सौंठ में अब तेज़ी की उम्मीद नहीं

नई दिल्ली, 8 मार्च (एजेंसी): सर्दियों का सीजन समाप्ति के कगार पर होने तथा हाल ही में तापमान बढ़ने के कारण अदरक मंदी हुई है। इसी के साथ आगामी दिनों में सौंठ तेज होने की उम्मीद भी अब क्षीण पड़ गई है। राजधानी दिल्ली के आजादपुर स्थित थोक फल-सब्जी मंडी में कच्ची अदरक की आपूर्ति सीमित बनी हुई है। फिलहाल यहां पर केवल बंगलौर और दीमापुर से अदरक की आपूर्ति हो रही है।  हैरानी की बात तो यह है कि आपूर्ति घटने के बाद भी अदरक में 5/7 रुपए की मंदी आई है। यद्यपि दीमापुर की अदरक 67/72 रुपए प्रति किलोग्राम के पूर्वस्तर पर रुकी रही लेकिन बंगलौर की अदरक 5/7 रुपए मंदी होकर 65/70 रुपए रह गई। कोच्चि मंडी में सीजन के आरम्भ से अभी तक सौंठ की आवक नियमित नहीं हो पाई है। माना जा रहा है कि चालू मार्च महीने के दौरान आवक नियमित हो सकती है। इसके बाद भी हाल ही में कोच्चि में सौंठ में मंदी आई है। कोच्चि में क्वालिटी के आधार पर सौंठ हाल ही में 10 रुपए मंदी होकर फिलहाल 250/260 रुपए प्रति किलोग्राम पर हो जाने की जानकारी मिली। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय राज्यों में पिछले कुछ समय से रुक-रुककर बर्फ गिरने और वर्षा होने तथा उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में वर्षा होने से उठाव में कमी आई है। उधर, केरल में करीब एक सदी की सबसे विनाशकारी बाढ़ के बाद करीब तीन महीनों से मौसम साफ बना होने के बाद भी केरल की कोच्चि मंडी में सौंठ की आवक नियमित नहीं हो पाई है। आवक नगण्य होने और स्टॉकिस्टों की बिकवाली का अभाव होने से वहां सौंठ पिछले कुछ समय से स्थिर ही बनी होने की जानकारी मिली। कर्नाटक की सागर लाईन में यह 220/230 रुपए पर बनी होने की जानकारी मिली। लागत ऊंची होने और कीमत उम्मीद से नीची होने के कारण उत्पादकों का सौंठ बनाने की ओर ध्यान कम होता जा रहा है। उधर, पिछले कुछ समय से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय सौंठ की कीमत 3.97 डॉलर प्रति किलोग्राम पर स्थिर बनी हुई है। एक वर्ष पूर्व की समीक्षागत अवधि की तुलना में इसकी नवीनतम कीमत 1.32 डॉलर या 24.95 प्रतिशत नीची है। हालांकि चीन की सौंठ की कीमत अपेक्षाकृत रूप से ऊंची है। गत एक महीने से चीन की सौंठ 3.46 डॉलर पर अपरिवर्तित बनी हुई है। एक वर्ष पूर्व की समानावधि में इसकी कीमत 3.31 डॉलर थी। स्पष्ट है कि चीन की सौंठ की नवीनतम कीमत 0.15 डॉलर या 4.53 प्रतिशत ऊंची है। नई फसल शुरू होने के बाद से लेकर अभी तक केरल में सौंठ की आवक नगण्य ही बनी होने का एक प्रमुख कारण यह है कि उत्पादक अदरक से सौंठ बनाने में अब दिलचस्पी कम ले रहे हैं।