महिला दिवस

सभी सम्मानित होने वाली महिलाओं के लिए संस्था की तरफ  से रहने और खाने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई थी।  प्रभा देवी की तरफ  से एक सूचना ग्रुप में डाली गई कि सभी चयनित महिलाएं अपने आने की स्पष्ट सूचना ट्रेन के कन्फर्म टिकट की फोटो सहित ग्रुप में पोस्ट करें ताकि उस के आधार पर कार्यक्रम की आगे की रूपरेखा बनाई जा सके और उन सब के लिए समुचित व्यवस्था की जा सके। यदि आगामी तीन दिन में उक्त सूचना नहीं दी गई तो यह समझा जायेगा कि वह महिला किसी भी कारण से कार्यक्रम में आने में असमर्थ है और उसी आधार पर शेष सूची जारी की जाएगी। सभी चयनित पंद्रह महिलाओं ने अगले तीन दिन में अपने आने की पुष्टि कर दी। प्रभा देवी को यह देख कर सुखद आश्चर्य हुआ और अपनी चयन समिति के फैसले पर गर्व भी महसूस हुआ क्योंकि सभी महिलाओं की टिकट ट्रेन के सेकैंड या थर्ड एसी कोच में ही आरक्षित थी। उनके चेहरे पर एक विजयदायी मुस्कान तैर गई। इसके बाद शेष छह महिलाओं की सूची भी संस्था द्वारा जारी कर दी गई और उनसे भी इसी तरह की सूचना मांगी गई। सबकी पुष्टि आने के बाद अब उनके रहने और खाने की व्यवस्था की जानी थी। 
दो दिन बाद संस्था की तरफ  से एक पोस्ट ग्रुप में डाली गई कि यद्यपि संस्था की तरफ  से सभी सम्मानित होने वाली महिलाओं के लिए रहने की निशुल्क व्यवस्था की गई है मगर वह सिर्फ  सम्मानित होने वाली महिला के लिए है और सबके साथ साझा होगी, अगर कोई महिला अपने परिवार के साथ आ रही है या अपने लिए विशेष सुविधायुक्त आवास व्यवस्था चाहती है तो यह संस्था के द्वारा शहर के स्टार होटल में रियायती दर पर उपलब्ध करवाई जा सकती है। मगर स्थान सीमित होने के कारण यह व्यवस्था ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर होगी, इच्छुक महिलाएं तुरंत व्यक्तिगत संपर्क करें। और जैसा कि प्रभा देवी ने सोचा था, सभी इक्कीस महिलाओं ने उनसे सम्पर्क करके अपने-अपने लिए होटल में व्यवस्था करवाने का अनुरोध किया। और संस्था द्वारा बताई गई रियायती दर की राशि बताये गए बैंक अकाउंट में जमा करवा दी। देखते ही देखते होटल बुकिंग के नाम पर हजारों रुपये प्रभा देवी की संस्था के बैंक अकाउंट में जमा हो गए।प्रभा देवी ने शहर के आलिशान होटल ‘नवाब पैलेस’ के मालिक से बात की और इस कार्यक्रम को प्रायोजित करने के लिए उनसे सहयोग माँगा। शायद यह प्रभा देवी के प्रभावशाली व्यक्तित्व का असर ही था कि होटल मालिक ने तुरंत हामी भर दी और उनके प्रयास की सराहना करते हुए एक दिन के लिए अपने होटल के इक्कीस कमरे महान महिला विभूतियों के नाम बुक कर दिए। महिला दिवस पर उसे महिलाओं के प्रति अपना सम्मान जताने का यह तरीका नायाब लगा और उसके होटल की ख्याति देश भर में होगी वह तो सोने पर सुहागा होगा ही।होटल बुक होने के बाद एक दिन संस्था की तरफ  से फिर एक पोस्ट डाली गई कि अतिथि महिलाओं के लिए सात्विक और साधारण खाना.नाश्ता संस्था की तरफ से होगा मगर सिर्फ सम्मानित होने वाली महिला के लिए।