हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में कोरोना के बाद बढ़ी हैं संभावनाएं


दोसालों तक कोरोना की मार झेलने के बाद दुनिया के साथ ही भारतीय पर्यटन व आतिथ्यसत्कार (हॉस्पिटैलिटी) उद्योग भी फिर से धीरे-धीरे रफ़्तार पकड़ रहा है। महामारी के बाद इस क्षेत्र में फिर से तेज़ी आयी है और माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में करियर के बड़े पैमाने पर मौके बनेंगे। हॉस्पिटैलिटी ग्लोबल मार्किट रिपोर्ट 2022 के मुताबिक वैश्विक हॉस्पिटैलिटी बाज़ार के 3,952 बिलियन डॉलर से बढ़कर साल-2022-23 में इसके 4,502 बिलियन डॉलर तक होने की उम्मीद है। जाहिर है कोरोना आपदा के बाद वैश्विक में आयी ढील का यह नतीजा है। जानकारों के अनुसार इस क्षेत्र में आने वाले सालों में दो सालों तक रुकी रही रफ़्तार बूम बनकर सामने आयेगी और साल 2025-26 तक इसका टर्न ओवर बढ़कर 6000 बिलियन डॉलर तक जा सकता है।
एडवांस्ड टेक्नोलॉजी, प्रोत्साहन के लिए दी जा रही भारी छूट और डिजिटलाइजेशन ने इस क्षेत्र को तेज़ी से खड़े होने और रफ़्तार पकड़ने में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है। इस कारण से इस क्षेत्र में मजबूत कॅरियर की भरपूर संभावनाएं पैदा हुई हैं। यही वजह है कि इस क्षेत्र के लिए जितने इंस्टिट्यूट की आवश्यकता आज है, उतनी पहले कभी नहीं रही। इस क्षेत्र में प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स को हमेशा अप्रशिक्षित स्नातकों पर वरीयता दी जाती है, क्योंकि होटल नये लोगों को ट्रेन करने में निवेश करना पसंद नहीं करते हैं। हॉस्पिटैलिटी में कॅरियर बनाना काफी लाभदायक होता है। चूंकि यह सेवा-आधारित उद्योग है, इसलिए व्यक्ति में अच्छा कम्युनिकेशन व व्यक्ति-प्रबंधन गुण होना चाहिए और कड़ी मेहनत करने की इच्छा भी। हॉस्पिटैलिटी उद्योग लोगों से जुड़ा सेक्टर है और इसमें लगातार रचनात्मक, परिश्रमी व स्थिति को संभालने वाले व्यक्तियों की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन मांग के स्तर को बनाये रखने के लिए कठिन ट्रेनिंग प्रोग्राम से गुजरना जरूरी है। इसमें शक नहीं कि इस मैदान में अवसर बहुत हैं, लेकिन हॉस्पिटैलिटी में कॅरियर बनाने से पहले छात्र को अपनी क्षमता व लगन का मूल्यांकन अवश्य कर लेना चाहिए।
यह ग्लैमरस जरूर प्रतीत होता है, लेकिन कर्मचारी को पर्दे के पीछे विभिन्न विभागों में काम करना पड़ता है, जैसे प्रबंधन, फूड एंड बेवरीज सेक्टर, हाउस कीपिंग, फ्रंट ऑफिस ऑपरेशन, सेल्स एंड मार्किटिंग, एकाउंटिंग इत्यादि। दिलचस्पी के क्षेत्र व ट्रेनिंग के आधार पर छात्र होटल व रेस्टोरेंट प्रबंधन, एयरलाइन कैटरिंग व केबिन सर्विस, क्लब प्रबंधन, क्रूज प्रबंधन, होटल व पर्यटन संघ, लॉज व गेस्ट हाउस, कैटरिंग इंस्टीट्यूट, फास्ट फूड रेस्टोरेन्टस, मॉल, मल्टीप्लेक्स, स्टाफ एक्सचेंज कैंटींस, औषधि, बीमा, म्यूचल फंड, नर्सिंग होम्स, बैंकिग, ट्रेवल्स, बीपीओ, खाघ श्रृंखला जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में रोज़गार के मौके खुल जाते हैं। छात्र अपनी रुचि के अनुसार यहां पर अच्छी सैलरी वाली जॉब हासिल कर शानदार करियर बना सकते हैं या फिर अपना भी वेंचर खोल सकते हैं। जो छात्र अपना कॅरियर कैफे, बार व लाउंज से शुरू करते हैं, वे जल्द ही अपने को प्रबंधक के स्तर पर पाते हैं, जिसमें शामिल हैं जनरल मैनेजर, रूम्स डिवीजन मैनेजर, फूड व बेवरीज मैनेजर, सेल्स व मार्किटिंग मैनेजर, शेफ  और रेस्टोरेंट मैनेजर आदि।
इस क्षेत्र के प्रशिक्षित छात्र अन्य सेक्टरों में भी कॅरियर बना सकते हैं जैसे बैंकिंग, आईटी उद्योग, फूड चेन्स, अस्पताल आदि जिनके अपने विशेष कैफेटेरिया होते हैं और इसलिए उन्हें हॉस्पिटैलिटी प्रोफेशनल्स की जरुरत पड़ती है। हॉस्पिटैलिटी उद्योग को अक्सर सबसे दिलचस्प कॅरियर समझा जाता है, लेकिन इसमें पर्दे के पीछे बहुत काम व प्रयास होता है। इस उद्योग के विकास के साथ समर्पित छात्रों का उज्ज्वल भविष्य संभव है। जहां तक आय का सवाल है तो इस क्षेत्र में शुरुआत के तौरपर 25 से 30 हजार रुपये महीने की नौकरी मिल जाती है। इसके बाद कदम दर कदम आगे बढ़ना आपकी मेहनत, लगन और कल्पनाशीलता पर निर्भर है।
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