जानें बच्चे आखिर बुरा व्यवहार क्यों करते हैं ?



कहते हैं इंसान की असली पहचान उसके व्यवहार या बर्ताव से होती है। इसलिए हर मां-बाप को चाहिए कि वह अपने बच्चों को बहुत छुटपन से ही एक अच्छे व्यवहार या बर्ताव की तालीम दें। क्योंकि दुनिया में बुरे बर्ताव वाले व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता। मगर सवाल है कि बच्चे अच्छा बर्ताव करना सीखें कैसे? यह जानने के पहले हमें यह जानना जरूरी है कि आखिर बच्चों में बर्ताव संबंधी ये समस्याएं आती कहां से हैं?
दरअसल कोई बच्चा हो या बड़ा जब भी कोई बुरा या गलत बर्ताव करता है, तो उसका मुख्य कारण तनाव होता है। छोटे बच्चों में भी तनाव ही इसका मुख्य कारण होता है। बच्चे तब तनाव से ग्रस्त होते हैं जब मां-बाप के रिश्ते अच्छे न हों, घर में आर्थिक परेशानियां हों, माता-पिता के बीच तलाक हो गया हो, घर में किसी प्रियजन की मृत्यु हो गयी हो। इन सब बातों से बच्चे तनावग्रस्त हो जाते हैं। इस तनाव के कारण वे जिद्दी हो जाते हैं। घर में आये लोगों के साथ अच्छी तरह से पेश नहीं आते। पूछो कुछ तो जवाब कुछ देते हैं। अगर मां-बाप ने बच्चों के इस बदलते व्यवहार पर ध्यान नहीं दिया तो आगे चलकर उनका यह व्यवहार और ज्यादा खराब हो सकता है मसलन-
* वे खुद को या किसी दूसरे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं या कर डालते हैं। कई बार वे घर की किसी कीमती या प्रिय चीज को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए कि वह अपनी तरफ मां-बाप का ध्यान आकर्षित नहीं कर पा रहे होते हैं। जबकि वह ऐसा करना चाह रहे होते हैं।
* बच्चे बार-बार झूठ बोल सकते हैं। पकड़े जाने के बावजूद बार-बार चोरी कर सकते हैं। कहने के बाद भी पढ़ने से इंकार कर सकते हैं। स्कूल जाने में आनाकानी करते हैं या जाते ही नहीं।
सवाल है उनके इस व्यवहार को कैसे सुधारा जाए? इसके लिए उनके साथ बैठें, ध्यान से उनकी बातें सुनें, अपनी बातें भी उन्हें बताएं, ईमानदारी से उनके सामने खुलासा करें कि घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि उनकी आर्थिक मांगें पूरी हो सकें। लेकिन इस तरह मनाने या समझाने की समय सीमा तभी तक रहती है, जब तक बच्चे आपकी सुनते हैं। अगर वह आपकी बात सुनना ही न चाहें और खुद या दूसरे को नुकसान पहुंचाने की हद तक उनका व्यवहार बिगड़ चुका हो तो तुरंत साइकेट्रिस्ट से संपर्क करें और किसी भी कीमत पर बच्चे को डॉक्टर से मदद लेने के लिए तैयार करें। क्योंकि अगर बच्चे का व्यवहार इस हद तक उदंड हो गया है तो जरूर उसके पीछे कोई मानसिक परेशानी होगी, जो आमतौर पर आम लोगों के पकड़ में नहीं आती। बच्चों को अच्छी परवरिश देने की व्यवहारिक सीख यही है कि बच्चों के उदंड व्यवहार को इसलिए न सहन किया जाए कि आप यह साबित करने कोशिश करें कि बच्चों को कितना प्यार करते हैं। दरअसल उनकी इस उदंडता के पीछे मानसिक कारण या बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए सजग रहें और बच्चों के व्यवहार पर संवेदनशीलता के साथ नज़र रखें।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर