रेलवे स्टेशन पर समुद्र तल से ऊंचाई यों लिखी जाती है?

बच्चो, यदि आप कभी रेलवे स्टेशन पर गये हो, तो वहां संबंधित स्टेशन के नाम वाला पीला बोर्ड लगा देखा होगा। इसके ऊपर अंग्रेजी, हिन्दी और स्थानीय भाषा में संबंधित स्थान का नाम लिखा होता है। इसके साथ इस बोर्ड के बिल्कुल नीचे संबंधित स्टेशन के साथ समुद्र तल से ऊंचाई भी लिखी होती है। ऐसा देखकर मन में याल भी आता है कि रेलवे स्टेशन का समुद्र तल से या संबंध? ऐसा किस उद्देश्य के लिए लिखा होता है? विश्व स्तर पर किसी स्थान की ऊंचाई मापने के लिए सबसे बढ़िया तरीका समुंद्र तल को आधार मानना है। ऐसा होने का कारण धरती की गोल बनावट और धरती का ऊंचा नीचा होने के कारण ऐसा कोई और बिंदू नहीं, जिसको किसी स्थान की ऊंचाई मापने के लिए विश्वासयोग्य आधार माना जा सके। विज्ञानिक आधार पर इसको मानने का एक कारण समुद्र तल का लगभग हमेशा स्थिर रहना भी है। ऐसा करने के लिए समुद्र तल के ऊपरी तल की औसतन ऊंचाई को आधार के तौर पर लेकर धरती के किसी बिन्दू को मापा जाता है। जवारभाटा आने के कारण समुद्र तल का औसत निकालना बहुत मुश्किल था, परन्तु अब उपग्रहों की सहायता से यह बहुत आसान हो गया है। केवल रेलवे स्टेशनों ही नहीं बल्कि पर्वत चोटियां, किसी स्थान, ईमारतों आदि के निर्माण के लिए समुद्र तल को आधार माना, बनाया जाता है। यहां तक कि जहाज़ों की ऊंचाई को भी समुद्र तल से ही मापा जाता है। रेलवे स्टेशन और रेल लाइनों के निर्माण समय समुद्र तल से ऊंचाई के आधार पर काम करने में सहायता मिली। इसके साथ-साथ रेलवे स्टेशन के साईन बोर्डों पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखने का सबसे बड़ा कारण, उद्देश्य 'लोको पायलट' को जानकारी देना है कि अगले रास्ते के लिए कैसा फैसला लेना है। आगे रास्ता ऊंचा होने के कारण रतार बढ़ानी है या ढ़लान होने के कारण रतार कम करनी है। ऐसी जानकारी से इसका फैसला लेने में लोको पायलट को आसानी होती है। -गांव व डाकखाना आदमके, तहसील-सरदूलगढ़ (मानसा) मो-त्त्क्ब्म्--ख्ब्त्त्