ग्रेट हिमालयन राष्ट्र्रीय उद्यान चलो वनस्पतियों के स्वर्ग घूम आयें

महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान हिमाचल प्रदेश के कूल्लू जिले में स्थित है। यह 90,540 हेक्टेयर में फैला है। इस नेशनल पार्क के 754.4 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 265.6 वर्ग किलोमीटर का रकबा इकोजोन को समर्पित है। जबकि 61 किलोमीटर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के लिए आरक्षित है। यूं तो यहां घूमकर आने के लिए किसी बहाने की दरकार नहीं है, लेकिन इन गर्मियों की छुट्टी में जब देश का 70 फीसदी से ज्यादा पर्यटक पहाड़ों की सैर करना चाहता है। अगर आपको मौका मिले तो आप इस महान राष्ट्रीय उद्यान में जरूर घूमकर आयें जिससे आपको घूमने का सुख तो मिलेगा ही, वनस्पतियों के स्वर्ग से भी परिचय हो जायेगा। इसे 1999 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। यहां 400 किस्म की वनस्पतियां मौजूद हैं। साथ ही इस राष्ट्रीय उद्यान में 376 से भी ज्यादा विभिन्न किस्म की जीव प्रजातियां हैं, जिनमें पक्षी, सरीसृप, उभयचर, कीड़े-मकोड़े, घोंघा और स्तनधारी मौजूद हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान की महत्ता को इससे भी समझा जा सकता है कि 23 जून 2014 को इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया गया है। यूनाईटेड नेशनल एजुकेशनल साइंटिफिक एंड कल्चरल आर्गेनाइजेशन (यूनेस्को) ने अपने 38वें सत्र की दोहा बैठक में इसे विश्व धरोहर स्थल माना था। यह उद्यान अपने आप में कुदरत की कई विरासतों का धरोहर स्थल है। इस पार्क में जिन पर्वत श्रृंखलाओं को नजदीक से देखा या उनमें विचरा जा सकता है, वे हैं- रखुंडी टॉप, घुमतराओ, तीर्थन, पातल, मुझोणी, खोलीपोई और चादनी थाज। यहां विभिन्न प्रजाति के जीवों के दर्शन किये जा सकते हैं। मसलन, काला भालू, भूरा भालू, कस्तूरी मृग, बर्फीला तेंदुआ और घोरल। यहां मुर्ग प्रजाति के अति दुर्लभ पक्षी जाजुराना, मोनाल और कोकलास के दर्शन किये जा सकते हैं। यहां पशु पक्षियों की 376 से ज्यादा प्रजातियां हैं। लेकिन तेंदुओं की भरमार है। इस पार्क को सुगंध का स्वर्ग भी कहा जाता है। यहां सैकड़ों किस्म के ऐसे सुगंधित पौधे हैं कि यहां पहुंचने पर लगता है जैसे कि हम सुगंधित हवाओं की काल्पनिक दुनिया में हैं।  यहां पहुंचने के लिए नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर है जो कूल्लू से 10 किलोमीटर की दूरी पर है। अगर सड़क मार्ग से जाएं जो दिल्ली और चंडीगढ़ से कूल्लू के लिए नियमित रूप से लग्जरी बसें हैं। अगर रेल मार्ग से जाना चाहें तो नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर, शिमला और चंडीगढ़ हैं। रहने के लिए यहां तमाम किस्म के रिसॉर्ट्स, हट्स और होटल मौजूद हैं। बढ़िया समय अप्रैल से जून तक ही है लेकिन कुछ लोग यहां ऑफ सीजन पर भी आते हैं खासकर सर्दियों में ताकि स्नो फॉलिंग का आनंद उठा सकें।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 
-अपराजिता