मानवता की सेवा है रेडक्रॉस सोसायटी का मुख्य उद्देश्य

 


विश्व रेडक्रॉस दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है। रेडक्रॉस सोसाइटी को रेड क्रेसेन्ट सोसाइटी के नाम से भी जाना जाता है। अंतर केवल इतना है कि जो संगठन मुस्लिम देशों में लोगों की मदद करते हैं, उनको रेड क्रेसेन्ट सोसाइटी तथा अन्य देशों में यहीं संगठन रेड क्रॉस सोसाइटी के नाम से जाना जाता है। रेडक्रॉस एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो आपातकालीन स्तिथियों जैसे युद्ध में सैनिकों की सहायता हेतु गठित की गई थी। इसकी शुरुआत जीन हेनरी ड्यूनेंट ने की थी पन्तु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी स्थापना 1863 में स्विट्ज़रलैंड में जेनेवा में हुई थी।   वर्ष 1859 की बात है जब इटली के सोल्फेरिनो और ऑस्ट्रिया के बीच युद्ध हुआ, जिसमे बड़ी संख्या में सैनिक मारे गए और कई अधमरी हालत में गिरे पड़े थे। उनकी मदद करने वाला कोई नहीं था। इस दृश्य ने जीन हेनरी को हिला दिया। इटली में युद्ध के वक्त जीन हेनरी बैंक में कार्यरत थे परंतु घायल सैनिकों की दयनीय हालत देख कर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ किसी भी तरीके से उनकी सहायता करने की सोची। 
जीन हेनरी ने दोनों देशों से सम्पर्क कर युद्ध में घायलों को चिकित्सा सुविधा देने का प्रस्ताव दिया। इस पर दोनों देश सहमत भी हो गए। इस प्रकार एक छोटी-सी सहायता भविष्य में होने वाले युद्धों में घायलों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुई। जीन हेनरी ड्यूरेंट के इस प्रयास के दृष्टिगत उनके जन्म दिन 8 मई को उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाने लगा। रेडक्रॉस अभियान को जन्म देने वाले महान मानवता प्रेमी जीन हेनरी का जन्म 8 मई, 1828 को हुआ था। इस युद्ध की स्मृति के आधार पर उन्होंने एक किताब भी लिखी जिसका नाम था ‘ए मेमोरी ऑफ  सोल्फेरिनो’। स्थापना के बाद धीरे-धीरे इस सोसायटी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा तथा प्रोत्साहन मिला जिससे इसके मुख्य उद्देश्यों में भी वृद्धि हो गई, जैसे युद्ध, अकाल, बाढ़ आदि आपदाओं में घिरे लोगों की मदद करना, ज़रूरतमन्दों को खाना पहुंचाना, विपरीत परिस्थियों में लोगों तक नि:शुल्क चिकित्सा व नि:शुल्क रहने की व्यवस्था करना, ज़रूरत पड़ने पर बचाव कार्यों में सरकार की मदद करना, मानवीय कारणों के सिद्धांतों और आदर्शों की वकालत करना तथा आपदा की तैयारी और समाज में सुरक्षा के लिए तत्पर रहना आदि।
आज लगभग 210 विभिन्न देशों में रेडक्रॉस संस्थाएं स्थापित हैं, जो मानव जीवन के स्वास्थ्य तथा अन्य कई मुख्य उद्देश्यों हेतु कार्यरत हैं। अपने कार्यों के लिए इस संस्था को तीन बार  वर्ष 1917, 1944 और 1963 में नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1984 में पहली बार इस दिन को आधिकारिक तौर पर मनाया गया था और तभी इसको विश्व रेडक्रॉस दिवस का नाम दिया गया। वर्तमान में भी यह संस्था राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है।
रेडक्रॉस संस्था का मुख्यालय जेनेवा में है जो विभिन्न देशों में स्थापित इसकी शाखाओं के साथ तथा देशों की सरकारों में सामंजस्य बिठाकर चलता है। देश में कहीं भी, कभी भी, किसी भी तरह की आपदा हो, यह संस्था पीड़ितों को हमेशा नि:शुल्क सहायता प्रदान करती है।
मुश्किल से मुश्किल वक्त में जहां सरकार भी कई बार कुछ नहीं कर पातीं वहां रेडक्रॉस सोसायटी लोगों की सहायता के लिए आगे आती है। रेडक्रॉस संस्था के मूल सिद्धांत हैं मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, आज़ादी, स्वैच्छिक सेवा, सार्वभौमिकता एवं एकता। इन आदर्शों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न देशों में सोसायटी की शाखाएं अपने पथ की ओर अग्रसर हैं।
भारत में वर्ष 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी का गठन हुआ, तब से रेडक्रॉस के स्वंयसेवक विभिन्न प्रकार कीआपदाओं में निरन्तर निस्वार्थ भावना से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विश्व रेडक्रॉस दिवस पर समारोह का समारोह उन स्वयंसेवकों को सम्मान देने के लिए होना चाहिए जो युद्ध संघर्ष एवं प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लाखों लोगों की मदद करते हैं। सभी को इस दिन कुछ अलग जैसे मलेरिया एड्स एवं अन्य घातक बीमारियों, महामारी एवं कुछ प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकम्प, चक्रवात बाढ़ के प्रकोप जैसी आपात स्थितियों में लोगों की मदद करने के लिए अपने आप को प्रेरित करना चाहिए, तभी इस रेडक्रॉस दिवस का उद्देश्य पूर्ण होगा।

-मो. 97815-90500