अब महिला सरपंचों की होगी पुरुषों पर सरदारी

शहीद भगत सिंह नगर(गुरबख्श सिंह महे), 16 दिसम्बर : पंजाब के गांवों में अब महिलाएं-पुरुषों पर सरदारी करेंगी। यह पहला मौका है जब पंजाब सरकार द्वारा   पंचायत चुनावों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं जिससे 50 प्रतिशत महिलाएं उम्मीदवार होंगी। जो सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं भी हैं उन पर भी महिलाओं के चुनाव लड़ने पर कोई भी पाबंदी नहीं है, कई ऐसी सीटों से भी महिलाएं चुनाव मैदान में उतरेंगी जिससे पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की गिनती बढ़ जाएगी। चाहे संसद की 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का बिल राज्य सभा में से पारित होकर लोक सभा में लटक रहा है पर प्राथमिक ईकाई समझी जाती पंचायतों में पंजाब में 50 प्रतिशत से अधिक सीटों पर महिलाएं जीत का परचम लहराएंगी। इस तरह महिलाएं-पुरुषों पर अपने कानूनी अधिकार का सिक्का जमाएंगी। महिलाओं को बड़े स्तर पर अपनी योग्यता साबित करने का मौका मिलने जा रहा है। शराब पीकर गांवाें की गलियों में उत्पात मचाने वालों को कटहरे में महिला सरपंच कानूनी और समाजिक तौर पर सबक सिखाएंगी। ज़िला शहीद भगत सिंह नगर के कई गांवों में पंचों-सरपंचों की सर्वसम्मिति करने के प्रयत्न भी हुए जिनमें रवायती सियासी पार्टियों ने अड़चन डालने की कोशिश की। यहां कहीं सरपंच के लिए सर्वसम्मिति हो भी गई वहां पंचों की सर्वसम्मिति समय सरपंचों की सर्वसमिति पर  पानी फिर गया। अब चुनाव मैदान में उतरने वाले पंच सरपंच जहां वोटरों को बीते में किए अहसान याद करवा रहे हैं वहीं वोटर भी सवाल कर रहे हैं। पैंशन, नीले कार्ड और अन्य सुविधाएं न उपलब्ध करवाने या मिलती सुविधाएं कटवाए जाने के मामले पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। गांवों की गलियों नालियों और अन्य विकास के कार्यों पर भी चर्चा छिड़ती है। सबसे अधिक रिहायशी प्लाटों की अर्ज़िया  ली हुई हैं पर प्लाटों की प्रीतक्षा करते लोगों की आंखें पक गई हैं। कांग्रेस से संबंधित उम्मीदवारों को प्लांटाें संबंधी जवाब देना मुशकिल हो गया है। वोटर अकाली भाजपा सरकार समय किए गए झूठे वादों को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। पंचायत चुनावों में प्रवासी भारती भी सरगर्म भूमिका निभा रहे हैं। कई प्रवासी भारती तो अपने गांवों में भी आ चुके हैं वह अपने रोब और दबाव से भी काम लेने के प्रयत्न कर रहे हैं। यह भी एक सच्चाई है कि नवांशहर ज़िले में प्रवासी भारतीयों ने अपने सहयोग से बहुत सारे विकास के कार्य किए हैं। उनका वोटरों को प्रभावित करना वहम है यां भ्रम या सच्चाई यह तो चुनाव नतीजे ही बताएंगे। प्रवासी भारतीयों द्वारा अपने गांवों में बनाई हुई बड़ी-बड़ी कोठियां और उनको किया हुआ रंग चुनावों में उनके असर प्रति कितना रंग भरता है यह तो बाद में सामने आएगा।