विद्यार्थियों का सम्मान

नरेश, गोपाल, सुनील, चेतन व चांद मोहम्मद रविवार की छुट्टी होने के कारण मैदान में खेल रहे थे कि तभी उनकी निगाह चोरों पर पड़ी। पहले तो वे काफी देर तक देखते रहें फिर उन से रहा नहीं गया। सभी ने मिलकर चोरों को पकड़ने की योजना बनाई लेकिन डर के मारे वे उस पर अमल नहीं कर पाये। तभी सुनील का ध्यान अपने मोबाइल पर गया। वह तुरन्त झाड़ियों के पीछे गया और अपने दोस्त राजेन्द्र कुमार को फोन किया चूंकि राजेन्द्र के पिता पुलिस में नौकरी करते हैं सुनील ने राजेन्द्र को सारी बात बता दी। राजेन्द्र ने तत्काल अपने पिता को फोन कर सारी घटना से अवगत करा दिया।
पुलिस ने बच्चों की सूचना पर तुरंत कार्यवाही करते हुए चोरों को रंगे हाथों घटना स्थल पर ही पकड़ लिया और फिर चोरों को पकड़ कर थाने लायी। सतर्कता के चलते चोरों को समय पर पकड़ने से बड़ी चोरी होने से बच गयी। पुलिस-प्रशासन व पुलिस कमिश्नर भी थाने पहुंच गये और बच्चों की सूझ-बूझ एवं पुलिस कांस्टेबलों द्वारा तत्काल कार्यवाही कर चोरों को पकड़ने के लिए कांस्टेबलों व विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र व नगद रिवॉर्ड से उन्हें सम्मानित किया। 
शहर के दूसरे दिन के समाचार पत्रों में बच्चों की सूझ-बूझ से शहर में एक बड़ी चोरी होने से बच गयी शीर्षक से समाचार समाचार पत्रों में सुर्खियां से प्रकाशित हुआ और बच्चों की सूझ-बूझ की चर्चा सर्वत्र हो रही थी। (सुमन सागर)