होली : रंगों में छिपा जीवन का संदेश
आज होली पर विशेष
होली न सिर्फ रंगों का त्यौहार है, अपितु यह जीवन की विभिन्नता, आनंद तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है। होली का त्यौहार हमें जीवन की हर भावना तथा हर स्थिति का खुले मन से स्वागत करना सिखाता है। यह त्यौहार प्यार, सद्भावना, आनन्द तथा अध्यात्मिक जागृति का एक ब्रह्म अवसर है, जो हमें जीवन को पूरी तरह जीने के लिए प्रेरित करता है।
होली तथा अध्यात्मिक जागृति
होली केवल बाहरी रंगों का त्यौहार नहीं है, अपितु यह आत्मा के भीतर छिपे रंगों को पहचानने एवं प्रकट करने का त्यौहार भी है। यह त्यौहार हमें बताता है कि हमें अपने जीवन में अनावश्यक बंधनों एवं चिन्ताओं को छोड़ कर प्रकाश एवं आनन्दमयी बनना चाहिए। होली एक नई शुरूआत का प्रतीक है, जब हम पुराने दु:खों एवं शिकायतों को जलाते हैं और खुशी एवं प्यार से भरे एक नये जीवन का स्वागत करते हैं।
अतीत का ईंधन एवं नई ऊर्जा का निवेश
होली अतीत के सभी बंधनों, दर्द एवं नकारात्मकता को जलाने का अवसर है। जब हम पुराने दर्द एवं बोझ को छोड़ देते हैं तो जीवन नई ऊर्जा एवं आनन्द से भर जाता है। यह हमें जीवन को एक नये दृष्टिकोण से देखने तथा हमारे दिल व दिमाग को नई सम्भावनाओं के लिए खोलने का अवसर देता है।
होली का मिथिहास और इसका महत्व
होली की कहानी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। हिरण्यकश्यप एक अहंकारी राजा था, जो चाहता था कि हर कोई उसकी पूजा करे, परन्तु उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान नारायण का भक्त था। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को कहा कि वह प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ जाए, क्योंकि उसे आग में न जलने का वरदान था, परन्तु सत्य व श्रद्धा के बल पर प्रह्लाद का बचाव हो गया और होलिका जल कर राख हो गई। यह वृत्तांत हमें सिखाता है कि सच्चा विश्वास, वफादारी तथा निर्दोशता किसी भी मुश्किल को पार कर सकती है।
विभिन्नता में एकता तथा जीवन की सुन्दरता
होली में अलग-अलग रंग मिल कर सुन्दरता तथा आनन्द पैदा करते हैं, इसी प्रकार हमें जीवन में भी विभिन्नता को अपनाना चाहिए। यदि सभी रंग इकट्ठे मिल जाएं तो वे काले हो जाते हैं। इसी प्रकार जब हम जीवन में अपनी भूमिकाओं को स्पष्ट रूप में नहीं समझते, तो भावनात्मक असंतुलन पैदा होता है।
ध्यान जीवन को संतुलित तथा आनन्दमयी बनाने की कला है।
जीवन में सच्ची खुशी तब आती है, जब हम अपने भीतर गहराई तक जाते हैं। सिमरन केवल एक आध्यात्मिक अभ्यास नहीं है, परन्तु ‘कुछ न करने की कला’ है। ध्यान द्वारा हम एक गहन स्तर पर आराम प्राप्त करते हैं, जो हमें सभी इच्छाओं से दूर ले जाता है और हमारे मन को स्थिरता एवं शांति प्रदान करता है।
होली सिर्फ एक त्यौहार ही नहीं, अपितु जीवन के गहरे अर्थों को समझने का सुनहरी अवसर है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में हर भावना का अपना महत्व है और हमें उन्हें भी खुले दिल से गले लगाना चाहिए। जब हम अपने जीवन को प्यार, सिमरन तथा श्रद्धा से पूरी तरह जीते हैं तो जीवन अपने आप में एक जश्न बन जाता है। जब आत्मा प्रसन्न होती है तो जीवन में रंग तथा आनन्द अपने आप ही प्रकट होते हैं। इस होली पर आओ हम सभी अपने आप को प्यार, खुशी एवं सद्भावना के रंगों से रंगें और जीवन को एक सच्चे जश्न के रूप में मनाएं।