स्वाद, सेहत और पौष्टिकता का मेल है ब्रंच


ब्रंच का अर्थ है ब्रेकफास्ट और लंच के बीच लिया गया फूड जो आपके लंच की छुट्टी करा दे। अधिकतर आधुनिक या यंग लोग छुट्टी वाले दिन देर से उठकर ब्रंच का सेवन करते हैं क्योंकि जब वे उठते हैं, ब्रेकफास्ट टाइम खत्म हो चुका होता है और लंच टाइम में अभी समय होता है। ऐसे में कुछ हैवी ब्रंच लेकर वे अपना काम आसान कर लेते हैं। इसमें वे स्वाद और पौष्टिकता का पूरा ध्यान रखते हैं ताकि उन्हें स्वाद के साथ सभी न्यूट्रिएंटस भी मिल जाएं। बार बार खाना या फास्ट फूड  खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है। स्वाद तो उन्हें मिल जाता है पर पौष्टिकता नदारद होती है। स्नैकिंग करने से व्यक्ति जंक फूड की ओर आकर्षित होता है जो सेहत को नुक्सान पहुंचाता है। ऐसे में ब्रंच लेना समझदारी और सेहत के लिए फायदेमंद है।
ब्रंच का समय क्या होना चाहिए:- ब्रंच का समय साधारण प्रात: 11 बजे के बाद और दोपहर 1 बजे से पहले होता है। छुट्टी वाले दिन थोड़ा आगे बढ़ा सकते हैं। 11 से 1 के बीच लेने वाले ब्रंच को मार्निंग ब्रंच कहते हैं और शाम को 5 से 7 के बीच जो ब्रंच लेते हैं उसे ईवनिंग ब्रंच कहते हैं।ब्रंच में विविधता रखें ताकि आपको स्वाद भी मिले, पेट भी भरे और पौष्टिकता भी हो। 
मार्निंग ब्रंच:- इस समय आप मफिंस, गार्लिक ब्रेड, मल्टीग्रेन ब्रेड, अंडा, सीरियल्स, फ्रेश फ्रूट, जूस, काफी (कोल्ड और हॉट) सैंडविच, पुडिंग, पैन केक, कुछ फ्राईड, लस्सी, दूध, बेक्ड पोटेटो, स्प्राउट्स, आदि शामिल कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त बनाना, ऐपल, स्ट्राबेरी, मेंगो शेक, फ्रूट स्मूदीज ले सकते हैं।
ईवनिंग ब्रंच:- इस समय आमतौर पर ब्रंच लेने से रात्रि के खाने की छुट्टी हो जाती है। ईवनिंग ब्रंच लेते समय ध्यान में रखें कि पेट अधिक भारी न हो क्योंकि खाने के कुछ समय बाद आपको आराम करना है या टीवी देखना है। ऐसे में पास्ता, बर्गर, एग्स, फ्रूट पेस्ट्री, वेजिटेबल सूप, स्टफ्ड ब्रेड, मसाला, ब्रेड, रोस्टेड नट्स, रोस्टेड पोटेटो, वेजिटेबल कट्लेट्स, कुछ स्वीट्स, डेजटर्स आदि ले सकते हैं। फ्रूट, स्मूदीज, नूडल्स, बेबी कार्न्स (फ्राइड) आदि भी ले सकते हैं।
ब्रंच के लाभ:- 
ा समय की बचत होती है।
ा बार बार खाने की इच्छा नहीं होती। स्नैकिंग पर कंट्रोल रहता है।
ा यह पौष्टिकता से भरपूर होता है क्योंकि आप विभिन्न आयटम्स का सेवन करते हैं। मीठा, नमकीन, बेक्ड, स्टफ्ड, सूप, जूस, फ्रेश फ्रूटस, शेक्स वगैरह भी साथ ले लेते हैं। (स्वास्थ्य दर्पण) 
- नीतू गुप्ता