राज्य सरकार फूड स्ट्रीट की आड़ में पुन: करोड़ों बर्बाद करने की तैयारी में

अमृतसर, 15 फरवरी (सुरिन्द्र कोछड़) : लाहौर की आबादियों गबालमंडी और पुरानी अनारकली बाज़ार में फूड स्ट्रीट की तर्ज पर मौजूदा कैप्टन सरकार ने अमृतसर की टाऊन हाल की विरासती इमारत में फूड स्ट्रीट बनाए जाने का ऐलान किया है। जहां विश्वभर से गुरु नगरी आने वाले सैलानियों और स्थानीय लोग एक साथ अलग-अलग प्रकार के रिवायती और स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकेंगे। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा यह दावा किया गया है कि अगले 6 महीनों में यह फूड स्ट्रीट बना दिया जाएगा। इससे पहले पिछली अकाली-भाजपा गठबंधन की सरकार से उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान लाहौर की उक्त फूड स्ट्रीट के रिवायती पकवानों से प्रभावित होकर अमृतसर में लगभग 11 करोड़ रुपए की लागत से अर्बन हाट का निर्माण करवाया गया था, जहां विभिन्न प्रदेशों के रिवायती लजीज़ खानों का एक जगह पर आनंद लेने के साथ-साथ सभ्याचार से जुड़ी दस्तकारी की वस्तुओं की खरीदारी करने की व्यवस्था की गई थी। पुडा (पंजाब अर्बन प्लैनिंग एंड डिवैल्पमैंट अथारिटी) द्वारा अर्बन हाट का निर्माण इंडियन नैशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हैरीटेज कंसलटैंट द्वारा करवाया गया, जिसमें करीब 4.5 एकड़ में बनी गुरु तेग बहादुर अस्पताल (पुराना नाम विक्टोरिया जुबली अस्पताल) के लगभग 125 साल पुरानी विरासती इमारत को 5 ब्लाकों में बांटते हुए अर्बन हाट में 32 हाल, 20 रसोइयां दस्तकारी बाज़ार, फूड कोर्ट, रैस्टोरेंट, गैस्ट हाऊस और बुटीक होटल आदि का निर्माण करवाया गया। मई 2016 में अर्बन हाट की रस्मी शुरूआत की गई। इसमें स्थानीय नागरिकों और सैलानियों की कोई विशेष रूची न बनने के कारण अर्बन हाट को जल्द ही बाद में ताले लग गए। अर्बन हाट को प्रदेश की मौजूदा कैप्टन सरकार द्वारा दोबारा नया जीवन देने के के प्रयास किये गये हैं। परंतु इसमें किसी प्रकार की कोई कामयाबी नहीं मिल सकी और अर्बन हाट में आज भी सन्नाटा छाया हुआ है। अर्बन हाट में फूड स्ट्रीट शुरू करने संबंधी मिली नाकामी के बाद अब अमृतसर के जिस टाऊन हाल की खाली पड़ी इमारत को मंत्री सिद्धू द्वारा फूड स्ट्रीट बनाने का ऐलान किया गया है, वहीं सिख राज के समय शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की सास और घनईया मिशन की नेता रानी सदा कौर की हवेली और बूंगा मस्तान वाला, बूंगा अवतार सिंह हुआ करते थे। अर्बन हाट की असफलता के बाद सरकार को नई फूड स्ट्रीट निर्माण का विचार त्याग कर शहर में पहले से चल रहे रियावती खानों की मार्किटों की गुणवत्ता में सुधार लाते हुए शहर के खानपान के कारोबार को प्रफुल्लित करने और विचार करना चाहिए ताकि शहर के विभिन्न बाज़ारों में सैलानियों के आवागमन के साथ-साथ अन्य कारोबार में भी बढ़ौतरी हो सके।