यातायात नियमों का ज्ञान,बचाए सड़क दुर्घटनाओं से जान

यातायात पीड़ित वो लोग होते हैं जो कि हर साल सड़क हादसे में मारे जाते हैं और इनमें 5 साल से लेकर 30 वर्ष की आयु सीमा के लोग सबसे ज्यादा यातायात पीड़ित का शिकार बनते हैं। कई बार लोग अपनी गलती से जान गवाते है और कई बार लोग दूसरे की गलती से जान गवाते है। सड़क यातायात पीड़ितों के लिए विश्व स्मरण दिवस पर हर साल आकड़े देखे जाते हैं कि पहले के मुकाबले इस साल कितने लोग सड़क हादसे के शिकार बने है। इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके पीड़ितों को सहानुभूति प्रदान की जाती है साथ ही सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके जिसके परिणामस्वरूप जीवन बचाने की कार्यवाई को बढ़ावा दिया जा सके।
सड़क पर वाहन चलाते समय हमारी गलतियों के कारण जहां हम खुद जोखिम मोल लेते है वहां निर्दोष लोगों को भी अपना शिकार बनाते है। सड़क पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को चोट या मृत्यु का खतरा होता है। विशेषकर पैदल यात्री, मोटर यात्री, साइकिल चालक यात्री आदि। बच्चे से बुजुर्ग तक हर किसी को सड़क यातायात नियमों के बारे में अच्छी तरह से पता होना चाहिए, तभी हम सड़क दुर्घटनाओं से खुद को सुरक्षित रख पाएंगे। सड़क सुरक्षा, सुरक्षित ड्राइविंग के निर्देश और विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करता है। यह दिवस सड़क दुर्घटनाओं के मामले में उपलब्ध प्राथमिक चिकित्सा सुविधाओं और पीड़ितों की सुरक्षा के लिए उपलब्ध न्यायिक कानूनों के बारे में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है तथा सड़क दुर्घटना के समय अच्छे मददगार व्यक्ति को पीड़ित की मदद करने पर सम्मानित भी किया जाता हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले साल वैश्विक सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान प्रस्तुत एक रिपोर्ट अनुसार वैश्विक स्तर पर सड़क दुर्घटनाओं में प्रति वर्ष 1.35 मिलियन से अधिक मौतें होती हैं और 50 मिलियन से अधिक लोगों को गंभीर शारीरिक चोटें आती हैं। सड़क हादसे भारत जैसे विकासशील देश के लिए चुनौती बने हुए हैं। भारत सरकार ने सड़क हादसों में 50 प्रतिशत मौतों में कमी का लक्ष्य निर्धारित किया था मगर इसके उलट मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही रहा है। भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में हर साल लाखों की संख्या में लोग अपनी जान गवां देते हैं। साल 2023 में सड़क हादसों में 1.73 लाख से ज्यादा मौतें हुईं यानि हर दिन औसतन 474 मौतें हुईं और हर तीन मिनट में एक जान गई। पिछले साल सड़क हादसों में करीब 4.63 लाख लोग घायल हुए थे। वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत में दुनिया के केवल एक प्रतिशत वाहन हैं। इसके बावजूद पूरे विश्व में होने वाले हादसों का 11 प्रतिशत देश में ही घटित होते हैं। विश्व बैंक के अनुसार 18.45 आयु वर्ग के लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर सर्वाधिक 69 प्रतिशत है। इसके अलावा 54 प्रतिशत मौतें और गंभीर चोटें मुख्य रूप से संवेदनशील जैसे पैदल यात्री, साइकिल चालक और दोपहिया वाहन सवार आदि में देखी जाती हैं। भारत में 5.29 वर्ष आयु-वर्ग के बच्चों और युवा वयस्कों में सड़क दुर्घटना मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है।
एक अधिकृत जानकारी के मुताबिक देश भर में होने वाली कुल सड़क दुर्घटनाओं में से 76 प्रतिशत दुर्घटनाएं ओवरस्पीडिंग और गलत साइड पर गाड़ी चलाने जैसे यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण होती हैं। कुल सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहनों और पैदल चलने वालों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। सड़क सुरक्षा को लेकर हमें अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा। हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने और अन्य सुरक्षा मानकों का पालन करने के प्रति हमें जागरूक रहना चाहिए। मीडिया सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं। सड़क सुरक्षा को लेकर समाज का मानस और व्यवहार बदलने के प्रयास करना होगा। सड़क दुर्घटनाएं ज्यादातर हमारी गलती से होती हैं। अगर हम नियमों का पालन करें तो सड़क दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं। वाहन चलाने को लेकर लापरवाह और अति आत्मविश्वास नहीं होना चाहिए। सीट बेल्ट और हेलमेट आपको गंभीर चोट से बचाते हैं।
सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है, आम जनता में खासतौर से नये आयु वर्ग के लोगों में अधिक जागरुकता लाने के लिये इसे शिक्षा, सामाजिक जागरुकता आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से जोड़ा जाना नितांत आवश्यक है। सड़क दुर्घटना, चोट और मृत्यु आज के दिनों में बहुत आम हो चला है। सड़क पर ऐसी दुर्घटनाओं की मुख्य वजह लोगों द्वारा सड़क यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा उपायों की अनदेखी है। गलत दिशा में गाड़ी चलाना, सड़क सुरक्षा नियमों और उपायों में कमी, तेज़ गति, नशे में गाड़ी चलाने आदि। जान लेवा सड़क हादसों को रोकने के लिए ज़रूरी है कि सड़कों की स्थिति अच्छी हो, जन कल्याणकारी सरकार का यह दायित्व है कि वह उच्च गुणवत्ता युक्त सड़कों का निर्माण करें और क्षत-विक्षत सड़कों को दुरस्त करें ताकि वाहन किसी दुर्घटना का शिकार नहीं होवे।

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