जैव विविधता क्या है ? इसका संरक्षण क्यों आवश्यक है ?


क्या आपको पता है कि विश्व ब्रह्मांड में ग्रहों के संतुलन को बनाए रखने के लिए जैव विविधता आवश्यक है। यदि नहीं तो यह जान लीजिए कि जैव विविधता पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की वह आधारशिला है, जो पूरी तरह से मानव कल्याण से जुड़ी हैं। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैव विविधता के मुद्दों की समझ और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। जबकि विश्व के कई देश 29 दिसम्बर को जैव विविधता दिवस मनाते हैं। उल्लेखनीय है कि 29 दिसम्बर, 1993 से जैव विविधता अभिसमय प्रभावी हुआ था।
जैव विविधता पृथ्वी पर जीवन की विशाल विविधता का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। जिसका उपयोग विशेष रूप से एक क्षेत्र या पारिस्थितिकी तंत्र में सभी प्रजातियों को संदर्भित करने के लिए किया जा सकता है। जैव विविधता पृथ्वी पर के पौधों, बैक्टीरिया, जानवरों और मनुष्यों सहित हर जीवित चीज को संदर्भित करती है। इसे अक्सर पौधों, जानवरों और सूक्ष्मजीवों की विस्तृत विविधता के संदर्भ में समझा जाता है, लेकिन इसमें प्रत्येक प्रजाति के भीतर का आनुवंशिक अंतर भी शामिल होता है।
जैव विविधता के संरक्षण की आवश्यकता और उसके महत्त्व को हम लोग निम्न प्रकार से समझ सकते हैं: पहला,यह पारिस्थितिकी तंत्र की उत्पादकता को बढ़ाता है, जहां प्रत्येक प्रजातिए चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो, सभी की अपनी-अपनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दूसरा, पौधों की प्रजातियों की एक बड़ी संख्या का अर्थ है इसकी फसलों की अधिक विविधता। क्योंकि इसकी अधिक प्रजाति विविधता सभी जीवन रूपों के लिए प्राकृतिक स्थिरता को सुनिश्चित करती है। तीसरा, विश्व को इसका संरक्षण करना चाहिए, ताकि खाद्य श्रृंखला बनी रहे। क्योंकि खाद्य श्रृंखला में गड़बड़ी पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित कर सकती है।
 सामूहिक चिंता का विषय है वैश्विक जैव विविधता में वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर ने अपनी प्रमुख लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2020 में चेतावनी दी थी कि वैश्विक जैव विविधता में भारी गिरावट आ रही है। इसने 50 वर्षों से भी कम समय में 68 प्रतिशत की वैश्विक प्रजातियों के नुकसान का खुलासा किया है। जानकारों के मुताबिक, एक भयावह गिरावट जो इससे पहले कभी नहीं देखी गई। इसलिए आज हम अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम, महत्व और इसकी संक्षिप्त पृष्ठभूमि की चर्चा करेंगे। साथ ही, वर्तमान पर्यावरणीय परिस्थितियों को देखते हुए, यह विषय राज्य स्तरीय परीक्षा सहित सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए कितना महत्वपूर्ण है, यह भी बताएंगे। ऐसा इसलिए ताकि अधिक से अधिक छात्र और उनके माध्यम से उनके अभिभावक अन्य लोग भी सुपरिचित होंगे।
वर्ष 1992 में, पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में, जिसे ब्राजील के रियो डी जनेरियो में ‘द अर्थ समिट’ के रूप में भी जाना जाता है, राज्य और सरकार के नेताओं ने सतत विकास के लिए एक रणनीति पर सहमति व्यक्त की थी। ऐसा कहा जाता है कि सतत विकास दुनिया भर के लोगों की जरूरतों को पूरा करने का एक तरीका है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि पृथ्वी ग्रह आने वाली पीढ़ी के लिए स्वस्थ हो। पृथ्वी शिखर सम्मेलन में, सबसे अधिक समझौतों में से एक जैविक विविधता पर कन्वेंशन था।
चूंकि यह कन्वेंशन 29 दिसम्बर, 1993 को लागू हुआ। इसलिए इस दिवस को ही अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में नामित किया गया। यू तो 2001 से, यह 22 मई को ही मनाया गया। वहीं, 1992 में, केन्या के नैरोबी में एक सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र में जैविक विविधता पर कन्वेंशन के पाठ को अपनाया गया था। जिसके मुताबिक प्रत्येक वर्ष, अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस एक विशेष विषय पर केंद्रित होता है और उसी के अनुसार इसे मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2022 की थीम है सभी जीवन के लिए एक साझा भविष्य का निर्माण। सांसारिक जैविक विविधता के लिए इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का यही विषय है। बता दें कि आगामी संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन में, विषय को गति बनाए रखने और 2020 के बाद के वैश्विक जैव विविधता ढांचे (सीओपी15) का समर्थन करने के लिए चुना गया था।
वहीं, अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के लिए पिछले वर्ष की थीम नीचे दी गई है। जहां 2020 की थीम है। हमारे समाधान प्रकृति में हैं। वहीं, 2021 की थीम है  ‘हम समाधान का हिस्सा हैं।’ बता दें कि यूनेस्को की अंतरक्षेत्रीय जैव विविधता रणनीति तीन स्तंभों पर बनी है: पहला, मानव और प्रकृति के बीच संबंधों को बहाल करना और पारिस्थितिक तंत्र को पुनर्जीवित करना दूसरा, हमारे पारिस्थितिक तंत्र के सामंजस्य का संरक्षण तथा तीसरा युवाओं को जागरुक करना। इस रणनीति की रीढ़ यूनेस्को द्वारा नामित स्थल. विश्व धरोहर स्थल, बायोस्फीयर रिजर्व और यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क आदि हैं, जो पृथ्वी के 6 प्रतिशत भूभाग को कवर करते हैं। ये वह प्रमुख क्षेत्र हैं जहां लोग अन्य जीवित प्रजातियों के साथ सद्भाव में रहना सीखते हैं और सभी के लाभ का अनुभव साझा करते हैं।
गौरतलब है कि हमारे ग्रह का जीवित रूप जैव विविधता के कारण हैं। यह मौजूदा और भविष्य में मानव कल्याण को रेखांकित करता है। इसकी तीव्र गिरावट प्रकृति और लोगों दोनों को खतरे में डालती है। इसलिए जैव विविधता के मुद्दों के बारे में जागरूकता और समझ बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिवर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में नामित किया है लेकिन 29 दिसम्बर को भी यह दिवस मनाया जाता है।