पंजाब में नशीले टीकों की भेंट चढ़ रही जवानी 

तरनतारन, 25 जून  : पंजाब में कांग्रेस की सरकार बने को 14 माह से अधिक समय हो गया है, परन्तु पंजाब में नशे को जड़ से मिटाने में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पूरी तरह सफल नहीं हो सके। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा बेशक सरकार में आते ही स्पैशल टास्क फोर्स (एस.टी.एफ.) का गठन करके इसकी बागडोर एक ईमानदार आई.पी.एस. अधिकारी हरप्रीत सिंह सिद्धू के हाथों में सौंप दी गई। एस.टी.एफ. द्वारा नशे को समाप्त करने लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाया गया, परन्तु इसके बावजूद भी पंजाब में बिक रहा नशा कई माताओं के पुत्रों को उनसे छीन रहा है। गत कुछ दिनों में पूरे पंजाब में नशे के टीकों कारण अधिकारित तौर पर हुई दर्जन के लगभग नौजवानों की मौतों ने नशे को समाप्त करने के सरकार के सभी दावों की पोल खोल दी है, वहीं सीमावर्ती एरिया तरनतारन में नशे के कहर से 11 के लगभग नौजवान नशीले टीकों कारण अपने प्राण त्याग चुके हैं, जबकि अनधिकृत तौर पर इन मौतों की संख्या कहीं अधिक है। पंजाब के विभिन्न ज़िलों में जिस तरह नशे कारण नौजवानों की मौतें हुई हैं, उससे यह बात साबित हो चुकी है कि अकाली राज के समय जो भयानक नशों का पौधा लगा था, वह पौधा अब ज़हरीला वृक्ष बन चुका है व रोज़ाना ही बहुत सी माताओं के पुत्रों को निगल रहा है। इसमें सरकार के साथ-साथ नौजवानों के माता-पिता भी खुद ज़िम्मेवार हैं, जो अपने बच्चों के नशा करते होने संबंधी सब कुछ जानने के बावजूद उनके इस गलत कार्यों का साथ देते हैं व उनको नशे का इलाज करवाने की बजाय इस बात का बाहर पता न लग जाने के डर से नशे की बात दबा देते हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा भी नशे को समाप्त करने के रोज़ाना खोखले दावे किये जा रहे हैं, परन्तु नशे कारण रोजाना हो रही मौतों के इस झूठे दावे शीशा दिखा रही हैं कि असलियत क्या है। गत दिनों पंजाब के ज़िला अमृतसर में आम आदमी पार्टी के छेहर्टा सर्कल प्रधान मोती लाल के लड़के कर्ण पासी व उसके दोस्त हरप्रीत सिंह पुत्र स्व. सकत्तर सिंह वासी धन्नूपुर की नशे के कारण हुई मौत ने सबको हिला दिया है।  इसके अलावा गत दिनों अमृतसर के वेरका रेलवे लाईनों के पास नशे का टीका लगाते समय सरवण सिंह नामक नौजवान की मौत हो गई। इसी तरह थाना गोईंदवाल साहिब में नशों के साथ मशहूर निम्म वाली घाटी में सुखजिन्द्र सिंह की नशे कारण मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस द्वारा वहां रहते जियूणा सिंह के खिलाफ कत्ल का मामला दर्ज किया था। पता लगा है कि अब जियूणा सिंह भी अपने प्राण त्याग चुका है। नशे के कारण भिक्खीविंड के गांव घुरकविंड के नौजवान गुरलाल सिंह के नशे का टीका लगाने समय मौत हो गई। गुरलाल सिंह अभिभावकों का इकलौता पुत्र था व उसके पिता की मौत भी हो चुकी है। गत रात कस्बा झबाल में भी नशे के टीके लगाते समय सुरजीत सिंह नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि उसका एक साथी सरवण सिंह नाजुक हालत में अस्पताल में दाखिल है। यह सारी बातचीत उसके तीसरे साथी हरजीत सिंह द्वारा बताई गई कि यह सब नशे के टीके लगाने से हुआ है। इसके अलावा गांव भैल के रहने वाले नवदीप सिंह की मौत भी नज़दीकी गांव वेईंपुई में श्मशानघाट में नशे कारण हो गई। नज़दीकी गांव फतेहाबाद क्षेत्र में रोज़ाना हो रही नशे कारण मौतें खौफ बनी हुई हैं। इसके अलावा गत दिनों कोटकपूरा (ज़िला फरीदकोट) के प्रेम नगर क्षेत्र में नशे कारण अभिभावकों के इकलौते पुत्र की मौत हो गई। मौत समय लड़के के पक्ष में नशे का टीका भी था। इसके अलावा बाघा पुराना में एक आइलैट्स सैंटर में भी निक्का सिंह वासी दोसांझ जोकि बाघा पुराना (ज़िला मोगा) में अपनी बहन के पास रहता था, की ज्यादा नशा लेने कारण मौत हो गई। नशे के कारण रोज़ाना कई माताओं के पुत्र मौत के मुंह में जा रहे हैं। ज्यादातर मौतें टीके लगाने समय नशे की ज्यादा मात्रा लेने कारण हो रही हैं।हो रही मौतों संबंधी किस नशे का इस्तेमाल हो रहा, बारे के लिए जा रही है रिपोर्ट : ए.डी.जी.पी. सिद्धू : इस संबंध में एसटीएफ के ए.डी.जी.पी. हरप्रीत सिंह सिद्धू ने अजीत समाचार से बातचीत करते कहा कि एसटीएफ द्वारा पंजाब में हैरोइन जैसे भयानक नशे पर काबू पाया जा चुका है व बड़े स्मगलरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि मरने वाले नौजवान की मौत किस नशे से हुई है। उन्होंने यह बताया कि नशे बेचने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जा रहा, चाहे वह कितनी भी बड़ी पहुंच का मालिक क्यों न हो।