नहीं रहे जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा
मुंबई, 9 अक्टूबर (एजेंसी) - देश के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली सोमवार को उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्होंने ही आईसीयू में भर्ती होने की खबरों का खंडन किया। उदारीकरण के दौर के बाद टाटा ग्रुप आज जिस ऊंचाई पर है, उसे वहां तक पहुंचाने में रतन टाटा का बहुत बड़ा योगदान है। सादगी और सहजता के मालिक रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंथड्रेल और जॉन कॉर्नेल स्कूल से प्राप्त की इसके बाद उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। 1962 में टाटा समूह में शामिल होने से पहले रतन टाटा ने कुछ समय तक अमेरिका में काम किया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का चेयरमैन बनाया गया। 1991 में, जे.आर.डी. टाटा के रिटायरमेंट के बाद रतन टाटा को टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया, जहां से वह 2012 में रिटायर हुए। भारत में पहली बार पूर्ण कार का उत्पादन शुरू करने का श्रेय भी रतन टाटा को ही जाता है। इस पहली स्वदेशी कार का नाम टाटा इंडिका था दुनिया की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो बनाने की उपलब्धि भी उनके नाम है उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने लैंड रोवर और जगुआर का विलय कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में खलबली मचा दी। रतन टाटा ने 5 महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली 30 से अधिक कंपनियों का प्रबंधन करके अपनी प्रतिभा को निखारा। उन्होंने टाटा समूह को नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित प्रमुख हस्तियों ने जताया दुख
भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक टाटा समूह का नेतृत्व करने वाले रतन टाटा के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, उडोगपति, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी और आनंद महिंद्रा सहित हर क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों ने शोक जताया है।