जंगल का सितारा व वन्यजीवों का स्वर्ग है वनतारा
विश्व वन्यजीव दिवस से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के रिलायंस जामनगर रिफाइनरी परिसर के भीतर हजारों एकड़ में फैले पशु बचाव, संरक्षण और पुनर्वास केंद्र ‘वनतारा’ का दौरा किया, जो न केवल बंदी हाथियों तथा अन्य वन्यजीवों की भलाई के लिए एक बचाव केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है बल्कि दुर्व्यवहार और शोषण से बचाए गए जानवरों को अभयारण्य, पुनर्वास और चिकित्सा देखभाल भी प्रदान करता है। पिछले दिनों वन्य प्राणियों की देखभाल के लिए ही ‘वनतारा’ को ‘प्राणी मित्र’ राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार निगमों, सार्वजनिक उपक्रम, सरकारी निकायों और सहकारी समितियों को पिछले 5 वर्षों में पशु कल्याण के लिए उनके निरंतर योगदान के लिए दिया जाता है, जिसमें पशु कल्याण पहलों के लिए समर्पित कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) निधि भी शामिल है। भारत सरकार की ओर से कॉर्पोरेट कैटेगरी में पशु कल्याण के क्षेत्र में देश का यह सर्वोच्च सम्मान है। ‘वनतारा’ को यह पुरस्कार विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया। कॉर्पोरेट श्रेणी में दिया जाने वाला यह पुरस्कार ‘राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट’ के असाधारण कार्यों के लिए दिया गया, जो ‘वनतारा’ की एक संस्था है और हाथियों के रेस्क्यू, इलाज और आजीवन देखभाल के लिए समर्पित है। यह पुरस्कार पशु कल्याण में महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘वनतारा’ के असाधारण योगदान को मान्यता प्रदान करता है।
वनतारा का अत्याधुनिक एलिफेंट केयर सेंटर रेस्क्यू किए गए 240 से अधिक हाथियों के लिए सुरक्षित, चेन-फ्री और समृद्ध वातावरण प्रदान करता है। हाथियों की देखभाल से जुड़े इस एलिफेंट केयर सेंटर में सर्कस से 30 हाथी, लकड़ी उद्योग से 100 से अधिक हाथी और सवारी तथा सड़क पर भीख मांगने जैसी शोषणकारी प्रथाओं से बचाए गए अन्य हाथी शामिल हैं। वनतारा में हाथियों को विश्वस्तरीय पशु चिकित्सा और देखभाल की सुविधा मिलती है। वनतारा का हाथी देखभाल केंद्र विश्व के सबसे बड़े हाथी अस्पताल से सुसज्जित है, जो एलोपैथी, आयुर्वेद और एक्यूपंक्चर सहित आधुनिक पशु चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है। अस्पताल में हाइड्रोथेरेपी तालाब, हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चैंबर तथा स्पेशल लेग केयर जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं भी हैं। हाइड्रोलिक लिफ्ट, आरामदायक फ्लोरिंग और अन्य सुविधाओं से सुसज्जित वनतारा कुल 75 कस्टम-इंजीनियर्ड हाथी एम्बुलेंस का बेड़ा भी संचालित करता है ताकि बचाए गए हाथियों के लिए सुरक्षित और तनाव-मुक्त परिवहन सुनिश्चित किया जा सके।
हाथियों सहित कई जानवरों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया ‘वनतारा’ विशेष रूप से डिजाइन गए 3000 एकड़ के जंगल में फैला है, जहां केवल हाथी ही नहीं, अन्य जानवर भी आजादी से घूम सकते हैं, सामाजिक रूप से जुड़ सकते हैं और प्राकृतिक व्यवहार जैसे चारा ढूंढना, कीचड़ और धूल में नहाना तथा प्राकृतिक तालाबों में नहाना इत्यादि क्रियाएं कर सकते हैं। वनतारा का नाम ‘वन’ और ‘तारा’ शब्दों से मिलकर बना है। ‘वन’ का अर्थ है ‘जंगल’ और ‘तारा’ का अर्थ है ‘सितारा’। वनतारा का शाब्दिक अर्थ है ‘जंगल का सितारा’, जो हाथी, बाघ, तेंदुए, गैंडे, हिरण, पक्षी इत्यादि विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों का घर है, जो जानवरों को प्राकृतिक आवास प्रदान करते हुए उन्हें स्वतंत्र रूप से विचरण करने के लिए विशाल जगह प्रदान करता है। गुजरात में रिलायंस के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर सैंकड़ों एकड़ में फैला ‘वनतारा’ एक ऐसा विशाल वन है, जिसकी स्थापना अनंत अंबानी द्वारा 2023 में की गई थी। अनंत के मुताबिक यह बंजर भूमि थी, जिसे जंगल में बदला गया है और अब यह हजारों जानवरों का घर है। वनतारा में अनुभवी पशु चिकित्सकों, जीव विज्ञानियों और वन्यजीव विशेषज्ञों की विशाल टीम कार्यरत है, जो जानवरों की देखभाल, इलाज और उनके पुनर्वास के लिए जिम्मेदार है। अनंत की यह परियोजना दुनिया के सबसे बड़े पशु बचाव और पुनर्वास केन्द्र के रूप में शामिल है। करीब तीन हजार एकड़ में फैला वनतारा पशु आश्रय प्राकृतिक आवासों से मिलता-जुलता हरा-भरा और जंगल जैसा वातावरण प्रदान करता है।
वन्य जन्तुओं की देखभाल और संरक्षण के लिए ‘वनतारा’ नामक विशाल महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरूआत की थी रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक अनंत अंबानी ने, जिनका इस पशु कल्याण पहल को लेकर कहना है कि ‘वनतारा’ लाभ के लिए नहीं है बल्कि यह जानवरों की सेवा के लिए है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से 26 फरवरी, 2024 को ‘वनतारा’ कार्यक्रम का अनावरण किया था, जो भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घायल तथा लुप्तप्राय जानवरों के बचाव, उपचार, देखभाल और पुनर्वास पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए एक व्यापक पहल है। अनंत की छवि वन्यजीव संरक्षण के प्रति समर्पित वन्यप्रेमी की रही है और ‘वनतारा’ को उनका ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जाता रहा है। अनंत जानवरों को बचाने, उन्हें स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने, उनके पुनर्वास और संरक्षण के उद्देश्य से विभिन्न पहलों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। ‘वनतारा’ के अनावरण के अवसर पर अनंत का कहना था कि हम वन्यजीवों के महत्वपूर्ण आवासों को बहाल करना चाहते हैं और वन्य प्रजातियों के लिए तत्काल खतरों का समाधान करना चाहते हैं, जिसके लिए वनतारा को एक अग्रणी संरक्षण कार्यक्रम के रूप में स्थापित करना चाहते हैं।
हाथी, बाघ, तेंदुए, गैंडे, हिरण तथा पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों सहित अभी तक सैंकड़ों घायल और बीमार जानवरों का पुनर्वास करके वनतारा ने बहुत ही कम समय में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। वनतारा का लक्ष्य विश्व स्तर पर वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में अग्रणी योगदानकर्ताओं में से एक बनना है। इस मिशन का उद्देश्य भारत के वन्यजीवों की संरक्षण क्षमता को मजबूत करना और उनके संरक्षण के लिए एक ऐसा नया मॉडल स्थापित करना है, जो भारतीय वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र को गति व नई दिशा प्रदान कर सकता है। वनतारा का मुख्य लक्ष्य भारतीय वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में नई तकनीकों, नई सोच और उत्कृष्ट प्रबंधन को अद्यतन करना है। भारत में वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में इसे एक क्रांतिकारी पहल माना जा रहा है। चूंकि वनतारा में हाथियों सहित कई अन्य वन्यजीवों को भी रखा गया है, इसीलिए वन्य संरक्षण की इस पहल को रिलायंस समूह के ‘निजी चिड़ियाघर’ की संज्ञा भी दी जाती है।
वनतारा में हाथियों को बचाने से लेकर उनकी देखरेख की जिम्मेदारी ‘राधे कृष्णा एनिमल वैल्फेयर ट्रस्ट’ निभा रहा है जबकि अन्य जानवरों की देखभाल के लिए ग्रीन्स ज़ूओलॉजिकल, रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (जीजेडआरआरसी) खोला गया है। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की ओर से इसी केन्द्र को ‘मिनी ज़ू’ की श्रेणी में मान्यता दी गई है, जिसका संचालन 10 मार्च, 2021 को गठित ‘जीजेडआरआरसी’ सोसायटी द्वारा किया जा रहा है। रिलायंस समूह के इस रेस्क्यू सेंटर में अनेक प्रजातियों के 2000 से भी ज्यादा जानवर हैं, जिनमें 300 से ज्यादा तेंदुए, बाघ, शेर और जगुआर शामिल हैं। इनके अलावा मगरमच्छ, सांप और कछुए इत्यादि 1200 से ज्यादा सरीसृप तथा 300 से ज्यादा हिरण भी यहां रखे गए हैं। यहां 100 से भी ज्यादा प्रजातियों के जानवरों को प्रबंधित करने के लिए करीब 3000 लोगों की टीम है। भारत में चूंकि जंगल तेज़ी से कम हो रहे हैं और वन विभाग के पास भी संसाधन सीमित हैं, ऐसे में लोग यदि इस पहल में आगे आते हैं तो यह पर्यावरण संरक्षण के हिसाब से बेहतर ही है। विदेशों में भी निजी स्तर पर इस प्रकार की कुछ पहल हो रही हैं। वनतारा में हाथियों के अलावा अन्य जानवरों के लिए 650 एकड़ में बचाव और पुनर्वास केंद्र है। इस बचाव और पुनर्वास केन्द्र में भारत के साथ-साथ दुनियाभर से बचाए गए जानवरों के लिए इलाज और पुनर्वास जैसे प्रबंध किए जा रहे हैं। बहरहाल ‘वनतारा’ को मिले ‘प्राणी मित्र’ राष्ट्रीय पुरस्कार ने वन्यजीव संरक्षण को लेकर निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता प्रदान की है।