ड्रोन पायलट- पूरे देश में है जबरदस्त मांग

कया आप यकीन कर पाएंगे कि 1 जुलाई 2022 को जहां देश में कुल 346 प्रशिक्षित ड्रोन पायलट थे, वहीं आज कितने हैं? 1000, 1200 या 1500 नहीं। इस समय देश में प्रशिक्षित ड्रोन पायलट्स की संख्या करीब 5300 है। 1 जुलाई 2022 से 25 अगस्त 2023 के बीच प्रशिक्षत ड्रोन पायलट्स की संख्या में करीब 1400 प्रतिशत बढ़ी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कितनी तेज़ी से ड्रोन पायलट्स बढ़ रहे हैं।
सवाल है ड्रोन पायलट्स क्यों बढ़ रहे हैं, क्या इनकी इतनी ज्यादा मांग है? जवाब है- जी हां, इतनी ज्यादा रफ्तार से बढ़ने के बावजूद अभी देश में जितने ड्रोन पायलट इस समय चाहिए, उतने नहीं हैं। देश में इस समय करीब 12000 ड्रोन पायलट्स की ज़रूरत है। लेकिन देश में कुल करीब 6000 ड्रोन पायलट्स ही हैं। अगला सवाल हो सकता है कि आखिर इतनी ज्यादा ड्रोन पायलट्स की ज़रूरत क्यों आन पड़ी है? जवाब ये है कि जिस तरह से हाल के सालों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के चलते करीब करीब हर काम स्वचालित रोबोट्स के हवाले होता जा रहा है या होने वाला है, उससे भी ज्यादा तेज़ी से ड्रोन अब हर क्षेत्र के लिए एक उपयोगी मालवाहक रोबोट बनकर उभरा है।
 

किन क्षेत्रों में है ड्रोन की ज़रूरत

कोई भी ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र नहीं है, जहां आज बड़ी संख्या में ड्रोन्स की ज़रूरत न हो। चाहे रक्षा क्षेत्र हो, चाहे कृषि क्षेत्र हो, चाहे दवाओं का क्षेत्र हो, चाहे महत्वपूर्ण चीजों की तीव्र डिलिवरी का मामला हो, चाहे आपदा प्रबंधन में खोज एवं बचाव के काम हो, यातायात को दिशा देना या उसका प्रबंधन करने की बात हो, विभिन्न क्षेत्रों के नक्शा बनाने का काम हो, वास्तविक भू-भाग का अवलोकन करना, कानून और व्यवस्था तथा सरहद में निगरानी के काम के लिए भी हमें बड़ी संख्या में ड्रोन्स और उनके प्रशिक्षित पायलटों की ज़रूरत होती है।

कौन बन सकता है ड्रोन पायलट

ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग की फीस महज 65000  से 1 लाख रुपये के बीच है। ड्रोन पायलट्स बनने के लिए आपकी उम्र 18 साल से 65 साल के बीच होनी चाहिए और अंग्रेजी ठीक ठाक आनी चाहिए बल्कि 10वीं की परीक्षा अंग्रेजी माध्यम से पास होनी चाहिए। ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग महज 5 से 7 दिन ही होती है। कई बार यह 15 दिनों तक भी होती है, लेकिन यह ट्रेनिंग डीजीसीए के अप्रूव्ड ट्रेनिंग सेंटर में ही होती है। कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक हो, उसके पास भारतीय पासपोर्ट हो, उम्र 18 से 65 साल के बीच हो, तो वह ड्रोन पायलट बनने का प्रशिक्षण ले सकता है। हां, ड्रोन संचालन करने के लिए फिटनेस मैडीकल टेस्ट होना भी ज़रूरी है। एक बार आपने ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण ले लिया तो फिर आपको ड्रोन पायलट का लाइसेंस लेना पड़ता है, यह लाइसेंस डीजीसीए के द्वारा ही मिलता है। ड्रोन पायलट बनना कतई मुश्किल नहीं है बस अंग्रेजी में कुशलता और तकनीकी से लगाव होना चाहिए।

देश में ड्रोन प्रशिक्षण केन्द्र

भारत में बहुत तेज़ी से ड्रोन प्रशिक्षण केन्द्र खोले जा रहे हैं। इस समय यानी अगस्त 2023 तक देशभर में 60 ड्रोन प्रशिक्षण केन्द्र है लेकिन साल के अंत तक इनकी संख्या बढ़कर 100 होने की उम्मीद है। मौजूदा समय में सबसे ज्यादा ड्रोन प्रशिक्षण केन्द्र महाराष्ट्र में है, जिनकी संख्या 11 है। हरियाणा में 10, गुजरात में 6, तमिलनाडु में 4 तथा पंजाब और दिल्ली में एक-एक। ड्रोन प्रशिक्षण केन्द्र हैं। जहां तक मौजूदा समय में ड्रोन पायलट्स की बात है तो सबसे ज्यादा तमिलनाडु में 1087 ड्रोन पायलट्स हैं। जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र का स्थान है, जहां 744 ड्रोन पायलट्स हैं। इसके बाद क्रमश: आंध्र प्रदेश में 427, गुजरात में 336, उत्तर प्रदेश में 281, नई दिल्ली 145, पश्चिम बंगाल में 110 तथा गोवा में 22 ड्रोन पायलट्स हैं।

क्यों बढ़ रहा है ड्रोन का इस्तेमाल

जिंदगी बहुत तेज़ रफ्तार हो गयी है। इसलिए चाहे दवाओं की डिलिवरी हो या महत्वपूर्ण चीजों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना। शादी समारोहों में आजकल सुरक्षा निगरानी आसमान से की जाती है, ऐसी सुरक्षा निगरानियां ड्रोन्स के हवाले ही होती है। चूंकि यह कैमरे का दौर है इस वजह से ड्रोन एरियल व्यू के लिए मुफीद डिवाइस बन गया है। चाहे राजनीतिक रैलियों की शक्ति आंकलन के लिए जनसभाओं के ऊपर से खींची गई तस्वीरें हों या बाढ़ और आपदा के मौके पर जमीन से ऊपर जाकर वस्तु स्थिति का जायजा लेने की बात हो। मौजूदा समय में सभी कारोबारी क्षेत्र में ड्रोन का जबरदस्त तीव्रता लाने में और आपातकालीन सेवा मुहैय्या कराने में इस्तेमाल हो रहा है। जिन क्षेत्रों में अभी तक सड़कों और रेलगाड़ी के जरिये पहुंचना मुश्किल है, ड्रोन के जरिये वहां भी अब आसानी से पहुंचा जा सकता है। ड्रोन ने सभी तरह की सेवाओं को अनुकूल बना दिया है।

लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं

जहां ड्रोन के बहुत सारे फायदे हैं, वहां इसमें कुछ चुनौतियां भी पैदा की हैं। मसलन- जहां ड्रोन से सरहदी क्षेत्रों पर दुश्मन पर नज़र रखना आसान हुआ है, वहीं देश के अंदर छिपे विश्वासघातियों के लिए ड्रोन के जरिये सरहद पार से दुश्मन आसानी से हथियार, करंसी और नकली दस्तावेज भेजता है जिनके जरिये दुश्मन भारी नुकसान पहुंचा सकता है। ताकतवर रूस को इन दिनों जिस तरह से यूक्रेन घात लगाकर तिलमिला देने वाले पलटवार कर रहा है, वह ड्रोन की ही करामात है यानी ड्रोन छापामार युद्धों को भी आसान बनाया है। इस तरह ड्रोन की अगर बहुत सारे फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं।

कॅरियर और सैलरी

ड्रोन पायलट्स का कॅरियर अभी स्थापित होने के दौर में है, निश्चित रूप से अभी बहुत चीजें अनिश्चित हैं, लेकिन यह तय है कि ड्रोन पायलट्स की आने वाले दिनों में और ज्यादा मांग होगी और इसलिए उसे सैलरी भी ठीक ठाक मिलेगी। मौजूदा समय में जो ड्रोन पायलट्स हैं, उन्हें शुरुआती दौर में 20 से 30 हजार की सैलरी आसानी से मिल जाती है और 6 महीने या एक साल के एक्सपीरियंस के बाद यह ज्यादा हो जाती है। इसलिए कहना चाहिए ड्रोन का भविष्य है। न सिर्फ ड्रोन पायलट बनकर बल्कि ड्रोन के जरिये विभिन्न तरह के कारोबार भी आने वाले दिनों में होंगे, भविष्य में ये आम हवाई कैरियर का काम करेंगे।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर