शेर से हम क्या सीख सकते हैं? 

‘दीदी, सफलता के लिए कहा जाता है कि हम हर चीज़ से शिक्षा हासिल कर सकते हैं।’
‘यह बात तो सही है।’
‘तो क्या हम शेर से भी कुछ सीख सकते हैं?’
‘शेर में तो अनेक गुण हैं जो हमें कामयाबी के लिए प्रेरित कर सकते हैं।’
‘एक-दो बताएं।’
‘शेर तो जीने की कला सिखाता है। शेर से हम कठिन परिस्थितियों का सामना करना, चुनौतियों से लड़ना और अपने लक्ष्य को हर हाल में हासिल करना सीख सकते हैं।’
‘मगर कैसे?’
‘शेर आत्मविश्वास सिखाता है। उसे अपनी ताकत का पता होता है और वह उस पर गर्व करता है। हमें भी अपनी क्षमता मालूम होनी चाहिए।’
‘हां, यह बात तो है।’
‘शेर में अनुकूलनशीलता होती है, यानी वह हर स्थिति में खुद को ढाल लेता है। हमें भी अपने अंदर यह गुण विकसित करना चाहिए।’
‘और कुछ?’
‘एकाग्रता शेर का महत्वपूर्ण गुण है। वह पूरा ध्यान लगाकर अपना शिकार करता है। हमें भी शेर की तरह एकाग्रता हासिल करनी चाहिए। एकाग्रता के साथ ही शेर हमें संयम रखना भी सिखाता है। शेर हमेशा अपना शिकार करने से पहले संयम से भरा रहता है।’
‘शायद इसलिए ही शेर को जंगल का राजा कहते हैं।’
‘दरअसल, शेर से हम नेतृत्व का गुण सीख सकते हैं। वह हमें सिखाता है कि अपने गुणों व त़ाकत के बल पर सबका नेता कैसे बना जा सकता है।’ 
‘लेकिन यह ताकत कमजोर की रक्षा के लिए भी तो इस्तेमाल होनी चाहिए।’
‘शेर हर हाल में अपने परिवार की रक्षा करता है। हम भी शेर से अपने परिवार की सुरक्षा का भाव सीख सकते हैं और जिस तरह शेर अपने परिवार के कमज़ोर सदस्यों का खास ख्याल रखता है, वह गुण हममें भी होना चाहिए।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

#शेर से हम क्या सीख सकते हैं?