पाक ने गुरुद्वारों के सरोवरों का जल निर्यात करने की पुन: योजना बनाई


अमृतसर, 16 जनवरी (सुरिन्द्र कोछड़) : पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और इवैकुई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड द्वारा संयुक्त तौर पर गुरुद्वारा जन्म स्थान श्री ननकाना साहिब और गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब हसन अबदल के सरोवरों सहित गुरुद्वारा दरबार साहिब श्री करतारपुर साहिब के कुएं का जल निर्यात करने हेतु एक बार फिर से प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। 
लाहौर से प्रकाशित एक समाचार समूह के पत्रकार से बातचीत करते हुए ईटीपीबी के अतिरिक्त सचिव तारिक वजीर ने बताया कि विश्व भर के सिख भाईचारे के लिए उक्त गुरुद्वारा साहिबान के सरोवरों व कुएं का जल आब-ए-जमजम के समान है और इसको अमृत जल कहकर सम्बोधित किया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में पी.एस.जी.पी.सी. और ई.टी.पी.बी. द्वारा संयुक्त तौर पर उक्त स्थानों के पवित्र सरोवरों व कुएं का जल संसार भर में निर्यात करने की कार्रवाई शुरू की गई थी। अतिरिक्त सचिव अनुसार जल निर्यात करने की यह योजना उन सिखों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी जो पाकिस्तान स्थित उक्त गुरुद्वारा साहिबान के दर्शन के लिए नहीं आ सकते।
 पेशावरी सिख संगत सहित कुछ भारतीय सिख संगठनों द्वारा इस कार्रवाई को सिख धार्मिक मर्यादा विरोधी बताते हुए इसका विरोध किया गया था। इस संबंधी पी.एस.जी.पी.सी. के अध्यक्ष तारा सिंह अनुसार गुरुद्वारा कमेटी और ई.टी.पी.बी. द्वारा संयुक्त रूप में पाकिस्तान की सिख संगत से बातचीत कर उनके जल निर्यात करने संबंधी इतराज को दूर करने का प्रयत्न किया जा रहा है। अभी यह मामला पूरी तरह से सफल नहीं हुआ कि ई.टी.पी.बी. द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छपाई पाकिस्तान में करवाए जाने की घोषणा कर दी गई है। जिसका देश-विदेश की सिख संगत द्वारा विरोध किया गया है।