मोदी के आत्मविश्वास ने विपक्ष को किया धराशायी

देश 10 अगस्त, 2023 का इंतजार कर रहा था, जब प्रधानमंत्री को मणिपुर के मुद्दे पर सिर्फ  विपक्ष को ही नहीं, पूरे देश और दुनिया को कई सवालों के जवाब देने थे। तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे थे। अनुमान के मुताबिक ही एक दिन पहले कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में मणिपुर को लेकर बहुत भावुक माहौल तैयार कर दिया था। टीएमसी की महुआ मित्रा, कांग्रेस के ही अधीर रंजन चौधरी, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के अस्दुद्दीन ओवैसी आदि सबने इस तरह का व्यूह बनाया था, जिससे बड़े-बड़े राजनीतिक विश्लेषकों को भी लग रहा था कि मोदी जी तो इसमें अब फंस ही जाएंगे। हर किसी को लग रहा था कि मोदी इस बार संसद में अपना वह आत्मविश्वास नहीं दिखा पाएंगे, जिसके लिए वह जाने जाते हैं, यह भी कहा जा रहा था कि पिछले कुछ दिनों से विमर्श का नैरेटिव विपक्ष तय कर रहा है, इसलिए अब प्रधानमंत्री से जवाब देते नहीं बन रहा, वह बहस को, देश के मूड को अपने मन मुताबिक दिशा नहीं दे पा रहे।
लेकिन ये सभी कयास गलत साबित हुए। दोपहर बाद 4 बजे प्रधानमंत्री सदन में पहुंचे और थोड़ी देर बाद ही जब बोलना शुरू किया तो क्षणभर भी नहीं लगा कि इसके पहले जो मणिपुर, मणिपुर, मणिपुर हो रहा था, उसका कहीं कोई अस्तित्व बचा था। वह सब कुछ हवा में उड़ गया। सत्ता पक्ष की ताकत हर कोई जानता है और यह भी सबको पता था कि अकेले भाजपा भी अविश्वास प्रस्ताव को धता बता सकती है। इसलिए यह तो किसी के गुमान में था भी नहीं कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर घिर भी सकती है। आखिरकार सत्ता पक्ष के सदस्यों 366 के सामने विपक्ष के सदस्यों का कहीं से कोई मुकाबला ही नहीं था। बाकी 70 मिलकर भी सरकार का कुछ नहीं बिगाड़ सकते थे लेकिन देखने वाली बात यह थी कि बड़े-बड़े राजनीतिक विशेषज्ञों ने जो अनुमान लगाये थे कि विपक्ष ने मोदी को मणिपुर के मुद्दे पर घेर लिया है, वे सारे गलत सिद्ध हुए। मोदी में वही लहराता हुआ आत्मविश्वास था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की पिछले साढ़े चार सालों की जमकर उपलब्धियां गिनवायी और यह स्वाभाविक ही था क्योंकि सदन में लाया गया अविश्वास प्रस्ताव किसी एक मुद्दे, किसी एक बात के लिए नहीं होता, बल्कि वह सरकार के समूचे कामकाज पर होता है और मोदी इस बात को भली-भांति जानते थे, इसलिए उन्होंने विपक्ष को खूब रगड़ा।
वह अपने संबोधन में कभी गरजे, कभी बरसे, कभी व्यंग्य बाण चलाये और कभी अभिनय की मिसाल भी पेश की। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को लगभग लताड़ते हुए कहा कि इन्हें हिंदुस्तान की कोई उपलब्धि अच्छी नहीं लगती। उस पर इन्हें विश्वास नहीं होता। मोदी ने अपने भाषण के पहले 40 मिनट में दूर-दूर तक मणिपुर को नहीं छुआ, लेकिन उन्होंने अपने तेज़ तर्रार आंकड़ों, तथ्यों से विपक्ष को धराशयी कर दिया। उन्होंने कहा भारत के युवा स्टार्टअप के जरिये पूरी दुनिया को चकित कर रहे हैं, लेकिन हमारा विपक्ष इसे देख नहीं पा रहा। वह इससे खुश नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत आज निर्यात की नई बुलंदियां छू रहा है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के मुताबिक सरकार ने पिछले नौ सालों में 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मेरी सरकार का नहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का आंकड़ा है कि भारत ने पिछले पांच सालों में अति गरीबी को बड़े पैमाने पर कम किया है।
अपने गणितीय भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार आंकड़े देकर बताया कि कैसे देश उन्नति के मार्ग में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के जल जीवन मिशन की न सिर्फ  तारीफ  की है बल्कि अपने एक आंकलन के जरिये यह निष्कर्ष निकाला है कि इस मिशन ने  भारत में 4 लाख लोगों को जीवन दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अगर यह मिशन नहीं होता तो 4 लाख लोग नहीं बचते। प्रधानमंत्री ने इस बात का ज़ोरदार अंदाज में खुलासा किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आत्मविश्वास से न सिर्फ  सदन का माहौल पलट दिया बल्कि लगा कि जैसे राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर कोई प्रधानमंत्री अपनी उपलब्धियों को गिनाकर विपक्ष की बोलती बंद कर रहा है। प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि हमने इस देश के युवाओं को एक घोटाला रहित सरकार दी है। उन्हें भविष्य दिया है, उन्हें सपने दिए हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी नीतियों की कैसे यूनिसेफ  से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन बार-बार तारीफ  कर रहे हैं। उन्होंने सदन को बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजना न चलायी गई होती तो तीन लाख लोग पिछले कुछ सालों के भीतर अपनी जान से हाथ धो बैठते।
एक तरफ  प्रधानमंत्री जहां अपनी योजनाओं, उपलब्धियों और दुनिया के विभिन्न संगठनों और संस्थाओं द्वारा उनकी तारीफ  के जरिये विपक्ष को ध्वस्त कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ वह अपनी बॉडी लैंग्वेज, अपनी वाकपटुता और अभिनय कला की उच्च प्रतिभा का प्रदर्शन भी कर रहे थे। उन्होंने व्यंग्य और अभिनय की मिली जुली भाव भंगिमाओं के बीच कहा कि इस विपक्ष को एक सीक्रेट वरदान मिला हुआ है कि ये जिसके बारे में बुरा सोचेंगे, उसका भला हो जायेगा। उन्होंने कहा मुझे देखो 20 सालों से ये मेरे बारे में बुरा सोच रहे हैं और मैं लगातार कहां से कहां पहुंच रहा हूं। शायद उन्होंने समयावधि में अपने मुख्यमंत्रितत्व काल को भी जोड़ लिया था। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री मोदी ने दो दिन की विपक्ष की ज़ोरदार बहस और तूफान के लिए बनाये गये माहौल को अपने आत्मविश्वास से हवा में उड़ा दिया।
   -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर