वातावरण की शुद्धता में जैव विविधता का अहम योगदान

 

जैव विविधता के संरक्षण पर दुनियाभर में भारी हलचल मची है।  मानव जीवन का जैव विविधता से गहरा सम्बन्ध है। केंद्र और राज्य सरकारों ने गंभीरता से जैव विविधता बनाये रखने के लिए समुचित कदम उठाने शुरू कर दिए है। लद्दाख का उदहारण हमारे सामने है जहां याया त्सो नामक एक झील है और इसे पक्षियों के स्वर्ग  के रूप में जाना जाता है। यह झील 4,820 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। इस झील को हाल ही में जैव विविधता विरासत स्थल के रूप में घोषित किया गया है। यह लद्दाख का पहला जैव विविधता विरासत स्थल है। भारत एक विशाल विविधता वाला देश है और विश्व की लगभग 10 प्रतिशत  प्रजातियों का घर है। दुनिया के जैव-समृद्ध राष्ट्रों में भारत का महत्वपूर्ण स्थान है और यहाँ पौधों व प्राणियों की व्यापक विविधता है जिनमें से अनेक प्रजातियाँ ऐसी हैं जो विश्व में कहीं और नहीं पाई जातीं।   भारत में स्तनधारियों की 350 प्रजातियां हैं जो कि दुनिया भर के देशों में 8वीं सबसे बड़ी संख्या है  पक्षियों की 1200 प्रजातियाँ हैं।  
 जैव विविधता का सम्बन्ध पशुओं और पेड़ पौधों की प्रजातियों से है। जैव विविता को बनाये रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी धरती के पर्यावरण को बनाये रखे। जैव विविधता का संबंध मुख्य रूप से अलग-अलग तरह के पेड़ पौधों और पशु पक्षियों का धरती पर एक साथ अपने अस्तित्व को बनाये रखने से है। लाखों विशिष्ट जैविक की कई प्रजातियों के रूप में पृथ्वी पर जीवन उपस्थित है और हमारा जीवन प्रकृति का अनुपम उपहार है। पेड़-पौधे, अनेक प्रकार के जीव-जंतु, मिट्टी, हवा, पानी, महासागर-पठार, समुद्र-नदियां इन सभी का संरक्षण ज़रुरी है क्योंकि ये सभी हमारे अस्तित्व एवं विकास के लिए महत्वपूर्ण है। 
 भारत में संसार का 2.4 प्रतिशत भू-भाग है जिसके 7 से 8 प्रतिशत भू-भाग पर विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं। प्रजातियों में भारत स्तनधारियों में 7वें, पक्षियों में 9वें और सरीसृप में 5वें स्थान पर है। विश्व के 11 प्रतिशत के मुकाबले भारत में 44 प्रतिशत भू-भाग पर फसलें बोई जाती हैं। भारत के 23.39 प्रतिशत भू-भाग पर पेड़ और जंगल फैले हुए हैं। पर्यावरण के अहम मुद्दों में से आज जैव विविधता का संरक्षण एक अहम मुद्दा है। जैविक विविधता के संवंर्धन और उसके संरक्षण की बड़ी चुनौती है साथ-साथ  प्राकृतिक संसाधनों से लोगों की जरूरतों को भी पूरा करना होता है। 
जैव विविधता सभी जीवों एवं पारिस्थितिकी तंत्रों की विभिन्नता एवं असमानता को कहा जाता है। हमारा जीवन प्रकृति की अनुपम देन है। हरे-भरे पौधे, विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, मिट्टी, हवा, पानी, पहाड़, नदियां, समुद्र, महासागर आदि सब प्रकृति की देन है, जो हमारे अस्तित्व एवं विकास के लिये आवश्यक है। मरुस्थलों से लेकर महासागरों की गहराई तक विभिन्न आकार, प्रकार, रंग और रूपों में मानव  विद्यमान है, जिनमें काफी विविधता होती है, जिसे हम जैव विविधता के रूप में जानते हैं। जैव विविधता वातावरण की शुद्धता को बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते है। मो. 8949519406