शराब नीति बहाना है, दिल्ली सरकार को गिराना है ?

 

दिल्ली में जिस तरह से सत्ता पक्ष आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार के मामले को लेकर केन्द्रीय जांच एजेंसियों के दायरे में आते जा रहे है, आम आदमी पार्टी तिलमिला गई है। आम आदमी पार्टी के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन पहले से ही जांच एजेंसियों की पकड़ में आकर करीब 9 माह से तिहाड़ जेल में कैद है तो वर्तमान में आम आदमी पार्टी सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया नई शराब नीति में धोखाधड़ी के मामले को लेकर फिलहाल जांच एजेंसी सीबीआई की जांच प्रक्रिया के तहत रिमांड पर चल रहे है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। जांच एजेंसियों की जांच प्रक्रिया के तहत चल रहे आम आदमी पार्टी सरकार के दोनों प्रमुख मंत्री अपने -अपने पदों से इस्तीफा दे दिये है। इस तरह के उभरे हालात के बाद अब दिल्ली में भाजपा पार्टी उपरोक्त हालात के पूर्णरूप से जिम्मेवार आम आदमी पार्टी के प्रमुख एवं सरकार के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से इस्तीफे की मांग कर रही है।
इस तरह के उभरे हालात पर आम आदमी पार्टी का कहना है कि शराब नीति का बहाना है, एक-एक को फंसाना है, दिल्ली की सरकार गिराना है। आम जनता द्वारा चुनी गई सरकार को भाजपा पार्टी जिसकी केन्द्र में सरकार है, जांच एजेंसियों के माध्यम से हर हालत में गिराना चाहती है। जबकि आम आदमी पार्टी सरकार का एक-एक मंत्री ईमानदारी से दिल्ली की जनता की सेवा कर रहा है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा जगत में आम आदमी पार्टी सरकार ने अच्छे काम किये तभी तो दिल्ली की आम जनता ने उसे चुनाव में दुबारा जनादेश देकर सेवा का मौका दिया। साथ  ही दिल्ली नगर निगम में भी भाजपा को हराकर आम आदमी पार्टी को पूर्ण जनादेश दिया, जिसके चलते आज दिल्ली नगर निगम की मेयर आम आदमी पार्टी की है। इस चुनाव में भी जो बखेड़ा भाजपा ने खड़ा किया, देश की जनता देख रही है। पंजाब चुनाव में भी आम आदमी की सफलता पर भाजपा बौखला गई।  दिल्ली के आम चुनाव विधानसभा एवं नगर निगम में जिस तरीके से दिल्ली की आम जनता ने भाजपा को नकार कर आम आदमी पार्टी को पूर्ण जनादेश देकर तख्त ताज दिया, उससे भाजपा बौखला गई एवं केन्द्र की सत्ता का सहारा लेकर आम जनता की चुनी सरकार को गिराना चाहती है। जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ  है। जांच प्रक्रिया के खिलाफ आम आदमी पार्टी कभी नहीं है, जांच एजेंसियों को हर कदम पर आम आदमी पार्टी सहयोग करने को तैयार हैं। नई आबकारी नीति एलजी के हस्ताक्षर के बाद प्रदेश में लागू की गई। जिसमें किसी भी तरह की अनदेखी नहीं की गई। इस नीति में धोखधड़ी के लगे आरोप की जांच प्रक्रिया के तहत आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री मनीष सिसोदिया ने जांच एजेंसी को हर तरह से सहयोग दिया एवं जांच एजेंसियों के कुछ हाथ नहीं आया। फिर भी जांच एजेंसी मनीष सिसोदिया के पीछे हाथ धोकर पड़ी हुई है। अब भाजपा मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है। जिससे दिल्ली में इन आरोपों को लेकर सरकार बर्खास्त कर दी जाये। इस तरह के हालात आम आदमी पार्टी दिल्ली में नहीं होने देगी एवं भाजपा के हर मनसूबे पर पानी फेर देगी। 
जहां तक जांच एजेंसियों की कार्यवाही का प्रश्न है, अपनी जगह पर उचित है। जांच एजेंसियों को देश्हित में जांच करने का पूरा अधिकार हैं। भ्रष्टाचार की जांच होनी ही चाहिए। भ्रष्ट व्यक्तियों को दंड भी मिलना चाहिए। पर इस जांच प्रक्रिया में निष्पक्षता होनी चाहिए। आज जांच के घेरे में केवल विपक्ष ही नज़र आ रहा है, देश जानना चाहता है कि विपक्ष के दायरे में सत्ता पक्ष से जुड़े लोग क्यों नहीं। अब इस तरह के हालात पर देश में एक आवाज़ यह उठने लगी है कि जांच के घेरे में सभी विपक्ष है जिनकी फाइलें तैयार हैं। जिनसे सत्ता पक्ष को खतरा है, उनकी फाइल खुल जायेगी, जो सत्ता पक्ष से हाथ मिला लेंगे, उनकी खुली फाइल भी बंद हो जायेगी। इस तरह के हालात लोकतंत्र के हित में कदापि नहीं हो सकते। देश की आम जनता पारखी नज़र से हर कुछ निहार रही है, पहले भी निहारती रही है जिसका परिदृश्य समय-समय पर उजागर होता रहा है।