‘इंडिया’ गठबंधन में हैं प्रधानमंत्री पद के कई उम्मीदवार

आखिरकार इस बात पर चर्चा तेज़ हो गई है कि ‘इंडिया’ गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा? मौजूदा राजनीतिक चर्चा में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, शिवसेना (यूटीबी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार तथा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देने के लिए संभावित प्रमुख उम्मीदवार हैं। इस दौरान नितीश कुमार ने दोहराया कि उनकी स्वयं प्रधानमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से ही कहता आ रहा हूं कि मेरी खुद के लिए कोई इच्छा नहीं है...मेरी कोई निजी इच्छा नहीं है। मुझे कुछ नहीं चाहिए (मुझे कोई पद नहीं चाहिए)। किसी अन्य को ज़िम्मेदारी (अर्थात कन्वीनर का पद) दी जा सकती है। मेरी एकमात्र इच्छा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अधिक से अधिक पार्टियों (भाजपा विरोधी) को एकजुट किया जाए। मैं सिर्फ इस दिशा में कार्य कर रहा हूं। दूसरी ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने घोषणा की है कि राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, हालांकि कांग्रेस पार्टी द्वारा अभी तक इस घोषणा का कोई औपचारिक समर्थन नहीं किया गया। इसी प्रकार ‘आप’ ने विपक्षी गुट के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अरविंद केजरीवाल की वकालत करते हुए कहा कि उन्होंने एक विकास माडल दिया है, जिससे पूरे देश को लाभ हो सकता है। 
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि ‘आप’ का प्रत्येक सदस्य केजरीवाल को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहता है, परन्तु इस पर फैसला ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी सदस्यों द्वारा लिया जाएगा। अब तक गठबंधन ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह देश में राजनीतिक बदलाव लाने के लिए एक मज़बूत विकल्प उपलब्ध करवाएगा। यह दावा करते हुए कि उसके पास भाजपा के इकलौते चेहरे के खिलाफ कई प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। विपक्षी गठबंधन ने दो क्षेत्रीय संगठनों, पीजैंट्स एंड वर्कर्स पार्टी आफ इंडिया (पी.डब्ल्यू.पी.), महाराष्ट्र में एक मार्क्सवादी राजनीतिक दल तथा एक अन्य क्षेत्रीय संगठन को शामिल करके अपना दायरा 28 पार्टियों तक बढ़ा लिया है। 
 

‘परिवर्तन यात्रा’ को हरी झंडी 

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मुकाबला करने की तैयारी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा तथा गृह मंत्री अमित शाह ने परिवर्तन यात्रा के पहले चरण को 2 सितम्बर को हरी झंडी देकर रवाना किया। दूसरे चरण की यात्रा को 3 सितम्बर को रवाना किया जाएगा। सम्भावित तौर पर यह यात्रा 25 सितम्बर को सम्पन्न होगी, जिसके बाद जयपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक सार्वजनिक बैठक को सम्बोधित करेंगे।     47 विधानसभा क्षेत्रों में 1847 कि.मी. की दूरी तय करते हुए यह यात्रा जयपुर में समाप्त होगी। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 3 सितम्बर को डुंगरपुर के बेनेश्वर धाम में दूसरे चरण को हरी झंडी दिखाएंगे। यह यात्रा कोटा शहर में समाप्त होने से पहले 52 विधानसभा क्षेत्रों में 2433 कि.मी. की दूरी तय करेगी। इस दौरान पार्टी इस बात पर अभी अनिश्चित है कि दो बार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चुनाव प्रचार में कैसे पेश किया जाना चाहिए।

शर्मिला कांग्रेस के सम्पर्क में 

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रैड्डी की बहन वाई.एस. शर्मिला, जिन्होंने दो वर्ष पहले अपनी पार्टी (युवजन श्रमिक रायडू तेलंगाना पार्टी) बनाई थी, ने गठबंधन के लिए कांग्रेस के सम्पर्क में होने की बात मानी है। यह संभावित गठबंधन का संकेत तब सामने आया, जब शर्मिला ने पड़ोसी राज्य में कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के साथ लगातार बैठकें कीं। जहां शर्मिला तेलंगाना में स्वयं के लिए राजनीतिक स्थान बनाने की इच्छुक हैं, वहीं कांग्रेस इस बात पर अड़ी हुई है कि उसे आंध्र प्रदेश पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, परन्तु इससे वह अपने भाई के खिलाफ हो जाएगी। चर्चा यह भी है कि शर्मिला ने सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी से मुलाकात की है और आगामी दिनों में यह बात स्पष्ट होने की उम्मीद है कि क्या कांग्रेस की रणनीति काम आएगी या क्या इस सवाल का जवाब मिलेगा कि सबसे पुरानी पार्टी शर्र्मिला द्वारा रखीं शर्तों को मानेगी या नहीं। 

प्रशांत किशोर की टिप्पणी

चुनाव सलाहकार प्रशांत किशोर, जो पैदल यात्रा पर हैं और अपनी खुद की एक राजनीतिक पार्टी बनाने के निकट हैं, गृह प्रदेश बिहार में से चुनाव लड़ेंगे। किशोर ने अपने जन स्वराज अभियान के एक हिस्से के रूप में 2 अक्तूबर, 2022 को पश्चिमी चम्पारन जिले में महात्मा गांधी के भितीहरवा आश्रम से अपनी यात्रा शुरू की। वह पश्चिमी चम्पारन ,  पूर्वी चम्पारन, शिवहर, गोपालगंज, सीवान, सारन, वैशाली ज़िलों और समस्तीपुर ज़िले से होकर 2600 कि.मी. से अधिक चले। किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार पर भी तीखा प्रहार किया और उनके दावों और राजनीतिक फैसलों पर भी सवाल उठाए हैं। किशोर ने अगले वर्ष के लोकसभा चुनावों में सत्तारुढ़ भाजपा के साथ मुकाबला करने के लिए संयुक्त विरोधी गठबंधन में सांझेदारी को लेकर जे.डी. (यू) और राष्ट्रीय जनता दल (आर.जे.डी.) दोनों का मजाक उड़ाया है। प्रशांत किशोर ने हैरानी जताते हुए कहा कि लोकसभा में सिर्फ सांसद (आर.जे.डी.) वाली पार्टी तथा एक अन्य नेता नितीश जो अपने ही प्रदेश में आधार गंवा रहे है, यह तय करने में क्या भूमिका निभाएंगे किया 2024 के आम चुनावों के बाद देश को कौन चलाएगा। उन्होंने दोहराया कि बिहार का सत्तारुढ़ महागठबंधन सिर्फ प्रदेश के लिए प्रासंगिक है और राष्ट्रीय राजनीति में इसका कोई महत्व नहीं है।

रजनीकांत का बना मज़ाक

केरल के मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने तमिल सुपरस्टार रजनीकांत द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पांव छूने के बाद उन पर तन्ज़ कसा, जो कि ऑनलाइन वायरल हो रहा है। शिवनकट्टी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि थोड़ा सा खिंचाव और झुकना हमेशा स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, हालांकि जिस प्रकार हमारे सुपरस्टार योगी जैसे व्यक्ति के सामने झुके हैं, उसके साथ उनकी कमर आसानी के साथ टूट सकती थी, उनको सावधान रहना चाहिए। इस तस्वीर ने इंटरनैट पर तहलका मचा दिया और लोग रजनीकांत के अजीब हावभाव पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। जहां एक वर्ग के लोगों ने सुपरस्टार की प्रशंसा की, वहीं कुछ आलोचकों ने उनके काम को ‘एक तमाशा’ करार दिया है। (आई.पी.ए.)