने बताया, ‘मैं बहुत खुश हूं और सविता के विकास में डब्लूएसीए की भूमिका को स्वीकार करता हूं। मुझे उम्मीद है कि वह भारत के लिए मजबूत एसेट साबित होंगी। वह मजबूत इरादों वाली प्रैक्टिकल खिलाड़ी हैं। बेहतर फोकस व तैयारी के साथ वह अधिक बेहतर खिलाड़ी बन जायेंगी।’ चेन्नेई में 2007 में एक साधारण परिवार में जन्मीं सविता 2020 में फीडे मास्टर बनीं और 2021 में इंटरनेशनल मास्टर यानी अभी वह ग्रैंडमास्टर नहीं बनीं हैं। लेकिन इसके बावजूद वह अब विश्व मंच पर भी शानदार प्रदर्शन करने लगी हैं। वैसे उनका जूनियर स्तर पर भी रिकॉर्ड गजब का रहा है। अंडर 12 में उन्होंने 2019 में विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, 2018 वर्ल्ड कैडेट्स चेस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, 2018 वर्ल्ड स्कूल टीम में रजत पदक, 2018 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप्स में स्वर्ण पदक, 2017 एशियन यूथ चैंपियनशिप्स में स्वर्ण पदक व रजत पदक (टीम) जीते। इससे पहले अंडर 11 व अंडर 9 में वह इंडियन नेशनल चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर