न्यायालय के फैसले से विहिप और संत समाज में निराशा

अयोध्या, उच्चतम न्यायालय में विवादित राम जन्म भूमि मामले में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई की तारीख बढ़ जाने के फैसले ने विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) और साधु-संतों के बीच निराशा फैल गई है। विहिप और साधु संत विवादित राम जन्म भूमि परिसर में भव्य मंदिर के निर्माण के लिये आ रही बाधाओं को दूर करने की मांग कर रहे है। हालांकि न्यायालय के निर्णय के बाद अब इस मामले की सुनवाई जनवरी में होगी।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने मंदिर निर्माण के लिए हो रही देरी के लिये कांग्रेस को दोषी ठहराया है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि यह अच्छा होता कि न्यायालय में इस मामले की दिन-प्रतिदिन सुनवाई जल्द शुरू हो जाती। उन्होंने कहा कि इस मामले में देरी होना अच्छे संकेत नहीं हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य विनय कटियार ने भी सुनवाई में हो रही देरी के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया। उन्होने कहा कि पहले कपिल सिब्बल और अब प्रशांत भूषण उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के मामले में देरी के लिए ज़िम्मेदार हैं। कांग्रेस हमेशा इस मामले पर फैसले में देरी करना चाहती है और वे इसमें सफल हुए हैं।