न्यूज़ीलैंड इमीग्रेशन मंत्री ने दिखाई हमदर्दी र् मृतक की पत्नी व बेटी को दिया एक वर्ष का वीज़ा


आकलैंड, 18 जुलाई (हरमनप्रीत सिंह गोलिया) : मौजूदा समय में जहां न्यूज़ीलैंड इमीग्रेशन द्वारा विद्यार्थी और अन्य वीज़ों को लेकर सख्ती की जा रही है और न्यूज़ीलैंड से विद्यार्थी वीज़े आए नौजवान आगे वीज़े न मिलने के कारण वापिस भारत को जा रहे हैं वहीं पर अब न्यूज़ीलैंड इमीग्रेशन मंत्री द्वारा हमदर्दी के आधार पर एक विधवा महिला और उसकी बेटी को उसके पति की मौत हो जाने से बाद 1 वर्ष का वीज़ा देकर वाह-वाह बटोही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यूज़ीलैंड को अपना सपने का देश समझ कर परिवार सहित 2014 में विद्यार्थी वीज़े पर न्यूज़ीलैंड आए अतुल टंडन जिसकी वर्क वीज़े के दौरान 20 दिसम्बर 2017 में मौत हो गई थी। अब उसकी बेटी चहिक व पत्नी निशा को न्यूज़ीलैंड में रहने के लिए अपना भविष्य धुंधला नज़र आ रहा था। परंतु निशा ने अपने हौसले को कायम रखते हुए अपने मृतक पति के सपनों को पूरा करने और अपनी बेटी के भविष्य को अच्छा बनाने के लिए ताकि उसकी न्यूज़ीलैंड में चल रही पढ़ाई खराब न होने के चलते विभिन्न स्थानों पर पहुंच की और न्यूज़ीलैंड की मौजूद सरकार में भाईवाल सियासी पार्टी ‘ग्रीन’ के सदस्य पार्लीमैंट गोलरीज़ गाहरमन की मदद से इमीग्रेशन मंत्री तक पहुंची की और अंत इमीग्रेशन मंत्री क्रिम फफौई द्वारा अहम फैसला लेते हुए निशा को इमीग्रेशन एक्ट 2008 के सैक्शन 61 के तहत 1 साल के लिए ओपन वर्क वीज़ा व उसकी बेटी को 1 साल के लिए विद्यार्थी वीज़ा दिया है। जिसके बाद निशा व उसकी बेटी बहुत खुश हैं।