सांसारिक रिश्तों में से मां का रिश्ता सबसे उत्तम : डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द

जालन्धर, 13 अक्तूबर (जसपाल सिंह): इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट जालन्धर के पूर्व चेयरमैन तेजिंदर सिंह बिट्टू व मनिंदर सिंह के आदणीय माता बीबी नरिंदर कौर पत्नी हरकृष्ण सिंह, जिनका गत दिनों निधन हो गया था, की आत्मिक शांति के लिए श्री सहज पाठ के भोग के पश्चात् अंतिम अरदास व श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा मॉडल में किया गया। इस अवसर पर संत अनूप सिंह के जत्थे ने वैरागमयी कीर्तन किया। श्रद्धांजलि समारोह में भारी संख्या में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा समाज के अन्य वर्गों से संबंधित प्रमुख शख्सियतें, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व अन्यों ने भी हाज़िरी भरी, जिनमें प्रमुख तौर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव व पंजाब कांग्रेस मामलों की प्रभारी श्रीमती आशा कुमारी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव हरीश चौधरी व मनीष चतुर्थ, डा. इकबाल सिंह पूर्व राज्यपाल पुड्डूचेरी, एडवोकेट जयवीर शेरगिल प्रवक्ता आल इंडिया कांग्रेस, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के सलाहकार भरतइंद्र सिंह चाहल, ओ.एस.डी. कैप्टन संदीप संधू, टी.एस. शेरगिल, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, गुरजीत सिंह औजला, कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी, सुंदर शाम अरोड़ा, भारत भूषण आशू, विजयइंद्र सिंगला, पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, विधायक सुखपाल सिंह खैहरा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया, पूर्व सांसद जगमीत सिंह बराड़, श्रीमती संतोष चौधरी,  पूर्व मंत्री राणा गुरजीत सहिं, जत्थेदार अवतार सिहं मक्कड़ पूर्व अध्यक्ष एस.जी.पी.सी., रमेश मित्तल चेयरमैन लवली ग्रुप, इरविन खन्ना मुख्य सम्पादक ‘उत्तम हिन्दू’ व शीतल विज मुख्य सम्पादक ‘दैनिक सवेरा’ आदि शामिल हुए। सामरोह के अंत में परिवार की ओर से सभी पहुंची शख्सियतों का आभार व्यक्त करते हुए डॉ. बरजिन्दर सिंह हमदर्द मुख्य सम्पादक ‘अजीत प्रकाशन समूह’ ने बिछुड़ी आत्मा को श्रद्धासुमन भेंट किए। एक कविता की पंक्तियाें ‘मां वरगा घणछावां बूटा मैनू नज़र ना आवे’ के साथ उन्होंने बेहद भावपूर्ण शब्दों में मां की अहमियत को बयां करते हुए कहा कि मां का दर्जा कोई और नहीं ले सकता और मां का रुतबा सबसे उत्तम है। उन्होंने कहा कि सांसारिक रिश्तों में मां का रिश्ता ही नि:स्वार्थ होता है और  इसमें किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं होती। डॉ. हमदर्द ने कहा कि उनकी इतिहास में विशेष रुचि रही है और उन्होंने आज तक जितनी भी महान या बड़ी शख्सियतों के जीवन बारे जानने की कोशिश की है, उसमें से यही बात उभरकर सामने आती है कि हर बड़े इन्सान की ज़िंदगी में मां का पहलू अहम रहा है। इसी तरह उन्होंने दुनिया जीतने वाले महान सिकंदर के जीवन का हवाला देते हुए कहा कि वह ज़िंदगी में केवल दो बार रोये थे और एक बार वह अपनी मां के बिछोड़े पर, जिससे पता चलता है कि वह भी मां के प्यार की अहमियत को अच्छी तरह पहचान चुके थे। इस अवसर पर उन्होंने परिवार के साथ अपनी साझ का ज़िक्र करते हुए कहा कि बीबी नरिन्दर कौर ने बहुत ही संतोष वाला सफल जीवन जीया है। उन्होंने तेजिंदर सिंह बिट्टू व परिवार के अन्य सदस्यों को बड़े सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि जिन्हें बीबी नरिन्दर कौर का प्यार व आशीर्वाद मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि तेजिंदर सिंह बिट्टू की शख्सियतों में से भी उनकी माता बीबी नरिन्दर कौर के ही गुण झलकते हैं। वह अपने समाज व भाईचारे के साथ बहुत निकट से जुड़े हुए हैं और यही कारण है कि आज लगभग सभी राजनीतिक दलों, धार्मिक संगठनों व समाज के प्रत्येक वर्ग से संबंधित शख्सियतें श्रद्धांजलि समारोह में पहुंची हैं। इस अवसर पर मंच का संचालन करते हुए पंजाब के रफी स. रछपाल सिंह पाल ने बीबी नरिन्दर कौर के जीवन पर रोशनी डाली। इस अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी व पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ सहित अन्य प्रमुख शख्सियतों द्वारा शोक संदेश भी भेजे गए थे। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक शख्सियतों ने हरकृष्ण सिंह को सिरोपे भेंट किए।