अमरीकी टैरिफ नीति : चीन को हानि से अधिक नये अवसरों की उम्मीद

अमरीका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक और सैन्य शक्ति चीन दूसरे कार्यकाल के अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पुनरुत्थान का सामना करने की योजना कैसे बना रहा है, जो अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर अपना पूर्ण प्रभुत्व थोपने के लिए इतने लंबे समय से स्थापित वैश्विक व्यवस्था को बाधित कर रहा है। यह सब जानने हर राजनीतिक विश्लेषक चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के मौजूदा विचार-विमर्श पर नज़र रख रहा है, जिसका बीजिंग में 5 मार्च को एक सप्ताह लंबा सत्र शुरू हुआ था। 
सत्र का समय पहले ही तय हो चुका था, लेकिन इस साल 20 जनवरी को एक बार फिर से अमरीका के राष्ट्रपति पद की कमान संभालने वाले नेता ट्रम्प और कांग्रेस के सत्र की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले अमरीका को चीनी निर्यात पर अतिरिक्त टैरिफ  की घोषणा समेत उनके कई कदमों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नीति निर्माताओं की सोच को एक नया आयाम दिया है, जो पहले इज़रायल-हमास युद्ध विराम समझौते और अब यूक्रून में युद्ध समाप्त करने के बारे में अमरीकी राष्ट्रपति के कदमों पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। 
अभी तक चीन ने टैरिफ  वृद्धि पर यह कहते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि ट्रम्प चीन को अधीनता में लेने की धमकी नहीं दे सकते। चीन भी पारस्परिक टैरिफ  वृद्धि लागू कर रहा है और कहा है कि अगर ट्रम्प व्यापार युद्ध करना चाहते हैं, तो चीन भी युद्ध के लिए समान रूप से तैयार है।  चीनी प्रधानमंत्री ली ने वार्षिक सरकारी कार्य रिपोर्ट में 2025 में 5 प्रतिशत की वृद्धि लक्ष्य की घोषणा की, जिसमें घरेलू मांग को बढ़ावा देकर और 120 लाख नये शहरी रोज़गार सृजित करके आर्थिक विकास को स्थिर करने की योजनाओं की रूपरेखा भी बतायी गयी। पिछले दो वर्षों में शहरी क्षेत्रों में नौकरियों की गुणवत्ता को लेकर चीनी युवाओं में असंतोष था। हाईटेक युवाओं के सोशल मीडिया पेज़ों पर भी यह भावना झलकी। चीनी रिपोर्ट ने इस बार उस गुणवत्ता के मुद्दे पर ध्यान दिया है और शहरी क्षेत्रों में उचित रोज़गार सृजित किये जा रहे हैं। कुछ पश्चिमी अर्थशास्त्री मौजूदा व्यापार युद्ध के मद्देनज़र 2025 में पांच प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की संभावना पर संदेह कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप अमरीका ने अधिकांश चीनी वस्तुओं पर टैरिफ  को दोगुना करके 20 प्रतिशत कर दिया है और कुछ शुल्क 40 प्रतिशत को भी पार कर गये हैं।
सामान्य तौर पर इसका निर्यात में उछाल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ना चाहिए, जिसे चीनी अर्थव्यवस्था ने 2024 के अंत में देखा था, जिससे चीन का व्यापार अधिशेष रिकॉर्ड एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया। 2025 में चीनी सरकार को अमरीका और कुछ अन्य देशों के साथ अपनी व्यापार नीति को संतुलित करना होगा, ताकि प्रतिकूल प्रभाव से निपटा जा सके और निर्यात पर अमरीकी कार्रवाई से होने वाले नुकसान को रोका जा सके। संकेत बताते हैं कि चीनी नीति निर्माता सुधारात्मक कदमों पर काम कर रहे हैं और 11 मार्च तक कांग्रेस के समाप्त होने तक व्यापार के मोर्चे पर नयी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए नीति दस्तावेज़ को ठीक किया जायेगा। 
एक नया विकास जिसने कांग्रेस में एकत्रित प्रतिनिधियों को बड़ी संतुष्टि दी है, वह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में चीनी वर्चस्व की वैश्विक स्तर पर चर्चा, खास तौर पर अमरीका की सिलिकॉन वैली में। डीपसेफ के नवीनतम संचालन और इसके प्रभाव के कारणों पर, जो कि उच्च तकनीक सहयोग पर ट्रम्प और शी के बीच आगामी वार्ता में महसूस किये जाने की उम्मीद है, चर्चा में है। एआई और चिप्स में पहले का अमरीकी प्रभुत्व खत्म हो गया है और चीन कम लागत वाले निर्माता के रूप में उभरा है। इस विकास ने चीनी राष्ट्रपति के हाथ मज़बूत किये हैं। 
संकेत बताते हैं कि आने वाले शिखर सम्मेलन में वार्ता समान स्तर पर होगी और यही चीन चाहता है। चीन अब एक वैश्विक व्यवस्था का सामना कर रहा है, जिसमें देश के लिए राजनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर खतरे और अवसर हैं। वास्तव में जैसा कि नीति विश्लेषक कह रहे हैं, चीन ट्रम्प के साथ वार्ता को आगे बढ़ाने में रुचि रखता है, यदि अमरीकी राष्ट्रपति यूक्रेन शांति समझौते पर काम करने के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वार्ता करेंगे। वैश्विक स्तर पर ट्रम्प कनाडा, मैक्सिको या पनामा के साथ अपनी लड़ाई में अपनी तत्काल जीत के बावजूद अलग-थलग पड़ रहे हैं। विश्व निकायों से अमरीका के हटने से विकासशील देशों, खास तौर पर अफ्रीका और लैटिन अमरीका में चीन के लिए नयी संभावनाएं खुल सकती हैं। यूएसएआईडी कार्यक्रमों के बंद होने से सबसे ज्यादा नुकसान अफ्रीकी देशों को हुआ है। वहां चीन के पास वित्तीय सहायता और तकनीकी सहयोग के ज़रिये अपनी जड़ें मज़बूत करने का बड़ा मौका है।
लेकिन सबसे महत्वपूर्ण लाभ यूरोप में हो सकता है जो पहले ही अमरीका से दूर हो चुका है। चीन के पश्चिमी यूरोप के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध हैं। अमरीका की स्थिति चीन को आर्थिक संबंधों को विकसित करने में अधिक सक्रिय होने में मदद कर सकती है, जिससे यूरोप को फायदा मिल सकता है। (संवाद)

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