ओम नम: शिवाय

जय शिव भोले नीललोहित , गिरीश, शर्व हरि परमेश्वर।
तीनों लोकों के तुम ही स्वामी, उमापति, अज, महेश्वर।
जय शिव भोले...।
ओम नम: शिवाय...।
तेरी महिमा का किसी ने कभी पार नहीं है पाया,
जिसने भी तेरा ध्यान किया है, उसने ही वर पाया,
तुम करुणा के सागर हो प्रभु, अविनाशी, विश्वेश्वर।
जय शिव भोले...।
ओम नम: शिवाय...
देवों के तुम महादेव हो योगियों के महायोगी,
काल के महांकाल हो तुम कहीं तुझसी उपमा न होगी,
नाग गले में, मस्तक पे चन्दा गंगधारी, सोमेश्वर।
जय शिव भोले...।
ओम नम: शिवाय...।
हमको अपनी भक्ति देना 
मन निर्मल बनाये रखना, 
पाप, अधर्म की दुरवृति से 
सदैव बचाये रखना,
विनय हमारी सुनना भगवन,
विष्णुवल्लभ, सर्वेश्वर।
जय शिव भोले...।
ओम नम: शिवाय...।

—अजय ब्रह्मी