एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रथम पंजाबी महिला कबड्डी खिलाड़ी


नैशनल स्टाइल कबड्डी के महिला वर्ग में अगले महीने जकार्ता में होने वाले एशियन खेलों के लिए चुनी गईं भारतीय टीम में दो पंजाबी महिला खिलाड़ी शामिल की गई हैं। तीसरी बार महिलाओं के कबड्डी मुकाबले एशियन खेलों में शामिल किए गए हैं, जिसके लिए रणदीप कौर खैहरा और मनप्रीत कौर छीना पहली पंजाबी महिला खिलाड़ी के तौर पर देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।
रणदीप कौर खैहरा : गुरदासपुर ज़िले के गांव नत्थू खैहरा के निवासी स. हरदीप सिंह खैहरा और श्रीमती वीर कौर की सुपुत्री रणदीप कौर खैहरा पंजाब की एक ऐसी खिलाड़ी हैं, जिसने कि तीनों किस्मों- दायरे वाली, नैशनल स्टाइल और बीच कबड्डी में एशियन चैम्पियन बनने का सम्मान प्राप्त किया है। रणदीप ने कलासवाला सीनियर सैकेंडरी स्कूल कादियां में दसवीं कक्षा में पढ़ते अपने पिता की प्रेरणा से एथलैटिक्स के ज़रिए राष्ट्रीय स्तर तक खेलने का सम्मान हासिल किया। एस.एम. कालेज दीनानाथ में ग्रैजुएशन के प्रथम वर्ष में ही कोच निर्मल कौर और  मुखविंदर सिंह की प्रेरणा से रणदीप ने बतौर रेडर नैशनल स्टाइल कबड्डी में पंजाब स्तर पर खेलने का सम्मान प्राप्त किया, जिस दौरान रणदीप की मुलाकात स्व. कोच गुरदीप सिंह मल्ली से हुई, जिनके नेतृत्व में उन्होंने देव समाज कालेज फिरोज़पुर में दाखिला लिया और यहां उनके खेल में इतना निखार आ गया कि वह 2008 से नैशनल स्टाइल कबड्डी में पंजाब की कप्तान चली आ रही हैं। वह तीन बार बीच एशियन चैम्पियनशिप में भी देश के लिए स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। इसी के समांतर ही रणदीप दायरे वाली कबड्डी में भी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पंजाब के लिए 2 बार स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीत चुकी हैं। रणदीप 2013 के विश्व कप में भारत की चैम्पियन टीम का हिस्सा बनीं। फिर 2016 के पांचवें विश्व कप में वह चैम्पियन बनी भारतीय टीम की ओर से दुनिया की सर्वोत्तम स्टापर साबित हुई। वह माझा कबड्डी अकादमी और शहीद भगत सिंह क्लब समैण (हरियाणा) की ओर से पेशेवर कबड्डी खेलती हैं। इसके साथ ही रणदीप लॉस एंजेल्स (अमरीका) में हुए विश्व पुलिस खेलों और कुश्ती मुकाबलों में स्वर्ण पदक जीतने का सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं। रणदीप कौर एशियन खेलों के लिए भारतीय टीम में चयन होने को अपने जीवन की बड़ी उपलब्धि मानती हैं।
मनप्रीत कौर बुडलाडा : मानसा ज़िले के छोटे से गांव कासिमपुर छीना में स्व. हरदीप सिंह और श्रीमती परमिंदर कौर के घर पैदा हुई मनप्रीत कौर ने अपने गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल में पढ़ते हुए मा. जसविंदर सिंह लाली की प्रेरणा से कबड्डी खेलनी आरम्भ की, जिस दौरान उन्होंने पंजाब स्कूल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का सम्मान प्राप्त किया। दसवीं कक्षा तक पढ़ते मनप्रीत ने नैशनल और सर्कल स्टाइल कबड्डी के गांव और ज़िला स्तर के टूर्नामैंट में खेलने का सम्मान प्राप्त किया। फिर उन्होंने सुल्तानपुर लोधी में नैशनल स्टाइल कबड्डी के विंग में दाखिला लिया।
फिर मनप्रीत कौर ने ग्रैजुएशन करते हुए प्रथम वर्ष (2011-12) पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की ओर से राष्ट्रीय अंतरवर्सिटी मुकाबलों में खेलेने का सम्मान हासिल किया। अगले वर्ष चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ की ओर से राष्ट्रीय अंतरवर्सिटी मुकाबलों में कांस्य पदक जीते। वर्ष 2016 में पटियाला में हुए राष्ट्रीय महिला खेलों में मनप्रीत की कप्तानी में पंजाब की टीम ने नैशनल भारतीय टीम की स्टापर के तौर पर मनप्रीत हिस्सा बनीं। इसके साथ ही राष्ट्रीय अंतरवर्सिटी सर्कल स्टाइल चैम्पियनशिप में पंजाबी यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व करते मनप्रीत ने 2015 और 2016 में क्रमवार कांस्य और रजत पदक जीते। मनप्रीत को खेल और शिक्षा उपलब्धियों की बदौलत राजस्थान सरकार ने पुलिस में सब-इंस्पैक्टर के पद से इस वर्ष नवाज़ा है। अब उसका चुनाव जकार्ता एशियन खेलों के लिए हुआ है, जो उनके खेल जीवन की सर्वोत्तम उपलब्धि है।