मक्की में तूफानी तेज़ी जारी : मूंग-मसूर भी सुर्ख

नई दिल्ली, 23 जून (एजेंसी): गत सप्ताह बिहार में मक्की की प्रतिस्पर्धात्मक रैक लोडिंग हेतु खरीद जारी रहने से 300 रुपए की और तेजी आ गयी। इसके प्रभाव से दिल्ली सहित उत्तर भारत की मंडियों में भी तूफानी तेजी बनी रही। उक्त बढ़े भाव में भी माल नहीं मिल पाया। वहीं अन्य खाद्यान्नों में स्थिरता रही। दलहनों में मूंग, मसूर नीचे वाले भावों से 100/150 रुपए सुधर गयी। इसके अलावा उड़द, तुअर, चना, काबली चना व मटर के मंदे को  भी विराम लग गया। आलोच्य सप्ताह भी मक्की में चौतरफा रैक वालों की खरीद बिहार के विभिन्न रैक प्वाइंटों से प्रतिस्पर्धात्क बनी रहने से 300 रुपए की तूफानी तेजी वहां आ गयी। जो मक्की 1700 रुपए बीते सप्ताह के अंत में बिकी थी, वह 2000/2050 रुपए  गुलाबबाग, दरभंगा, कुरुसेला, मानसी, खगड़िया एवं सेमापुर रैक प्वाइंटों पर बिक गयी। कच्ची मंडियों से किसी भी भाव में माल के बेचू नहीं आ रहे हैं, जिससे उत्तर भारत में पोल्ट्री व स्टार्च मिलों की खपत के लिए हाजिर लिवाली यूपी के फरूखाबाद, जालौन, उरई, बदायुं लाइन से कारोबारियों को करनी पड़ी। यह यूपी का माल बिहार से हल्का होने के चलते थोड़ा मंदे में बिका। स्टार्च मिलों को बिहार के माल में पड़ते लगने से रैक की मांग अधिक रही। बिहार में माल की कमी को देखते हुए बाजार अभी और बढ़ जाने के आसार बन गये हैं। इसके अलावा गेहूं 10/15 रुपए दब गया, क्योंकि इसके उत्पादों की चालानी मांग यूपी, एमपी एवं राजस्थान में भाव कम होने से घट गयी। उक्त राज्यों से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश के लिए गेहूं सस्ता जाने से इसके उत्पादों की बिक्री चालानी में घट गयी है। बारीक चावल मंदे के बाद ठहर गया तथा धान की मिलिंग महंगी होने से बाजार थोड़ा तेज लगता है। दलहनों में मूंग, आवक कमजोर होने एवं घटे भाव में दाल मिलों की लिवाली से कानपुर लाइन की 6000 रुपए से घटकर 5800 रुपए बिकने के बाद 100/150 रुपए सुधर गयी। अब 5950 रुपए से कम में बेचू नहीं आ रहे हैं। प्रयागराज लाइन की मूंग भी नीचे में 6050 रुपए बिकने के बाद 6200/6250 रुपए बोलने लगे। रांची व नवादा लाइन की मूंग में भी भाव सुधर गये। मसूर भी बिल्टी में 4400 रुपए नीचे में बिकने के बाद 4500/4525 रुपए हो गयी। कनाडा की नई 4300/4325 रुपए बोलने लगे।