अब गांधी परिवार से बाहर का व्यक्ति ही बनेगा कांग्रेस अध्यक्ष

अशोक गहलोत के राजस्थान के मुख्यमंत्री पद से हटने की स्थिति में सचिन पायलट को राजस्थान की गद्दी मिलेगी या नहीं, इन कयासों से कांग्रेस के भीतर हार-जीत का रोमांचक खेल शुरू हो गया है। कांग्रेस में अब तक इन प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल सके हैं। इस मध्य अशोक गहलोत ने पार्टी विधायकों की एक बैठक बुलाई तथा उन्हें अवगत करवाया कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे, जबकि उन्होंने अपने समर्थकों को यह आश्वासन भी दिया कि वह अभी इस पद पर बने रहेंगे। उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि चिंता न करें, मैं कहीं नहीं जा रहा। चाहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि पार्टी ने इस वर्ष के शुरू में राजस्थान के उदयपुर में वरिष्ठ नेताओं की बैठक में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का संकल्प लिया था, परन्तु गहलोत ने कहा कि वह एक ही समय तीन पदों पर कार्य कर सकते हैं, यह संकेत देता है कि वह राजस्थान की अपनी भूमिका छोड़ने को तैयार नहीं थे। दूसरी ओर सचिन पायलट राहुल गांधी की केरल में बहुचर्चित तथा चल रही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे। मीडिया से बातचीत करते हुए पायलट ने कहा कि एक व्यक्ति पार्टी में दो पदों पर नहीं रह सकता, यह स्पष्ट संकेत देता है कि गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा। अब राहुल गांधी ने भी इस संबंधी स्थिति स्पष्ट कर दी है। इस बीच कहा जाता है कि राहुल गांधी ने 2018 में चुनावों से पहले पायलट को मुख्यमंत्री की कुर्सी देने का वायदा किया था परन्तु जब चुनाव परिणामों के बाद गहलोत को चुना गया तो राहुल ने पायलट से अपना वायदा दोहराया और उन्हें धैर्य रखने के लिए कहा था। हालांकि गहलोत एक बड़े पद की ओर बढ़ रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ेगा, इससे पायलट के लिए राजस्थान की गद्दी पर बैठने की संभावनाएं बढ़ रही हैं। 
पवार द्वारा भारत जोड़ो यात्रा की प्रशंसा
दक्षिण भारत में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता को देखते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने माना है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जैसी बड़ी पैदल यात्राएं या पैदल मार्च का राजनीतिक प्रभाव होता है और लोग इसका ईमानदार इरादों से स्वागत करते हैं। पवार ने याद किया कि जब चन्द्रशेखर (पूर्व प्रधानमंत्री) ने इसी प्रकार की पैदल यात्रा की थी, तो उन्हें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी। 
प्रशांत किशोर और नितीश की मुलाकात
प्रशांत किशोर ने हाल ही में नितीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा था कि ‘फैविकोल’ को मुख्यमंत्री की कुर्सी से चिपके रहने के लिए उन्हें अपना ब्रांड एम्बेस्डर बनाना चाहिए। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने चुनावी रणनीतिकार पर धावा बोलते हुए कहा कि प्रशांत किशोर सिर्फ एक व्यापारी हैं, राजनेता नहीं। उन्होंने कहा कि किशोर सिर्फ ‘सेल्समैन’ की भांति अपने उत्पादों को बेचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं और यही बात दूसरे राज्यों में भी स्पष्ट है। हालांकि किशोर ने नितीश कुमार से मुलाकात करके सभी को हैरान कर दिया, जिसके बाद 2024 के राष्ट्रीय चुनावों के लिए दोनों के इकट्ठे होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। नितीश कुमार ने मुलाकात बारे अधिक खुलासा नहीं किया और इसे औपचारिक मुलाकात ही बताया। 
हिमाचल कांग्रेस में हलचल
हिमाचल प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनावों को अब कुछेक महीने ही शेष हैं, परन्तु इससे पहले कांग्रेस की प्रदेश इकाई के भीतर आपसी गुटबाजी सामने आ रही है। नैना देवी के विधायक राम लाल ठाकुर ने पार्टी उपाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा वापस लेने से इन्कार कर दिया, वह अपने चुनाव क्षेत्र में बिना उनसे विचार-विमर्श की नियुक्तियों से नाराज़ हैं। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कांग्रेस के भीतरी कलह पर अफसोस व्यक्त किया और इसे गत विधानसभा चुनावों में भारी हार के लिए ज़िम्मेदार भी ठहराया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले इस मुद्दे का समाधान कर लिया जाएगा। 
बसपा की नज़र मुस्लिम वोट पर 
2024 के आम चुनावों के लिए बसपा की रणनीति दलितों तथा मुसलमानों में गुम हुआ अपना आधार पुन: हासिल करने की है। उल्लेखनीय है कि बसपा ने उ.प्र. विधानसभा चुनावों में सीटों के मामले में अपनी सबसे खराब हार दर्ज की थी। 403 सदस्यीय सदन में सिर्फ एक सीट जीत कर तथा सिर्फ 12.8 फीसदी मत हासिल करने के बाद अब पार्टी उ.प्र. में मुस्लिम वोट पर अधिक ध्यान केन्द्रित करने की योजना बना रही है। अब बसपा ने इस वर्ष के अंत में प्रदेश में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले अपनी स्थिति को मज़बूत करने की दिशा में पहले कदम के रूप में व्यापक स्तर पर सदस्यता अभियान शुरू किया है। ।
चौटाला की सम्मान दिवस रैली 
इंडियन नैशनल लोक दल (इनैलो) के प्रधान और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला 25 सितम्बर को फतेहाबाद में अपनी पार्टी की सम्मान दिवस रैली करवा रहे है। इस रैली के द्वारा इनैलो भाजपा विरोधी पार्टियों को एक मंच पर इकट्ठा करने की कोशिश कर रही है। इस कार्यक्रम में एन.सी.पी. प्रमुख शरद पवार और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के शामिल होने की उम्मीद है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, सी.पी.आई. (एम) नेता सीताराम येचुरी, नैशनल कांफ्रैंस के फारूक अब्बदुल्ला, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायड़ू, तेजस्वी यादव, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल, आर.जे.डी. नेता शरद पवार सभी को निमंत्रण दिया गया है। इस रैली को लेकर ममता बैनर्जी ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि विपक्षी एकता की कोशिश में लगे के.सी.आर. ने भी अभी तक अपना रूख स्पष्ट नहीं किया। एक तरफ जहां इस रैली द्वारा गैर-भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कोशिशें की जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ ओम प्रकाश चौटाला इनैलो को हरियाणा की राजनीति में वापिस लाने के यत्न कर रहे हैं। (आई.पी.ए. सेवा)