नई सोच, नई पहुंच इस साल...

* वह परिवार घूमने गया है विदेश और हमने भी जाना है!
* उसने नेल आर्ट करवाया, हम भी करवाएंगे!
* स्कूल में बच्चों के फंक्शन पर डालने के लिए नए कपड़े खरीदने हैं क्योंकि उसने भी नये डालने हैं!
‘यह’, ‘वह’ तथा ‘उस’ कौन हैं, यह कोई एक पात्र या कोई ़खास इन्सान नहीं, अपितु यह वह चरित्र है जो हमें हमारी दुनिया में आने के उद्देश्य से दूर लेकर जा रहा है, इतनी दूर जहां हम मुकाबलेबाज़ी, पीठ पीछे चुगली करने, ईर्ष्या करने तथा नकारात्मक सोच के चक्रव्यूह में फंसते जाएंगे।
इन बातों का ज़िक्र नव वर्ष के आगमन पर क्यों करना ज़रूरी है? इसलिए ज़रूरी है क्योंकि विगत 2022 वर्ष जोकि कोविड के निर्देशों से मुक्त वर्ष था, में हमने पिछले दो वर्षों का पूरा हिसाब घूमने-फिरने का, पार्टियों की सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालने का, शौक इसी वर्ष पूरा भी तो करना था।
तो इस विगत वर्ष में पिछले शौक पूरे करते हुए कहीं हम स्वयं के साथ 2022 के शुरू में किये वायदे या संकल्प तो नहीं भूल गये?
नव वर्ष आने पर हम अक्सर बात करते या सोचते हैं कि इस वर्ष यह करना है, या यह नहीं करना, ये संकल्प लेने हैं। नव वर्ष पर संकल्प लेने का मतलब कोई ज्यादा सख्त नियम अपनाना नहीं, अपितु थोड़ा-सा अपनी शख्सियत में अनुशासन भरना होता है। वर्ष के अंत में हम 10 प्रतिशत भी अपनी सोच के अनुसार लिए गए वायदों को पूरा करने में सफल हो गए तो समझ लें, हमें अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त हो गई। हमें स्वयं को वर्ष के अंत में प्रश्न ज़रूर करना चाहिए कि विगत वर्ष कहां हमने कुछ हासिल किया तथा किस क्षेत्र में हम अपने संकल्पों को पूरा करने में सफल नहीं हुये?
बात एक वर्ष की ही नहीं होती, अपितु ज़िन्दगी में हमेशा हमें एक लक्ष्य या उद्देश्य अवश्य मन में रखना चाहिए। प्रतिदिन के कामकाज से हट कर समाज के लिए, ज़रूरतमंद लोगों एवं जानवरों के लिए छोटे-छोटे कदम उठाने तथा कुछ करने संबंधी अवश्य सोचना चाहिए, साथ ही स्वयं को और बेहतर बनाना चाहिए।
सबसे ज़रूर और पहली बात यह है कि अपने भीतर अनुशासन पैदा करने का यत्न करें, जोकि समय का पाबन्द होने से अवश्य कुछ सीमा तक हमारे भीतर आती है। समय की पाबन्दी हमारे भीतर ज़िम्मेदारी का एक एहसास पैदा करती है तथा हमारे बच्चे भी हमारे प्रत्येक कार्य से समय की कद्र करना ज़रूर सीखते हैं।
आज टैक्नोलॉजी के विकास से हम दुनिया में दूर-दूर रहते अपने रिश्तेदारों से बहुत नज़दीक तो हो गए हैं परन्तु रिश्ते भी (शार्ट-कटों) में निभा रहे हैं। सो यत्न करें कि वट्स-एप या लिखित सन्देश के स्थान पर काल करें तथा आपस में बात करें।
दूसरों की देखा-देखी कभी भी अधिक खरीददारी न करें। सेलों, ऑनलाइन सस्ती पेशकशों की ओर आकर्षित न हों, अभिप्राय यह कि जितनी ज़रूरत हो, उतनी ही खरीददारी करने में समझदारी है।
सोशल मीडिया पर अलग-अलग सोच वाले जाने-अनजाने लोग मिलेंगे। यत्न करें कि कोई भी विचार-विमर्श, किसी भी तरह की बहसबाज़ी में न बदल जाए, न ही कोई फिज़ूल कुमैंटबाज़ी करें।
हम डाक्टरों, अध्यापकों, दुकानदारों आदि भिन्न-भिन्न व्यवसायों का सम्मान करें। हर कोई बहुत मेहनत से हमें सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं परन्तु अक्सर हमारा रवैया इनके प्रति नाशुक्रा ही होता है।
खाली समय में हम लगभग फोन चलाने को प्राथमिकता देते हैं। इस वर्ष थोड़ा समय किताबें पढ़ने को भी प्राथमिकता दें तो हमारी सोच, शख्सियत पर किताबों के ज़रिये बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। 
हम सभी जानते हैं कि आजकल कपड़ों से लेकर फैशन में प्रत्येक एक-दूसरे से आगे निकलने का यत्न करता है, चाहे 24 वर्ष की युवती हो या 60 वर्ष की महिला। स्वयं को संवार कर रखना, सुन्दर दिखना कोई बुरी बात नहीं है, बहुत अच्छी है। बस, इस वर्ष यह सोचें कि बाहरी सुन्दरता को तो समय के अनुसार हम बदल रहे हैं परन्तु अपने मन की आंतरिक  सोच जो अभी भी भ्रमों में फंसी हुई है, उसे इन भ्रमों से मुक्त कर दें। 
धागों एवं उपायों से मुक्त हों तथा सिर्फ और सिर्फ ईश्वर पर ही विश्वास करें। हमारे बच्चों, हमारी आने वाली पीढ़ी के मन को इन टोटकों से मुक्त करना बहुत ज़रूरी है। इस में हम तभी सफल हो सकते हैं यदि हम स्वयं इन भ्रमों से ऊपर उठेंगे। तभी यह समाज तथा नई पीढ़ी उन्नति कर सकेंगे। 
प्रत्येक गुज़रते वर्ष की तरह हमारी उम्र भी बढ़ती जा रही है, समय के साथ, उम्र से, अनुभव मिलता है तथा हमारे चरित्र में और सहनशीलता, ठहराव आना लाज़िमी है। इसलिए वर्ष 2023 हम हर रिश्ते में सिर्फ और सिर्फ सकारात्मक सोच के साथ व्यतीत करने का यत्न करें, हमेशा विनम्र रहें, दिन की शुरुआत हमेशा योजनाबद्ध ढंग से करें तथा अपने बच्चों को भी हर कार्य में योजनाबंदी करना सिखाएं। सही योजनाबंदी सही उद्देश्य को पूरा करने में सहायता करती है। 
अत: एक बार फिर यत्न करें कि 2023 में छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठें, नव वर्ष का स्वागत पूरे उत्साह एवं एक उम्मीद के साथ करें और पूरा वर्ष इस जोश एवं उम्मीद को बरकरार रखने का यत्न करें।