‘नैशनल हैल्थ केयर योजना’ नकदी रहित होगी : जेतली

नई दिल्ली, 2 फरवरी (भाषा): केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली ने आज कहा कि बजट में घोषित विश्व की सबसे बड़ी नैशनल हैल्थ केयर योजना (चिकित्सा बीमा योजना) कैशलेस (नकदी रहित) होगी और इसमें इलाज खर्च अपनी तरफ से करने के बाद भुगतान के लिए दावा करने की ज़रूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इसे अगले वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा और ज़रूरत पड़ने पर धन का आवंटन बढ़ाया जाएगा। ‘मोदीकेयर’ के रूप में चर्चित राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना के तहत कुल आबादी के 40 प्रतिशत यानी 10 करोड़ परिवारों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आने पर पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा बीमा सुरक्षा दी जाएगी। जेतली ने यहां कहा, ‘‘इसके तहत माध्यमिक और उच्चस्तरीय अस्पतालों में भर्ती के खर्च का बीमा होगा। निश्चित तौर पर इसमें तमाम सरकारी अस्पताल और कुछ चुनिंदा निजी अस्पताल शामिल होंगे। यह योजना विश्वास और बीमा के मॉडल पर आधारित हो सकती है।’ उन्होंने कहा कि इसके तरीके पर नीति आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि इसे अगले वित्त वर्ष में क्रियान्वित किया जाएगा। ओपन मैगजीन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि बीमा मॉडल होने से जैसे जैसे बीमाधारकों की संख्या बढ़ेगी, प्रीमियम कम होगा। जेतली ने योजना के पूरी तरह सरकारी वित्तपोषित होने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि दो हज़ार करोड़ रुपए की शुरुआती राशि का आवंटन कर दिया गया है। योजना के लागू होने के बाद जितनी भी राशि की आवश्यकता होगी, वह दी जाएगी व यह योजना नकदी रहित होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले साल में मैं और सहज स्थिति देख पा रहा हूं। जहां तक प्रत्यक्ष कर में ग्राफ का संबंध है तो यह तेज़ी से चढ़ेगा। जेतली ने कहा कि नोटबंदी व जीएसटी के बाद प्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या बढ़ी है। कर-चोरी रोकने के उपाय होते ही मुझे जीएसटी संग्रह में भी बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। मुझे नहीं लगता कि राजस्व कोई बड़ी चुनौती होने वाला है।