हमारी जिंदगी को स्मार्ट बनाते हैं कई तरह के स्मार्ट कार्ड

देश की राजधानी दिल्ली की मेट्रो ट्रेन में सफर करने वाले 73.6 प्रतिशत यात्री टिकट के लिए पेमेंट स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। हर महीने औसतन 61,36,626 यात्री मेट्रो ट्रेन से सफर करते हैं, जिनमें से दो तिहाई से ज्यादा दैनिक यात्री टिकट खरीदने के लिए स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। स्मार्ट कार्ड दरअसल जेब के आकार का प्लास्टिक से बना ऐसा कार्ड है, जिसमें एक माइक्रोप्रोसेसर और एक मेमोरी चिप या सिर्फ एक मेमोरी चिप मौजूद होती है। जिस स्मार्ट कार्ड में माइक्रोप्रोसेसर होता है, उसमें कई तरह की जानकारियां जोड़ी या घटायी जा सकती हैं। स्मार्ट कार्ड में विभिन्न तरह के डाटा संग्रहित होते हैं। ये हमारी आईडेंटी को कैरी करने का जरिया होते हैं, साथ ही इनसे शॉपिंग भी आसानी से की जाती है। यही वजह है कि इन दिनों स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल घर की अनेक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए होता है। सच बात तो यह है कि आज हमारी जीवनशैली, जो इस कदर स्मार्ट हो गई है, उसमें बड़ी भूमिका इन कई तरह के स्मार्ट कार्डों की भी है। 
आजकल सभी तरह के उपभोक्ता सामान और सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कम्पनियां पेमेंट लेने के लिए स्मार्ट कार्ड को सीधे क्रेडिट कार्ड की भूमिका में उतार दिया है। क्योंकि स्मार्ट कार्ड में कार्ड धारक और कार्ड तक पहुंच चाहने वाले तीसरे पक्षों को सुरक्षित रूप से पहचानने और प्रमाणित करने के तरीके उपलब्ध होते हैं। मसलन किसी भी कार्ड धारक को अपने आपको प्रमाणित करने के लिए एक निश्चित पिन कोड या बायोमेट्रिक डाटा का उपयोग करना पड़ता है। स्मार्ट कार्ड डाटा को सुरक्षित रूप से संग्रहित करने और इंक्रिप्शन के साथ संचार को सुरक्षित रखने का तरीका भी प्रदान करते हैं। इसलिए स्मार्ट कार्ड बहुत ज्यादा इस्तेमाल में आ गये हैं। स्मार्ट कार्ड को इस कदर उपयोगी बनाने में सबसे ज्यादा भूमिका चार अंकों वाले स्मार्ट पिन नंबर की होती है, जो एक तरह से हर बार स्मार्ट कार्ड धारक को अपनी पहचान सत्यापित करने में मदद करता है। स्मार्ट कार्ड का स्मार्ट पिन हमेशा चार अंकों का ही होता है और यह उपभोक्ता द्वारा खुद चुना जाता है। 
चूंकि कोरोना के पहले ही अपने देश में बड़े पैमाने पर स्मार्ट शॉपिंग होने लगी थी यानी एक ऐसी खरीदारी जिसमें जेब से रूप निकालने की बजाय प्लास्टिक की कार्ड से भुगतान किया जाता है। स्मार्ट कार्ड अपनी स्मार्टनेस के कारण डेबिट कार्ड पर भी भारी पड़ते हैं, क्योंकि इनके बीच कार्यक्षमता का जो अंतर होता है, उसमें स्मार्ट कार्ड में जो एम्बेडेड माइक्रोप्रोसेसर चिप होती है, उसके जरिये इसे भुगतान लेनदेन में बार-बार इस्तेमाल किए जाने के साथ दूसरे विभिन्न उपयोगों में भी इसका इस्तेमाल होता है। जबकि डेबिट कार्ड सिर्फ बैंक खाते से भुगतान करने के काम आता है। स्मार्ट कार्ड ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को इसलिए भी काफी स्मार्ट बना दिया है, क्योंकि इसके चलते अब हमें बहुत सारी चीजें हमेशा साथ लेकर नहीं चलनी पड़ती। जैसे हमारे तमाम डाक्यूमेंट इसमें सुरक्षित होते हैं। यह विभिन्न तरह के कॉन्टैक्टलेस संपर्कों के काम आता है। अपने में कनेक्ट प्लेट की मौजूदगी के कारण यह कहीं पर भी सीधे फिजिकल सम्पर्क में होता है। यही वजह है कि यह बैंकिंग सेवाओं में तो इस्तेमाल होता ही है, दूर संचार व आईडी कार्ड सिस्टम में भी इसका उपयोग होता है। सबसे ज्यादा आजकल इसका उपयोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को एक्सेस करने में होता है। यह क्रेडिट कार्ड की तरह ही इस्तेमाल होता है, जिस कारण यह हमें काफी हद तक बेफिक्री देता है।
एक स्मार्ट कार्ड में डुएल इंटरफेस भी होता है यानी इसमें कार्ड कॉन्टैक्ट तथा कॉन्टैक्टलेस इंटरफेस दोनों को सम्मलित किया जाता है। जिस कारण ये अलग-अलग सिस्टम में उपयोगी साबित होते हैं। स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल लोग ज्यादातर समय पेमेंट करने, अपनी पहचान साबित करने और सेफ एक्सेस कंट्रोल में करते हैं। स्मार्ट कार्ड के हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में और बहुत सारे फायदे हैं। यह इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट को सुविधाजनक बनाता है। यही वजह है कि आज की तारीख में हर महीने 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की शॉपिंग स्मार्ट कार्ड के जरिये होती है। स्मार्ट कार्ड चूंकि साइज और वेट में बहुत हल्के होते हैं, साथ ही इन्हें अपने वायलेट में आसानी से रखा जा सकता है जैसे हम अपने विजिटिंग कार्ड रखते हैं। इसमें हमारी बैंकिंग जैसी सुविधा है जिसे हम साथ लेकर हर जगह चलते हैं। स्मार्ट कार्ड इसलिए भी लोकप्रिय है क्योंकि इनका इस्तेमाल बहुत आसानी से गैरपढ़े लिखे यानी अनपढ़ लोग भी कर सकते हैं और करते हैं। 
लेकिन स्मार्ट कार्ड की अपनी कुछ खामियां भी हैं। मसलन कई बार स्मार्ट कार्ड रीडर सभी प्रकार के स्मार्ट कार्ड के अनुरूप नहीं होते। इसे इस तरह समझें कि मान लीजिए कि आपने किसी रेस्टोरेंट में खाना खाया और स्मार्ट कार्ड से पेमेंट करने की सोची, लेकिन रेस्टोरेंट में मौजूद स्मार्ट कार्ड रीडर आपके स्मार्ट कोर्ड को रीड ही नहीं कर पा रहा, ऐसी स्थिति में बड़ी असहज स्थिति हो सकती है, अगर आपके पास भुगतान के लिए कैश पैसे या कोई दूसरा ऑनलाइन उपाय न हो। स्मार्ट कार्ड का एक नुकसान यह भी है कि अगर यह अचानक गुम हो जाए तो आपको कई दिनों तक कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है, साथ ही इसके हैक किये जाने की भी आशंकाएं होती हैं। लेकिन इन कुछ परेशानियों और खामियों के बाद भी स्मार्ट कार्ड हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को इतनी आसानी से स्मार्ट और स्मूथ बनाता है कि इसका इस्तेमाल दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। शॉपिंग के लिए जिस क्षेत्र में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, वह ट्रांसपोर्टेशन और रोजमर्रा की राशन आदि की शॉपिंग का क्षेत्र है। 
स्मार्ट कार्ड एक या दो नहीं बल्कि कई प्रकार के होते हैं। जैसे पेमेंट स्मार्ट कार्ड, यह आमतौर पर शॉपिंग करने और लेनदेन में ही सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता है। क्रेडिट कार्ड और डेबिड कार्ड इसी का हिस्सा होते हैं। आधार कार्ड एक दूसरा स्मार्ट कार्ड है जो हमारी ऑनलाइन पहचान का इन दिनों सबसे बड़ा जरिया है। अब ड्राइविंग लाइसेंस भी एक स्मार्ट कार्ड है, जिसमें किसी ड्राइवर की सारी व्यक्तिगत जानकारियां और उसकी गाड़ी की सारी जानकारियां मौजूद होती हैं। इन सबके अलावा एम्बेडिड स्मार्ट कार्ड भी होते हैं, जो वास्तव में हमारी व्यक्तिगत पहचान, सुरक्षा पासवर्ड और डिजिटल सुरक्षा उद्देश्यों में इस्तेमाल होते हैं। एक और महत्वपूर्ण स्मार्ट कार्ड होता है जिससे एक्सेस कार्ड भी कहते हैं। यह कार्ड विभिन्न संस्थानों और संगठनों के कर्मचारियों को पहचानने और विशिष्ट स्थान व सुविधाओं तक पहुंचाने में मददगार होता है। -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर