पंचायती राज व्यवस्था ग्रामीण विकास की रीढ़ की हड्डी है: विष्णु देव
रायपुर, 5 जुलाई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "आज छत्तीसगढ़ में सभी जिलों के नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के 3 दिनों के प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ है। यह 3 दिनों तक चलेगा। उद्घाटन सत्र में हमें भी शामिल होने का सौभाग्य मिला है... पंचायती राज व्यवस्था ग्रामीण विकास की रीढ़ की हड्डी है। हमारे अध्यक्षों और उपाध्यक्षों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है।
पंचायती राज व्यवस्था 24 अप्रैल, 1993 को लागू हुई थी, जब 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 प्रभावी हुआ था. यह संशोधन पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है.
73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के माध्यम से, पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा मिला और 24 अप्रैल, 1993 से इसे पूरे देश में लागू किया गया. यह संशोधन भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन की एक प्रणाली है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और शासन में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना है.