अंधविश्वास में विश्वास नहीं करता  सिद्धांत कार्णिक

हम प्रसिद्ध टेलीविजन अभिनेता सिद्धाथ कार्णिक  के बारे में बात कर रहे हैं जो शो काल भैरव रहस्य 2 में यशवर्धन का किरदार निभा रहे हैं। उन्हें इससे पहले शो एक था राजा एक थी रानी और मेरे साईं में देखा गया। सिद्धात कार्णिक से बातचीत के कुछ अंश :—
आपको काल भैरव रहस्य में रोल कैसे मिला? 
—मेरे पास प्रोडक्शन हाउस से यह जानने के लिए फोन आया कि क्या मैं उपलब्ध हूं और ये भूमिका निभा सकता हूं। मेरे साईं और एक था राजा एक थी रानी में राजा का मेरा किरदार खत्म होने वाला था। निर्माताओं ने मुझे वहां देखा और सोचा कि मैं इस किरदार के लिए फि ट हूं क्योंकि यह मेरे पिछले किरदारों से काफी समानता रखते हैं। और शायद इसलिए भी कि मैं बहुत रॉयल दिखता हूं और यह किरदार शाही दिखने की मांग करता है। इन सभी फैक्टर्स ने मुझे यह रोल दिलाने में मेरी मदद की। 
अपने किरदार के बारे में कुछ बताइए।
—मैं गौतम रोडे (वीरवर्धन) के बड़े भाई यशवर्धन का किरदार निभा रहा हूं। कहानी के मुताबिक 150 साल से गांव अभिशापित है कि वहां के परिवार में पैदा हुआ हर उत्तराधिकारी 30 साल की उम्र से पहले मर जाएगा। अगली बारी मेरी है। यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि क्या होता है और शाप का रहस्य कैसे सुलझता है। यह एक बहुत सकारात्मक किरदार है। हर कोई उसे प्यार करता है। उसमें एक राजा होने के सभी गुण मौजूद हैं। इस चरित्र का बहुत शाही अंदाज है। 
आपने टीम कॉमेडी, रोमांस और क्राइम शो में काम किया है, अब मिस्ट्री कर रहे हैं। इन सब में आपका पसंदीदा जोनर कौन सा है?
—किसी एक को चुनना बहुत मुश्किल सवाल है। व्यक्तिगत रूप से मैं कॉमेडी पसंद करता हूं। मैं लोगों को रूलाने के बजाय हंसाना पसंद करता हूं। मिस्ट्री को लेकर भी मैं उत्साहित हूं। एक मिस्ट्री शो बनाने में बहुत माइंड और रचनात्मकता की जरूरत होती है। इसलिए मेरा सबसे पसंदीदा जोनर कॉमेडी और मिस्ट्री है। ड्रामा मुझे सबसे कम पसंद है। 
असली जिंदगी में आप शाप में यकीन करते हैं?
—मैं अंधविश्वास में यकीन नहीं करता लेकिन जब सड़क पर बिल्ली रास्ता काट देती है तो कुछ न कुछ ख्याल हमारे दिमाग में आते हैं। लेकिन मैं अंधविश्वास या श्रापों में विश्वास नहीं करता। हम सभी को ऐसा ही करना चाहिए।
आपका टीवी इंडस्ट्री का सफ र कैसा रहा है।
—इंडस्ट्री में मुझे 14 साल हो गए हैं। वैंपायर से लेकर एक दुष्ट इन्सान तक और एक थियेटर एक्टर तक यह एक सार्थक यात्रा रही है। लेकिन निश्चित तौर पर यह अभी पूरी नहीं हुई है। मैं सफ र के बारे में नहीं सोचता हूं और जिस तरह ये आती है उसको वैसे ही लेता हूं।