फतेहाबाद रैली के ज़रिये हो रही है तीसरे मोर्चे की तैयारी

25सितम्बर को इनेलो की ओर से चौधरी देवीलाल के जन्म दिन पर फतेहाबाद में एक राज्यस्तरीय सम्मान दिवस रैली का आयोजन किया जा रहा है। इनेलो नेताओं का दावा है कि इस रैली में देश के अनेक प्रमुख विपक्षी नेता न सिर्फ शामिल होंगे बल्कि इस रैली के माध्यम से देश में तीसरे मोर्चे के गठन की जमीन भी तैयार की जाएगी। बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और जनता दल (यू) के महासचिव केसी त्यागी ने मंगलवार को गुरुग्राम स्थित इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के निवास पर उनसे मुलाकात की और देश व प्रदेश की राजनीति पर व्यापक चर्चा की गई। इनेलो नेताओं का यह भी दावा है कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद के नेता व बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित अनेक प्रमुख नेता भी रैली में शामिल होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि नितीश कुमार ने इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला की फोन पर न सिर्फ तेजस्वी यादव से बात करवाई बल्कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा 25 सितम्बर की फतेहाबाद रैली हेतु दिया गया न्यौता भी तेजस्वी यादव ने स्वीकार किया। 
अनेक प्रमुख नेताओं के आने की उम्मीद
इनेलो प्रमुख ने कुछ दिन पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व अकाली नेता सरदार प्रकाश सिंह बादल से भी मुलाकात की थी।  प्रकाश सिंह बादल व अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल सहित अनेक प्रमुख अकाली नेता पहले भी चौधरी देवीलाल के जन्मदिन पर आयोजित की जाने वाली रैलियों में शामिल होते रहे हैं। इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि अकाली नेता 25 सितम्बर को फतेहाबाद में होने वाली रैली में शामिल हो सकते हैं। 
हरियाणा में पिछला विधानसभा चुनाव भी इनेलो व अकाली दल ने मिलकर लड़ा था। इनेलो नेताओं ने यह भी दावा किया कि 25 सितंबर को चौधरी देवीलाल की जयंती पर होने वाली फतेहाबाद रैली में आन्ध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला व प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी को भी शामिल होने के लिए खुद इनेलो प्रमुख चौधरी ओम प्रकाश चौटाला उन्हें मिलकर निमंत्रण देंगे। रैली में कौन-कौन से प्रमुख विपक्षी नेता शामिल होंगे, यह तो 25 सितम्बर को ही साफ हो पाएगा, लेकिन इनेलो प्रमुख ने तीसरे मोर्चे के गठन व रैली की सफलता के लिए अभी से जोरदार प्रयास शुरू कर दिए हैं। 
रैली से वापसी की उम्मीद
इनेलो प्रमुख चौधरी ओम प्रकाश चौटाला की छवि हमेशा जुझारू एवं संघर्षशील राजनेता की रही है। 2017 में चौधरी देवीलाल की जयंती पर हुई नारेबाजी को लेकर इनेलो पार्टी व परिवार में फूट पड़ गई थी।  उस नारेबाजी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने अपने बड़े बेटे अजय चौटाला, अपने पोते व उस समय सांसद रहे और हरियाणा के मौजूदा उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व अपने दूसरे पोते दिग्विजय चौटाला को पार्टी से बाहर कर दिया था। इसका असर यह हुआ कि पार्टी दोफाड़ हो गई और इनेलो बेहद कमजोर हो गई। उस समय जींद के इनेलो विधायक डॉ. हरिचंद मिड्डा के निधन से खाली हुई जींद सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को फायदा मिला और भाजपा ने न सिर्फ पहली बार जींद सीट से चुनाव जीता बल्कि डॉ. अजय चौटाला का उम्मीदवार दूसरे स्थान पर, कांग्रेस उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला तीसरे स्थान पर रहे और इनेलो प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाया। इसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी इनेलो प्रत्याशियों का प्रदर्शन बेहद फीका रहा और कोई  प्रत्याशी जमानत बचाने लायक वोट नहीं ले पाया। इससे पार्टी और ज्यादा कमजोर हो गई व विधानसभा चुनाव से पहले ही पार्टी के ज्यादातर नेता, विधायक व कार्यकर्त्ता इनेलो छोड़कर भाजपा, कांग्रेस व जजपा में शामिल हो गए। पिछले विधानसभा चुनाव में इनेलो एकमात्र ऐलनाबाद सीट ही जीत पाई। भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया और डॉ. अजय चौटाला की पार्टी जजपा 10 सीटें जीतकर भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में शामिल है। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। इतना ही नहीं, जजपा विधायक देवेंद्र बबली प्रदेश के पंचायत एवं विकास मंत्री और जजपा विधायक अनूप धानक प्रदेश के श्रम एवं रोजगार मंत्री के तौर पर मंत्रिमंडल में शामिल हैं। किसानों के मुद्दे पर अभय चौटाला ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और ऐलनाबाद सीट के लिए हुए उपचुनाव में उन्हाेंने दोबारा सीट जीतकर विधानसभा में कदम रखा। अब इनेलो की सारी उम्मीदें फतेहाबाद में 25 सितंबर को होने वाली राज्य स्तरीय रैली पर लगी हुई हैं। फतेहाबाद सिरसा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पड़ता है, जोकि इनेलो प्रमुख चौधरी ओम प्रकाश चौटाला व इनेलो विधायक अभय चौटाला का गृह संसदीय क्षेत्र है। अब सभी की नजरें फतेहाबाद रैली में जुटने वाली भीड़ के साथ-साथ रैली में आने वाले प्रमुख नेताओं पर लगी हुई हैं। रैली की भीड़ और विपक्षी नेताओं की मौजूदगी इनेलो को प्रदेश में फिर से खड़ा करने में कितना मददगार साबित हो सकती है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इनेलो प्रमुख ने पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए फतेहाबाद रैली को सफल बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 
बेहद निर्णायक होगा आदमपुर उपचुनाव
आदमपुर से कांग्रेस विधायक रहे कुलदीप बिश्नोई द्वारा विधायक पद से इस्तीफा देने व भाजपा में शामिल होने के बाद अब किसी भी समय आदमपुर सीट के लिए उपचुनाव हो सकता है। आदमपुर सीट को जीतने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगाया हुआ है और भाजपा सरकार के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। वहीं कांग्रेस के साथ-साथ अब आम आदमी पार्टी और इनेलो ने भी आदमपुर में अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आदमपुर हल्के के अनेक प्रमुख नेताओं को अन्य दलों से तोड़कर कांग्रेस में शामिल करवाया है। कांग्रेस अब आदमपुर सीट जीतने के लिए हर संभव प्रयास करने में लगी हुई है ताकि प्रदेश के लोगों को यह संदेश दिया जा सके कि 2024 के चुनाव में कांग्रेस ही भाजपा का विकल्प है। इधर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल भी दो दिनों के लिए हिसार और आदमपुर आ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल मूल रूप से हिसार जिले के ही रहने वाले हैं और आदमपुर सीट हिसार जिले के अंतर्गत ही पड़ती है। अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी दो दिनों तक हिसार व आदमपुर में ही रुकेंगे और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। आम आदमी पार्टी के दोनों मुख्यमंत्री आदमपुर उप-चुनाव से पहले इस इलाके में अपनी पार्टी की हवा बनाना चाहते हैं। केजरीवाल के करीबी सूत्रों का दावा है कि आदमपुर उपचुनाव में पार्टी पूरी ताकत झोंकेगी ताकि आदमपुर सीट जीतकर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की हवा बनाई जा सके। उनका यह भी कहना है कि आम आदमी पार्टी चुनाव तो जीतने के हिसाब से लड़ेगी और अगर सीट न भी जीत पाए, तो भी पार्टी जीत के करीब जरूर पहुंचने का प्रयास करेगी ताकि लोगों को यह संदेश दिया जा सके कि दिल्ली और पंजाब के बाद हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में आ सकती है। 
पंजाब व दिल्ली के बीच स्थित होने के कारण हरियाणा आम आदमी पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। पंजाब विधानसभा के चुनावी नतीजों के बाद हरियाणा में अनेक प्रमुख नेताओं ने अपने-अपने दलों को छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया था। कुछ दिन तक आप की अच्छी हवा भी बन गई थी लेकिन जैसे ही कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को हरियाणा में फ्री हैंड दिया और भूपेंद्र हुड्डा के करीबी उदयभान को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया गया तो अन्य दलों के नेताओं ने आम आदमी पार्टी की तरफ रुख करने की बजाय कांग्रेस में शामिल होना शुरू कर दिया। अब आदमपुर उपचुनाव के लिए सभी दलों के बीच घमासान होना तय है और आदमपुर उपचुनाव के नतीजे प्रदेश की आने वाली राजनीति के लिए बेहद निर्णायक सिद्ध होंगे। 
मो.-9855465946