सबसे पहले बाथटब कहां इस्तेमाल हुआ ?

 

‘दीदी, आज सुबह स्नान करते हुए मैं सोचने लगा कि आजकल हर आधुनिक बाथरूम में बाथटब तो होते ही हैं, लेकिन सबसे पहले बाथटब का प्रयोग कब हुआ होगा?’
‘जवाब से पहले यह जान लो कि प्राचीन समय में लोग दो मुख्य कारणों से स्नान किया करते थे, एक अपने आपको स्वच्छ रखने के लिए और दूसरा धार्मिक कारणों से।’
‘लेकिन मैंने तो सुना है कि प्राचीन समय में स्नान करने की जगह सामाजिक केन्द्र भी थीं।’
‘यह बात भी सही है। प्राचीन यूनानी व रोमन रिलैक्स करने व आनंद के लिए गर्म पानी से स्नान किया करते थे और उनके स्नान स्थल सामाजिक केन्द्र बन गये थे। फिर स्नान करने को रोगों का उपचार करने के तरीके के रूप में भी लिया जाता था। प्राचीन मिस्रियों में स्नान करना मुख्यत: धार्मिक रीति थी। हिब्रू भी धार्मिक कारणों से स्नान करने में विश्वास करते थे और यही हाल हमारे देश में भी था बल्कि है।’
‘तो बाथटब का प्रयोग सबसे पहले कब हुआ?’
‘इस संदर्भ में सबसे पहली जानकारी क्रीटे पर क्नोस्सोस में पैलेस बाथ की मिलती है। वह लगभग चार हज़ार वर्ष पुराने हैं। महल में ऐसे बाथरूम थे, जिनमें फुट बाथ व टब थे। इस महल में जहां रानी रहा करती थी, एक बाथटब मिला है जो 1700 व 1400 ईसा पूर्व का है। यह देखने में बहुत आधुनिक है।’
‘कैसे?’
‘दरअसल, मानव प्रयोग कर सकें इसलिए टब को एक निश्चित आकार ही दिया जा सकता है, इस वजह से बाथटब का डिज़ाइन हमेशा से लगभग एक सा ही रहा है।’
‘प्राचीन बाथटब किस मटेरियल से बनाये जाते थे?’
‘प्राचीन समय में यूनानी तो बाथटब में स्नान कर ही रहे थे। उनके टब आमतौर से पोलिशड स्टोन, मार्बल या लकड़ी के बने होते थे। महान यूनानी कवि होमर ने एक विशेष सुंदर चांदी के टब का वर्णन किया है जिसे मिस्त्र से लाया गया था। लेकिन यूरोप में विक्टोरिया युग में ही बाथरूम घरों में अलग यूनिट के रूप में विकसित हुए और तब वहां लकड़ी, कॉपर या लोहे के टब बनाये जाने लगे, जिन पर अक्सर कवर डाल दिया जाता था ताकि वह सोफे सा लगें।’
‘यूरोप में इतनी देर से टब क्यों आये?’
‘शुरुआती ईसाई चर्च स्वच्छता को धर्म का हिस्सा नहीं मानती थी। उस समय कुछ ईसाइयों का तो यह मानना था कि गंदा रहने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। मध्य युग में यह नज़रिया बदला, जिसके बाद अधिकतर यूरोपियन स्नान के विकल्प के रूप में परफ्यूम व कॉस्मेटिक्स प्रयोग करने लगे और घरों में अति प्राइवेट बाथ भी बने।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर