इतिहास में बनाएं शानदार करियर

अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं व इस विषय के बारे में और गहराई तक जानना चाहते हैं तो इससे जुड़े सैकड़ों क्षेत्रों में कॅरिअर बनाकर एक नए तरह का अनुभव ले सकते हैं। ऐतिहासिक शोधों का हिस्सा बनने के लिए इतिहास का संपूर्ण ज्ञान होना बेहद जरूरी है। इस विषय के अलग-अलग क्षेत्रों में मुख्यत: कथा-वृतांत, अभिलेखागार, पुरातत्व विज्ञानी, म्युजियम हेड आदि प्रमुख हो सकते हैं। इन सभी क्षेत्रों में पुरातत्व विभाग संबंधी कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण व जटिलताओं से भरा होता है। यही कारण है कि इस विषय को कॅरिअर के रूप में चुनने वालों की संख्या काफी कम रहती है। बतौर पुरातत्व विज्ञानी कॅरिअर का चुनाव करने वालों को नृविज्ञान, रसायन, भूगोल और कला का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। इतिहास से जुड़े इन सभी क्षेत्रों में कॅरिअर बनाने के लिए एक ही प्रकार की योग्यता होनी चाहिए। पुरातत्व विज्ञानी हो, अभिलेखागार हो या म्यूजियम का अध्यक्ष सभी में एक चीज समान होती है। वे सभी ज्ञान को आनन्द के रूप में लेते हैं और भूतकाल में इन सभी की विशेष रूचि होती है। इसके अलावा इनमें तथ्यपूर्ण विचार, कला की प्रशंसा करने वाला, कलात्मकता, सृजनात्मकता और चीजों को गहराई तक जानने की ललक जैसे गुणों का होना भी बेहद जरूरी है। पुरातत्व विज्ञानी का कार्य देश-विदेश के अलग-अलग बाहरी व बीहड़ इलाकों की खाक छानना व जमीन की गहराइयों में छिपे इतिहास को खोजना होता है। कोर्स- 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद प्राचीन काल, मध्यांतर और आधुनिक युग जैसे अलग-अलग विषयों में स्नातक की डिग्री ली जा सकती है। इसके अलावा इतिहास में भी स्नातक की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। पुरातत्व विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के लिए छात्र को सांस्कृतिक भाषाओं जैसे पर्सियन, संस्कृत, पाली स्क्रिप्ट आदि का ज्ञान होना चाहिए। डिग्री कोर्स के अलावा अभिलेख के अध्ययन के लिए देशभर में कई संस्थानों द्वारा डिप्लोमा कोर्स कराया जाता है। जिनमें प्रवेश के लिए यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में बैठना व इसे उत्तीर्ण करना जरूरी है। जॉब-वॉच- देश के पुरातत्व सर्वे के लिए दिल्ली में पुरातत्व विभाग का मुख्य हेडक्वार्टर स्थित है। इसके अलावा देश के सभी राज्यों में पुरातत्व विभाग की अलग-अलग शाखाएं मौजूद हैं। जिनमें बड़ी तादाद में पुरातत्व विज्ञानियों की जरूरत हमेशा बनी रहती है। 

—कीर्तिशेखर