स्वाद और सेहत का खज़ाना चना

छोले जिन्हें गार्बोनो बींस भी कहा जाता है, एक विशिष्ट प्रकार की फली है जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है। क्या आपको पता है कि एक कप चने में लगभग 15 ग्राम प्रोटीन होती है। छोले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे कि विटामिन ई, सी और बीटा कैरोटिन होते हैं, जो हमारे शरीर को तनाव से लड़ने और एजिंग से बचाते हैं। चने में मैग्नीशियम, पोटोशियम, विटामिन बी, फाइबर और आयरन की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहायक होता है। इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड पूरे शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है और हम दिल संबंधी बीमारियों से बचे रहते हैं। इसमें मौजूद पोटाशियम हमारे रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। विभिन्न अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि रोज़ाना चने का सेवन कई किस्म के स्वास्थ्य संबंधी खतरों को कम करता है।
चने में मौजूद विटामिन बी, स्तन कैंसर और फेफड़ों के कैंसर को कम करता है। छोले में फाइट्रोएस्टोजन, महिलाओं में सेक्स ड्राइव को बनाये रखने में मदद करते हैं। रजोनिवृत्ति के समय होने वाले लक्षणों को कम करते हैं और मासिक धर्म के दौरान मूड स्विंग को कंट्रोल करते हैं। चने में मौजूद प्रोटीन, मैग्नीज और जिंक बालों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद मैग्नीज हमारी त्वचा की कोशिकाओं को नया जीवन देकर झुर्रियां पैदा करने वाले एलीमेंट्स से लड़ने में मदद करता है। इसमें मौजूद फोलेट और विटामिन बी हमारी त्वचा की कोशिकाओं को पुष्ट करते हैं। सूर्य से झुलसी त्वचा के नुकसान को भी ठीक करते हैं। इसमें मौजूद जिंक और बीटा कैरोटिन हमारी आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं। चनों में रेफिनोज नामक आहार फाइबर हमारी पाचनशक्ति को सुधारने में मदद करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर हमारे पाचनतंत्र को मजबूती देता है। 
चने का फाइबर पेट में लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाता है और हमें कब्ज से निजात दिलाता है। चने में मौजूद कोलिन हमारे मस्तिष्क और तंत्रिकातंत्र की कार्यप्रणाली को सुचारू बनाता है। कोलिन हमारी मांसपेशियों पर नियंत्रण, याद्दाश्त बढ़ाने और हमारी सीखने की क्षमता में भी वृद्धि करता है। एक कप छोले में 70.2 मिलीग्राम कोलिन हमारे पाचनतंत्र को मजबूत बनाता है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें इसका नियमित सेवन करना चाहिए। फाइबर से भरपूर छोले खाने के बाद आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती। इसका यदि सलाद में रूप में सेवन किया जाए तो आप फास्ट फूड से बच सकते हैं। विभिन्न अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं छोलों में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं। कभी-कभी ये हमारी पाचनशक्ति को धीमा भी कर देते हैं। 
सावधानियां : छोले या चने जो भी खाएं उन्हें सही तरह से खाना चाहिए। यदि आप रात में चने या छोले भिगोकर खाते हैं तो उनका थोड़ी मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। क्योंकि उनमें ऐसे रसायन होते हैं, जिनको पचाना आसान नहीं होता। इनका यदि ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो कार्बोहाइड्रेट से भरपूर इन चनों को पचाना मुश्किल हो सकता है। कभी-कभी इसकी ज्यादा मात्रा से पेट दर्द, पेट फूलना या दस्त लगना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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