अच्छे स्वास्थ्य हेतु ज़रूरी है नींद
क्या आप जानते हैं हम अपने जीवन का एक तिहाई भाग सोने में गुजारते हैं। नींद हमारे उत्तम स्वास्थ्य के लिए उतनी आवश्यक है जितना खाना और पीना। अगर इंसान पौष्टिक आहार लेता है, स्वच्छ जल उचित मात्रा में ग्रहण करता है और पर्याप्त नींद लेता है वो स्वस्थ रहता है।
नींद कितनी लेनी चाहिए, यह भी एक प्रश्न है। हर इंसान की नींद की ज़रूरत अलग होती है। कुछ लोग 5-6 घंटे की नींद लेकर दिन भर फ्रेश रहते हैं और खूब भागदौड़ भी करते हैं और कुछ 8-10 घंटे सोकर भी जब उठते हैं तो उनींदा महसूस करते हैं। वे दिन भर थके थके रहते हैं और जो भी कार्य करते हैं बहुत आराम-आराम से। गहरी नींद चाहे 6 घंटे की हो, वो ज्यादा अच्छी होती है। अगर डिस्टर्ब नींद 8 घंटे भी सोयें तो शरीर थका हुआ महसूस करता है।
रात्रि में 10 बजे सोना और प्रात: 6 बजे तक उठ जाना सोने के लिए अच्छा वक्त है। जो लोग रात में जागते हैं और दिन में सोते हैं वे अपनी सेहत को खराब करते हैं। दिन में पावर नैप अधेड़ उम्र के लोगों के लिए अच्छी होती है पर नैप का अर्थ नैप ही होना चाहिए जिसका समय 30 मिनट से 40 मिनट तक हो सकता है। ज्यादा सोएंगे तो रात की नींद का सिस्टम खराब हो जाएगा। हमें अपना बॉडी क्लॉक सूर्य के अनुसार बनाना चाहिए, रात में सोना, दिन में जागना।
नींद के प्रारंभिक काल में जैसा भी आपके शरीर को आरामदायक लगे, वैसा सोना चाहिए सीधा या करवट लेकर। सोने के बाद तो पता ही नहीं चलता कि किस करवट आप सो रहे हैं।
नींद न आने के कई कारण होते हैं जैसे चिंता, चोट लगना, बुखार, शरीर के किसी भाग में दर्द, दिन में अधिक सोना, शिफ्ट डयूटी करना, अधिक सफर करना, क्षमता से अधिक श्रम करना आदि कभी-कभी बिस्तर बदलाव, जगह बदलाव या अधिक गर्मी और सर्दी का होना भी होता है। अधिक सॉफ्ट गद्दे स्पंज वाला तकिया अधिक ऊंचा और सख्त होने से भी नींद आने में परेशानी होती है।
जब नींद न आ रही हो, उसके विषय में अधिक न सोचें। मेडिटेशन करें, कुछ हल्के व्यायाम करें, कुछ पढ़ें, काम करें। जबरन लेटने का प्रयास न करें। बिस्तर पर रिलैक्स लेटकर पांव में फासला दें, बंद आंखों से अपनी श्वांसों को आते जाते देखें नींद आने में यह क्रिया सहायक होती है।
क्या करें जब नींद न आए
बेडरूम साफ सुथरा रखें।
बेडरूम में रोशनी नहीं आनी चाहिए।
निश्चित रूटीन में सोना उठना चाहिए। इससे नींद आ जाएगी और प्रात: भी खुल जाएगी।
बेडरूम में टीवी, कम्प्यूटर, लैपटॉप को स्थान न दें।
रात में कुछ भी दिलचस्प प्रोग्राम न देखें, न ही दिलचस्प किताबें, मैगजीनें पढ़ें। ये नींद में बाधा डालते हैं। बोरिंग किताब पढ़ें ताकि नींद जल्दी आए।
सोने से पहले गुनगुना दूध पिएं।
शरीर के लिए रोशनी और अंधेरा ज़रूरी है। यह नींद के साइकिल को ठीक रखता है।
दिन में एक्सरसाइज करें, सैर करें, परिश्रम करें ताकि थकान होने पर नींद अच्छी आ सके।
क्या न करें जब नींद न आए
बेडरूम में बाहर की आवाजें और रोशनी न आए।
रात्रि में तेज म्यूजिक न सुनें, न ही फास्ट डांस करें।
सोने से एकदम पहले सख्त व्यायाम न करें। ऐसा करने से स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं।
खाना सोने से तीन घंटे पहले खा लें।
सोने से पहले चाय काफी न पिएं।
खाना खाकर एकदम सोने जाने से शुगर लेवल बढ़ता है। अगर सोने से पहले भूख लगे तो गुनगुना दूध पी लें। अधिक शराब पीने वालों को नींद की समस्या रहती है। शराब का सेवन कम से कम करें। (स्वास्थ्य दर्पण)