दवाओं की दुनिया में है दमदार कॅरियर

खानपान के बारे में कहा जाता है कि जब तक यह दुनिया है, तब तक लोग खाएं पीएंगे, इसलिए खानपान के क्षेत्र को हमेशा रहने वाला यानी सदाबहार कॅरियर माना जाता है। ठीक यही बात दवाओं पर भी लागू होती है। दवाएं भी दुनिया में जब तक इंसान रहेगा, उनकी ज़रूरत रहेगी। क्योंकि कोई भी इंसान मरना नहीं चाहता, इसलिए दवाओं के क्षेत्र के कॅरियर को भी अजर अमर कॅरियर मानना चाहिए। यह तो होगा ही कि हर दौर में दवाएं बदलती रहेंगी, लेकिन कोई भी दौर, कोई भी जमाना, बिना दवाओं के दुनिया में नहीं होगा। इसलिए दवाओं के क्षेत्र में भी सदाबहार कॅरियर है। पिछले तीन सालों से एक तो कोरोना महामारी के चलते मैडीकल के विभिन्न क्षेत्रों में हुए जबरदस्त शोध ने दवाओं की दुनिया को बेहद महत्वपूर्ण बनाया है, उसके बाद एआई यानी आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस ने  भी जिन कुछ क्षेत्रों में क्रांति की है, उनमें दवा क्षेत्र भी एक प्रमुख क्षेत्र है। इसलिए अगर आप दवाओं की दुनिया में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो 10वीं के बाद ही साइंस स्ट्रीम से 10+2 का इम्तिहान पास कीजिए और इसके बाद 4 साल का बी-फार्मा यानी बैचलर ऑफ फार्मेसी की डिग्री हासिल कर लीजिए। आपका दवा क्षेत्र में शानदार कॅरियर शुरु हो जायेगा।
बी-फार्मा की डिग्री इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसमें पढ़ाया जाता है कि दवाएं कैसे बनायी जाती हैं यानी उनके बनाने की प्रक्रिया क्या होती है, किस बीमारी में किस दवा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और कैसे दवाओं का बेहतर उपयोग किया जाता है? फार्मेसी के क्षेत्र में आज कॅरियर का शानदार स्कोप है मसलन- हॉस्पिटल फॉर्मेसी, क्लिनिकल फॉर्मेसी, टेक्निकल फॉर्मेसी, रिसर्च एजेंसी, मैडीकल डिस्पेंसिंग स्टोर, सेल एंड मार्किटिंग डिपार्टमैंट, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, हेल्थ सेंटर्स, मैडीकल रिप्रजेंटेटिव्स, क्लिनिकल रिसर्चर, मार्किट रिसर्च एनालिस्ट, मैडीकल राइटर, एनालिटिकल केमिस्ट, फार्मेसी, ऑनकोलाजिस्ट, रेगुलेटरी मैनेजर जैसे ये तमाम क्षेत्र है जिसमें आप फार्मेसी की डिग्री हासिल करने के बाद जॉब पा सकते हैं यानी अपना कॅरियर बना सकते हैं।
अगर सरकारी क्षेत्र में आपका जॉब का सपना है तो वह भी इस डिग्री से आसानी से पूरा हो सकता है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों,स्वास्थ्य व कल्याण विभाग तथा सरकारी मैडीकल स्टोर और सार्वजनिक क्षेत्र की दवा उत्पादक कंपनियों में फार्मेसी की बड़े पैमाने पर मांग रहती है। ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में फार्मेसी की डिग्री हासिल करने वालों के लिए बहुत सारी नौकरियां होती हैं। मॉलीक्यूलर बायोलॉजिस्ट, फार्माकोलॉजिस्ट, टॉक्सिकोलॉजिस्ट और मैडीकल इंवेस्टिगेटर, ये सब इसी क्षेत्र की जॉब हैं, जिन्हें बहुत आसानी से बैचलर ऑफ फार्मेसी के बाद हासिल किया जा सकता है।
फार्मास्यूटिकल क्षेत्र पिछले 20 सालों से अकेला वह क्षेत्र है, जो लगातार 10 से 15 प्रतिशत की दर से वार्षिक वृद्धि कर रहा है। साल 1993-94 में यह महज 3000 करोड़ रुपये का औद्योगिक क्षेत्र था, जो आज बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये का क्षेत्र बन गया है। आने वाले सालों में भी इस क्षेत्र में लगातार प्रगति रहनी तय है। जहां तक इस क्षेत्र में होने वाली कमाई की बात है, तो अलग-अलग क्षेत्र की नौकरियों के लिए अलग-अलग मानदेय है, फिर भी अगर एक औसत आय चिन्हित करें तो किसी भी फ्रेशर बी-फार्मा के लिए 30 से 35 हजार रुपये की शुरुआत में नौकरी पाना मुश्किल नहीं है। इसके बाद आप अपनी योग्यता और एक्सपीरियंस के सहारे कॅरियर की सीढ़ियां चढ़ते जाएंगे। 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर