क्या खड़गे बनेंगे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ?

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मंच तैयार हो चुका है। इस अवसर पर ‘इंडिया’ गठबंधन की चौथी बैठक में उस समय ज़ोरदार ड्रामा देखने को मिला, जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे होंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि लालू प्रसाद यादव तथा नितीश कुमार इस फैसले पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रैस कांफ्रैंस से पहले ही बैठक छोड़ कर चले गए। 
इस अवसर पर खड़गे ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता चुनाव जीतना है। उल्लेखनीय है कि खड़गे अनुसूचित जाति (एस.सी.) वर्ग से हैं और ‘इंडिया’ गठबंधन को इससे लाभ होने की उम्मीद है। यह फैसला भाजपा के हिन्दुत्व तथा अति राष्ट्रवाद के मुद्दों का भी मुकाबला करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। फिलहाल सभी ने इस बात पर सहमति प्रगट की है कि सीटों के विभाजन के लिए बातचीत 31 दिसम्बर से पहले पूरी हो जानी चाहिए। विपक्षी पार्टियां 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह से पहले संयुक्त रैलियां तथा अभियान चलाएंगी। 

मायावती की नई रणनीति

बसपा सांसदों का विचार है कि पार्टी को विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल हो जाना चाहिए, परन्तु बसपा सुप्रीमो मायावती ने ‘इंडिया’ या राजग के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन में जाने से इन्कार कर दिया है और वह लोकसभा चुनाव की तैयारियों के निरीक्षण के लिए जल्द ही उत्तर प्रदेश का दौरा कर सकती हैं। मायावती को उम्मीद है कि ज़मीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा फीडबैक मिलने से पार्टी को रणनीति बनाने तथा उम्मीदवार तय करने में मदद मिलेगी। इससे चुनाव रणनीति में व्यापक बदलाव आ सकता है। मायावती ने 2022 के विधानसभा चुनाव तथा 2023 के स्थानीय निकाय चुनाव के लिए प्रचार नहीं किया था। उत्तर प्रदेश में पार्टी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक न सिर्फ पूरी सीटें जीतना है, अपितु जो सीटें उसके पास हैं, उन्हें बरकरार रखना भी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 10 सीटें जीती थीं और 2014 में उसकी झोली में एक भी सीट नहीं आई जबकि 2009 में उसने उत्तर प्रदेश की 20 सीटें जीती थीं। 

मोदी को कौन हरा सकता है?

‘इंडिया’ गठबंधन द्वारा नरेन्द्र मोदी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी विधानसभा क्षेत्र में चुनौती देने के लिए राजनीतिक नेताओं की एक सूची तैयार की जा रही है। सूत्रों के अनुसार अब तक दो नाम प्रस्तावित किए गए हैं। पहला बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार का और दूसरा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का। 2024 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रस्तावित किया है। बनर्जी ने यह प्रस्ताव दिल्ली में हुई ‘इंडिया’ गठबंधन की चौथी बैठक में रखा था। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में जद (यू) नेताओं का विचार है कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार को फूलपुर या मिज़र्ापुर की कुरमी बहुसंख्यक वाली सीटों से चुनाव लड़ना चाहिए। दोनों वाराणसी के निकट हैं और उम्मीद की जा रही है कि वह वाराणसी में कुरमी वोट में सेंध लगा सकते हैं। 

खड़गे, राहुल, प्रियंका बनाम अखिलेश

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस इकाई के शीर्ष नेतृत्व के साथ 2024 के चुनाव के लिए राज्य की योजनाओं को मज़बूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक में विचार-विमर्श किया। बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस इकाई के नेताओं ने तीन हिन्दी भाषी राज्यों में कांग्रेस की हाल ही में हार की पृष्ठभूमि में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ कड़ी सौदेबाज़ी की संभावना व्यक्त करते हुए राज्य में पार्टी को सीटों का एक अच्छा हिस्सा मिलने बारे आशंका व्यक्त की है। इस दौरान सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी कांग्रेस के लिए 12 से अधिक सीटें छोड़ने को तैयार नहीं थी। दूसरी ओर कांग्रेस सीटों पर विचार करने के लिए 2009 को आधार वर्ष बनाना चाहती थी, जब उसने 21 सीटें जीती थीं। समाजवादी पार्टी का कहना है कि राष्ट्रीय लोक दल (आर.एल.डी.), भीम आर्मी नेता चन्द्रशेखर तथा अपना दल (कृष्णा पटेल) के लिए सीटें छोड़नी होंगी। समाजवादी पार्टी 2002 वाली अपनी राष्ट्रीय स्थिति को बेहतर करना चाहती है। 

सोनिया ने पार्टी को तैयार रहने को कहा

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों से साथ सीटों के विभाजन पर पार्टी की रणनीतिक योजनाओं तथा आगामी लोकसभा के लिए आगे की कार्रवाई के साथ-साथ तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में अपनी हार के कारणों का मूल्यांकन करने हेतु बातचीत की। इस दौरान सोनिया गांधी ने बुधवार को चुनाव परिणामों पर निराशा व्यक्त की और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव के लिए निराशा को सकारात्मकता में बदलने की अपील की। उन्होंने कहा,‘एक पार्टी के रूप में तथा ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्य के तौर पर हमने अपने लिए कार्य तय कर लिए हैं।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस 28 दिसम्बर को नागपुर में अपने स्थापना दिवस पर एक विशाल रैली करने की तैयारी कर रही है। 

(आई.पी.ए.)