रियाल गरम : रुपया नरम

नई दिल्ली, 6 जनवरी (एजेंसी): गत नवम्बर माह से अमेरिका द्वारा भारत को ईरान से तेल आयात की छूट दिये जाने के बाद गत सप्ताह भारत सरकार द्वारा कच्चे तेल आयात हेतु ईरान के साथ घरेलू मुद्रा में कारोबार सहमति की खबरें जोर पकड़ने के साथ ईरानी कम्पनियों को टेक्स में राहत के समाचारों से आगे तेल आयात बढ़ने की संभावना एवं वस्तु विनिमय क्षेत्र में व्यापार बढ़ने की सहमति की चर्चा सुनी गयी। इसी तरह अन्य तेल निर्यातक मुस्लिम देशों के साथ भी वस्तु विनिमय क्षेत्र में कारोबार चर्चा का विषय जोर पकड़ने लगा है। फिलहाल ईरानी मुद्रा रियाल भारतीय मुद्रा के समक्ष 601.41 से गत सप्ताह तीन सत्रीय कारोबार में लगातार 604.48 पर गिरावट बनाये हुए थी, लेकिन अंतिम सत्र में यह बढ़कर 599.27 प्रति रुपये पर सुनी गयी।गत नवम्बर माह से ईरान व भारत के मध्य क्रूड ऑयल आयात के बदले वस्तु विनिमय क्षेत्र में कारोबार होने एवं भारतीय मुद्रा के बीच व्यापार समझौता हुआ था, जिसमें कि भारत का दूसरा नम्बर बन सकता है तेल आयात में। भारत द्वारा रुपये में भुगतान करने की दिशा में काम करते हुए ईरानियन तेल कम्पनियों को टैक्स रीबेट की खबर सुनी गयी है, जिससे तेल आयात में वृद्धि के संकेत हैं तथा बढ़ते तेल आयात की खबरों से प्राइवेट बाजारों में ईरान की रियाल मुद्रा जो भारतीय मुद्रा रुपए के सापेक्ष 601.41 से बढ़कर 599.27 प्रति रुपये पर कारोबार करते सुनी गयी। अफ्रीकन महाद्वीप के टॉप पांच तेल उत्पादक देशों में नाइजीरिया, अंगोला, अल्जीरिया, इजिप्ट एवं लीबिया में तेल उत्पादन होता है। अत: वस्तु विनिमय क्षेत्र में भारत व अफ्रीकन देशों का व्यापार बढ़े।